चंडीगढ़: हरियाणा रोड़वेज कर्मचारी तालमेल कमेटी द्वारा 20 जुलाई को होने वाली बैठक में स्टेज कैरिज स्कीम व किलोमीटर स्कीम रद्द करने की मांग को लेकर एवं लम्बित मांगों को लागू करवाने के लिए आन्दोलन तेज किया जाएगा. हरियाणा रोड़वेज वर्कर्स यूनियन सम्बन्धित सर्व कर्मचारी संघ के राज्य प्रधान इन्द्र सिंह बधाना की अध्यक्षता में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से वीरवार को ऑनलाइन सम्पन्न हुई राज्य, केन्द्र की बैठक में ये निर्णय लिया गया. बैठक में राज्य प्रधान के अलावा महासचिव सरबत सिंह पूनिया, वरिष्ठ उप प्रधान नरेन्द्र दिनोद, कोषाध्यक्ष राजपाल सहित संगठन के अन्य पदाधिकारियों ने भाग लिया.
'रोड़वेज कर्मचारियों की मांगों को लेकर सरकार गंभीर नहीं'
बैठक के बाद राज्य प्रधान इन्द्र सिंह बधाना ने बताया कि सरकार व विभाग के उच्च अधिकारी कोरोना महामारी की आड़ में रोड़वेज कर्मचारियों की वर्षों से लम्बित मांगों को लागू करने के लिए बिल्कुल भी गम्भीर नहीं हैं. उन्होंने कहा कि जब कर्मचारियों को कुछ देने की मांग करते हैं तब अधिकारी कोरोना महामारी की दुहाई देकर मांगों को लागू करने में आनाकानी करते हैं. दूसरी तरफ कोरोना महामारी को अवसर मानकर स्टेज कैरिज स्कीम लागू करने के लिए आनन फानन में मीटिंग करके विभाग का निजीकरण करने में दिन-रात जुटे हुए हैं. जिस कारण सरकार रोड़वेज कर्मचारियों को सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर कर रही है.
उन्होंने कहा कि 4 जून को परिवहन मंत्री के साथ हुई बातचीत में अतिरिक्त मुख्य सचिव परिवहन विभाग द्वारा 15 दिन में परिचालकों को ई टिक्टिंग मशीन उपलब्ध करवाने, कोरोना महामारी से बचाव के लिये सभी बसों में चालक का कैबिन अलग से तुरन्त बनवानें, कर्मशाला कर्मचारियों के राजपत्रित अवकाश पहले की तरह लागू करने, चार साल से रोड़वेज कर्मचारियों का बकाया बोनस का भुगतान करने व 6 जनवरी को परिवहन मंत्री के साथ सहमत मांगों को 15 दिन में लागू करने के बारे में महानिदेशक राज्य परिवहन को आदेश दिया गया था.
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कर्मचारी नेताओं ने कहा महानिदेशक व उच्च अधिकारी लम्बित मांगों को लागू करने के लिए बिल्कुल भी गम्भीर नहीं है, बल्कि सरकार ने जून 2021 तक का महंगाई भत्ता व एलटीसी नहीं देने का पत्र जारी करके आग में घी डालने का काम किया है. उन्होंने कहा कि 2002 से पहले के भर्ती कर्मचारियों को नियुक्ति तिथि से पक्का करने व कर्मशाला कर्मचारियों के राजपत्रित अवकाश पहले की तरह लागू करने के बारे में अनेक लिखित समझौते रद्दी की टोकरी में डाल दिए हैं.
ये हैं रोड़वेज कर्मचारियों की मांगें-
- 5 हजार रुपये जोखिम भत्ता देना
- परिचालकों का पे स्केल बढ़ाना
- 2016 में भर्ती चालकों को पक्का करना
- विभाग में खाली पड़े 6800 पदों पर पक्की भर्ती करना
- खाली पड़े हजारों प्रॅमोशनल पदों पर प्रमोशन करना
- कर्मचारियों की वर्दी व जूतों के रेट बढ़ाना
- कोरोना महामारी के चलते मौत के मुंह में रह कर ड्यूटी कर रहे रोड़वेज कर्मचारियों को 50 लाख रुपये एक्शग्रेसिया बीमा पॉलिसी में शामिल करने, सुरक्षा उपकरण उपलब्ध करवाने, लाॅकडाउन के दौरान लगभग 400 करोड़ रुपए व डीजल के दामों में भारी बढ़ोतरी के नुकसान की भरपाई के लिए सरकार द्वारा विभाग को आर्थिक पैकेज देना
- परिचालकों को ई टिक्टिंग मशीन उपलब्ध करवाना
- विभाग में निजीकरण, ठेका प्रथा व आउटसोर्सिंग की पॉलिसी रद्द करना
- विभाग में 14 हजार सरकारी बसें शामिल करना
बैठक में पीटीआई अध्यापकों के आन्दोलन का पुरजोर समर्थन करते हुए हटाए गए सभी अध्यापकों को तुरन्त ड्यूटी पर लेने की मांग की गई है. इस मौके पर उपस्थित सभी राज्य पदाधिकारियों ने सरकार की निजीकरण व जनविरोधी नीतियों की जमकर आलोचना की.
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