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चंडीगढ़: अवमानना याचिका पर हाई कोर्ट ने मांगा हरियाणा रोडवेज कर्मचारी नेताओं से जवाब

अवमानना याचिका पर कोर्ट को बताया गया कि रोडवेज यूनियन नेताओं ने हाई कोर्ट में हड़ताल पर न जाने की अंडरटेकिंग दी थी फिर भी हड़ताल पर चले गए थे. इस पर हाईकोर्ट ने कहा कि अंडरटेकिंग देकर इसके खिलाफ जाने वाले रोडवेज नेताओं को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा.

High Court
हाईकोर्ट
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Published : Feb 5, 2020, 7:46 AM IST

चंडीगढ़: हरियाणा में रोडवेज कर्मचारियों की तरफ से 510 रूट परमिटों को लेकर की 20 दिन लंबी हड़ताल पर रोडवेज कर्मचारी नेताओं से हाईकोर्ट ने जवाब मांग लिया है. दरअसल, अवमानना मामले पर सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट को बताया गया कि कर्मचारी नेताओं ने हाईकोर्ट में अंडरटेकिंग देने के बाद भी हड़ताल में शामिल हुए.

इस पर पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने कर्मचारी नेताओं से याचिका पर जवाब देने को कहा है. साथ ही हाई कोर्ट ने हरियाणा सरकार से भी पूछा है कि क्या कर्मचारी नेताओं ने कोर्ट की अवमानना की है.

हरियाणा सरकार और रोडवेज कर्मचारी नेताओं से इस पर जवाब मांग लिया है. इससे पहले हाई कोर्ट में एस्मा के दौरान कर्मचारियों के खिलाफ हुई कार्रवाई के मामले में हाई कोर्ट की तरफ से याचिका का निपटारा कर दिया गया.

सरकार ने मंगलवार को परिवहन निदेशक का पत्र सौंपते हुए बताया कि हड़ताल के कारण जिन कर्मचारियों पर विभागीय कार्रवाई की गई थी, उसे वापस लिया जा रहा है. साथ ही जिन हड़ताली कर्मचारियों के खिलाफ एस्मा के तहत कार्रवाई चल रही है. उसे वापस लेने के लिए गृह विभाग को प्रस्ताव भेजा जा रहा है.

जो कर्मचारी हड़ताल के दिनों में अनुपस्थित थे, उनको सशर्त देय अवकाश में बदला जा रहा है. हड़ताल में शामिल 92 कर्मचारी जिनकी सेवाएं समाप्त कर दी गई थीं. उनकी सेवा समाप्ती के आदेश भी वापस लिए जा रहे हैं. इस पर हाई कोर्ट ने जनहित याचिका का निपटारा कर दिया.

वहीं अवमानना याचिका पर कोर्ट को बताया गया कि रोडवेज यूनियन नेताओं ने हाई कोर्ट में हड़ताल पर न जाने की अंडरटेकिंग दी थी फिर भी हड़ताल पर चले गए थे. इस पर हाई कोर्ट ने कहा कि अंडरटेकिंग देकर इसके खिलाफ जाने वाले रोडवेज नेताओं को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा.

कोर्ट ने इसे हाई कोर्ट की अवमानना बताते हुए सभी रोडवेज नेताओं से जवाब तलब कर लिया है. पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने अब हरियाणा सरकार से एस्मा के तहत दर्ज इन नेताओं के मामले में हुई जांच की रिपोर्ट तलब कर ली है.

कोर्ट ने सरकार से पूछा है कि वो बताएं कि क्या रोडवेज यूनियन नेताओं ने अंडरटेकिंग देकर इसके खिलाफ कार्य किया है या नहीं. वहीं रोडवेज नेताओं से अवमानना याचिका पर जवाब दाखिल करने के आदेश दिए हैं.

हड़ताली रोडवेज यूनियन नेताओं पर अब अवमानना की कार्रवाई की तलवार लटक गई है. हाई कोर्ट ने हरियाणा सरकार से पूछा है कि क्या रोडवेज नेताओं ने अपनी दी अंडरटेकिंग के खिलाफ जाकर काम किया है, साथ ही रोडवेज नेताओं को अवमानना याचिका पर जवाब दाखिल करने के आदेश दिए हैं.

ये भी पढ़ें- नेट भी, डिग्री भी और नौकरी चपरासी की...पानी पिलाते, बच्चों को पढ़ाते, ये हैं अंबाला के 'पिओन सर'

चंडीगढ़: हरियाणा में रोडवेज कर्मचारियों की तरफ से 510 रूट परमिटों को लेकर की 20 दिन लंबी हड़ताल पर रोडवेज कर्मचारी नेताओं से हाईकोर्ट ने जवाब मांग लिया है. दरअसल, अवमानना मामले पर सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट को बताया गया कि कर्मचारी नेताओं ने हाईकोर्ट में अंडरटेकिंग देने के बाद भी हड़ताल में शामिल हुए.

इस पर पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने कर्मचारी नेताओं से याचिका पर जवाब देने को कहा है. साथ ही हाई कोर्ट ने हरियाणा सरकार से भी पूछा है कि क्या कर्मचारी नेताओं ने कोर्ट की अवमानना की है.

हरियाणा सरकार और रोडवेज कर्मचारी नेताओं से इस पर जवाब मांग लिया है. इससे पहले हाई कोर्ट में एस्मा के दौरान कर्मचारियों के खिलाफ हुई कार्रवाई के मामले में हाई कोर्ट की तरफ से याचिका का निपटारा कर दिया गया.

सरकार ने मंगलवार को परिवहन निदेशक का पत्र सौंपते हुए बताया कि हड़ताल के कारण जिन कर्मचारियों पर विभागीय कार्रवाई की गई थी, उसे वापस लिया जा रहा है. साथ ही जिन हड़ताली कर्मचारियों के खिलाफ एस्मा के तहत कार्रवाई चल रही है. उसे वापस लेने के लिए गृह विभाग को प्रस्ताव भेजा जा रहा है.

जो कर्मचारी हड़ताल के दिनों में अनुपस्थित थे, उनको सशर्त देय अवकाश में बदला जा रहा है. हड़ताल में शामिल 92 कर्मचारी जिनकी सेवाएं समाप्त कर दी गई थीं. उनकी सेवा समाप्ती के आदेश भी वापस लिए जा रहे हैं. इस पर हाई कोर्ट ने जनहित याचिका का निपटारा कर दिया.

वहीं अवमानना याचिका पर कोर्ट को बताया गया कि रोडवेज यूनियन नेताओं ने हाई कोर्ट में हड़ताल पर न जाने की अंडरटेकिंग दी थी फिर भी हड़ताल पर चले गए थे. इस पर हाई कोर्ट ने कहा कि अंडरटेकिंग देकर इसके खिलाफ जाने वाले रोडवेज नेताओं को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा.

कोर्ट ने इसे हाई कोर्ट की अवमानना बताते हुए सभी रोडवेज नेताओं से जवाब तलब कर लिया है. पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने अब हरियाणा सरकार से एस्मा के तहत दर्ज इन नेताओं के मामले में हुई जांच की रिपोर्ट तलब कर ली है.

कोर्ट ने सरकार से पूछा है कि वो बताएं कि क्या रोडवेज यूनियन नेताओं ने अंडरटेकिंग देकर इसके खिलाफ कार्य किया है या नहीं. वहीं रोडवेज नेताओं से अवमानना याचिका पर जवाब दाखिल करने के आदेश दिए हैं.

हड़ताली रोडवेज यूनियन नेताओं पर अब अवमानना की कार्रवाई की तलवार लटक गई है. हाई कोर्ट ने हरियाणा सरकार से पूछा है कि क्या रोडवेज नेताओं ने अपनी दी अंडरटेकिंग के खिलाफ जाकर काम किया है, साथ ही रोडवेज नेताओं को अवमानना याचिका पर जवाब दाखिल करने के आदेश दिए हैं.

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हरियाणा में रोडवेज कर्मचारियों की तरफ से 510 रूट परमिटों को लेकर की 20 दिन लंबी हड़ताल पर रोडवेज कर्मचारी नेताओं से हाईकोर्ट ने जवाब मांग लिया है । दरअसल अवमानना मामले पर सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट को बताया गया कि कर्मचारी नेताओं ने हाईकोर्ट में अंडरटेकिंग देने के बाद भी हड़ताल में शामिल हुए । इस पर पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने कर्मचारी नेताओं से आना याचिका पर जवाब देने को कहा है साथ ही हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार से भी पूछा है कि क्या कर्मचारी नेताओं ने कोर्ट की अवमानना की है । हरियाणा सरकार और रोडवेज कर्मचारी नेताओं से इस पर जवाब मांग लिया है । इससे पहले हाईकोर्ट में एस्मा के दौरान कर्मचारियों के खिलाफ हुई कार्रवाई के मामले में हाई कोर्ट की तरफ से याचिका का निपटारा कर दिया गया । सरकार ने मंगलवार को परिवहन निदेशक का पत्र सौंपते हुए बताया कि हड़ताल के कारण जिन कर्मचारियों पर विभागीय कार्रवाई की गई थी उसे वापिस लिया जा रहा है । साथ ही जिन हड़ताली कर्मचारियों के विरूद्घ एस्मा के तहत कार्रवाई चल रही है उसे वापिस लेने के लिए गृह विभाग को प्रस्ताव भेजा जा रहा है । जो कर्मचारी हड़ताल के दिनों में अनुपस्थित थे उनको सशर्त देय अवकाश में बदला जा रहा है । हड़ताल में शामिल 92 कर्मचारी जिनकी सेवाएं समाप्त कर दी गई थी उनकी सेवा समाप्ती के ओदश भी वापिस लिए जा रहे हैं । इसपर हाईकोर्ट ने जनहित याचिका का निपटारा कर दिया । Body:वहीं अवमानना याचिका पर कोर्ट को बताया गया कि रोडवेज यूनियन नेेताओं ने हाईकोर्ट में हड़ताल पर न जाने की अंडरटेकिंग दी थी फिर भी हड़ताल पर चले गए थे । इसपर हाईकोर्ट ने कहा कि अंडरटेकिंग देकर इसके खिलाफ जाने वाले रोडवेज नेताओं को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा । कोर्ट ने इसे हाईकोर्ट की अवमानना बताते हुए सभी रोडवेज नेताओं से जवाब तलब कर लिया है । पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने अब हरियाणा सरकार से एस्मा के तहत दर्ज इन नेताओं के मामले में हुई जांच की रिपोर्ट तलब कर ली है । कोर्ट ने सरकार से पूछा है कि वह बताएं कि क्या रोडवेज यूनियन नेताओं ने अंडरटेकिंग देकर इसके खिलाफ कार्य किया है या नहीं । वहीं रोडवेज नेताओं से अवमानना याचिका पर जवाब दाखिल करने के आदेश दिए हैं ।Conclusion:वीओ -
हड़ताली रोडवेज यूनियन नेताओं पर अब अवमानना की कार्रवाई की तलवार लटक गई है । हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार से पूछा है कि क्या रोडवेज नेताओं ने अपनी दी अंडरटेकिंग के खिलाफ जाकर काम किया है , साथ ही रोडवेज नेताओं को अवमानना याचिका पर जवाब दाखिल करने के आदेश दिए हैं ।
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