चंडीगढ़: पांच राफेल लड़ाकू विमान आज (गुरुवार) को ऑफिशियल तौर पर भारतीय वायुसेना में शामिल हो गए. ऐसे में भारत को लंबे समय से राफेल का जो इंतजार था वो अब खत्म हो गया है. राफेल को लेकर ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए रिटायर्ड ब्रिगेडियर कुलदीप सिंह काहलों ने कहा कि चीन के साथ जिस तरह से माहौल चल रहा है, उसके बीच राफेल मिलने के साथ साउथ एशिया में हमारी शक्ति बढ़ेगी और दुश्मन को भी ये वार्निंग है.
रिटायर्ड ब्रिगेडियर काहलों ने बताया कि बोफोर्स को लेकर काफी समय तक कॉन्ट्रवर्सी चली मगर कारगिल में बोफोर्स ने अपना दम दिखाया. अब राफेल को लेकर संसद तक में बहस देखने को मिली है. ये सबसे बेहतर बेस्ट फाइटर एयरक्राफ्ट है. बिना किसी देश की सीमा में जाए भी ठिकानों को निशाना बना सकता है. बिना एयरस्पेस में घुसपैठ के भी कार्रवाई कर सकता है. इससे हमारे डिफेंस सिस्टम को बेहद मजबूत मिलेगी. काहलों ने कहा कि 2 फ्रंट वॉर पर बात चल रही है. पाकिस्तान के पास क्षमता नहीं है, उनके पास एफ-16 है जो यूएसए से आए हैं, उससे राफेल काफी बेहतर है.
काहलों ने कहा कि चाइना का आर्मी स्ट्रेंथ फाइटर एयर क्राफ्ट अधिक है मगर चाइना को भी कड़ा संदेश है कि जैसी हरकत उन्होंने की है फिर न करें. उन्होंने कहा कि राफेल सबसे बेस्ट फाइटर एयरक्राफ्ट है. राफेल में सबसे खास बात ये है कि राफेल एयर टू एयर मिसाइल 150 किलोमीटर तक फायर कर सकता है जबकि आसमान से जमीन तक 300 किलोमीटर तक मार कर सकता है. अपने इलाके से ही दुश्मन के इलाके में बिना जाए ही स्ट्राइक की जा सकती है.
मजबूत एयर डिफेंस सिस्टम जरूरी
उन्होंने कहा कि एयर डिफेंस सिस्टम जरूरी है ताकि हमारे राफेल और जंगी फाइटर जेट को बचाया जा सके. कागिल युद्ध में देर से एयरक्राफ्ट का इस्तेमाल किया गया था जबकि 1962 की जंग में फाइटर एयर क्राफ्ट का चाइना के खिलाफ इस्तेमाल नहीं किया गया था, अगर इस्तेमाल किया होता तो स्तिथि कुछ और होती.
एक्सपर्ट के अनुसार पाकिस्तान राफेल की जद में है. अगर चाइना की बात की जाए तो हमारे लेह में एयर फील्ड है, चंडीगढ़ में भी एयर फील्ड है जिससे सीधा पहुंचा जा सकता है. ईस्टर्न फ्रंट की बात की जाए तो वहां एयर फील्ड डेवेलप है, वहां से चाइना की तरफ बिना उनकी एयर स्पेस में घुसपैठ किए टारगेट को मात दी जा सकती है. वहीं चाइना के साथ हमें भूगोलिक हालातों का फायदा भी मिलेगा. दूसरी तरफ एस-400 आने के बाद भारत का एयर डिफेंस सिस्टम और भी ज्यादा मजबूत होगा. ऐसे में चाइना के लिए अब भारत की तरफ आंखें दिखाना मुमकिन नहीं होगा.
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