चंडीगढ़: बलात्कार और हत्या मामले में उम्र कैद की सजा काट रहे हरियाणा स्थित डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट (punjab and haryana high court) से बड़ी राहत मिली है. उनको अब पंजाब पुलिस की एसआईटी किसी भी जांच में प्रत्यक्ष रूप से शामिल नहीं कर सकेगी. अगर पंजाब पुलिस की एसआईटी को राम रहीम से पूछताछ करनी है तो वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ही पूछताछ करनी होगी.
इस बारे में जानकारी देते हुए राम रहीम (Gurmeet Ram Rahim) की वकील कनिका आहूजा ने बताया कि उनके खिलाफ बेअदबी के मामले में तीन एफआईआर दर्ज हैं. पहली 63, दूसरी 117, तीसरी 128. जब पहले कोर्ट ने एसआईटी के कहने पर प्रोडक्शन वारंट जारी किए थे तो भी एफआईआर नंबर-63 के तहत थे. उसके तहत जारी प्रोडक्शन वारंट को पहले ही कोर्ट ने स्टे कर दिया था. इसके बाद हमने कोर्ट में एप्लीकेशन लगाई थी कि बाकी जो दो मामले एफआईआर नंबर 117 और 128 हैं उनमें भी अगर राम रहीम को जांच में शामिल करना है तो वीडियो कांफ्रेंस के जरिए ही शामिल किया जाए, पंजाब ना ले जाया जाए. जिस पर सोमवार को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई.
पंचकूला में सीबीआई की एक विशेष अदालत ने डेरा के पूर्व मैनेजर रंजीत की हत्या के मामले में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को उम्रकैद की सजा सुनाई थी. इसके साथ ही चार अन्य आरोपियों को भी आजीवन कारावास की सजा सुनाई जा चुकी है. कोर्ट ने राम रहीम पर 31 लाख रुपये और बाकी आरोपियों पर 50-50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया था.
गुरुमीत राम रहीम हत्या और रेप के आरोप में पहले ही आजीवन कारावास काट रहा है. वह रोहतक की सुनारिया जेल में बंद हैं. साध्वी से रेप और हत्या की घटना के बाद डेरा मैनेजर रंजीत ने डेरा सच्चा सौदा छोड़ दिया था. बाद में उनकी भी हत्या कर दी गई थी.
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