चंडीगढ़: लॉकडाउन-4 में प्रशासन और सरकारों की तरफ से कई तरह की रियायतें जरूर दी गई हैं, लेकिन अभी तक पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट और अन्य कोर्ट पूरी तरह से नहीं खुल पाए हैं. इसलिए हाईकोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जरूरी मामलों की सुनवाई हो रही है. वहीं पंजाब-हरियाणा बार काउंसिल ने दो वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग रूम भी बनाए हैं जहां पर पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ के ऑनरोल वकील आकर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अपने केस में अपीयर हो सकते हैं.
कई वकीलों को इंटरनेट की हो रही परेशानी
एडवोकेट जनरल अतुल नंदा ने कहा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग और फिजिकल अपीरियंस की सुनवाई में बहुत फर्क है. कई एडवोकेट इंटरनेट ना होने के कारण वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए केस नहीं लड़ पा रहे हैं इसलिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग रूम तैयार किया गया है. उन्होंने कहा कि हर कोई चाहता है कि कोर्ट जल्द से जल्द खुल जाए, लेकिन स्वास्थ्य विभाग की गाइडलाइन और सीनियर डॉक्टर की राय को ध्यान में रखते ही हाईकोर्ट पर कोई फैसला होगा.
ये भी पढ़ें- प्रशासनिक कार्य को निपटाने के लिए सभी सरकारी स्कूलों के कार्यालय खुलेंगे
बार काउंसिल ने वकीलों को आर्थिक सहायता दी
वहीं बार काउंसिल के चेयरमैन चरणजीत सिंह ने कहा कि बहुत से वकील ऐसे हैं जो आर्थिक रूप से सक्षम नहीं है और कोविड-19 के कारण उनकी कोई भी कमाई नहीं हो पाई है. ऐसे में आर्थिक सहायता देने के लिए वकीलों से एप्लीकेशन मंगवाई गई थी. बार काउंसिल के पास 2700 वकीलों की एप्लीकेशन आई हैं जिनमें से 1750 वकीलों को 5000 रुपये की आर्थिक सहायता दी गई है.
बता दें कि, पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में चार लाख से ज्यादा मामले लंबित पड़े हैं. कोरोना वायरस के कारण दो महीने से कोर्ट पूरी तरह से नहीं खुल पाए हैं और आगे भी इसी तरह के आसार नजर आ रहे हैं. हालांकि बार काउंसिल द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग रूम जरूर खोले गए हैं, जो कि देश भर की सभी बार काउंसिल में सिर्फ पंजाब हरियाणा बार काउंसिल द्वारा किया गया है.
ये भी पढ़ें- चंडीगढ़ में कोरोना के दो नए मामले आए सामने, 42 मरीज हुए ठीक