चंडीगढ़: हरियाणा में कोरोना वायरस के संक्रमण फैलने से रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार जेलों में कैदियों का दबाव कम करने फैसला लिया है. सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार पर हरियाणा जेल प्रशासन ने ये फैसला लिया है. इस फैसले के तहत हरियाणा की जेलों में कैदियों की दो से तीन महीने की सजा माफ की जाएगी.
जेल में अच्छे आचरण वाले कैदियों को पंजाब जेल मैनुअल में वर्णित प्रावधान के अनुसार दो महीने की महानिदेशक कारागार और एक महीने तक जेल अधीक्षक सजा में विशेष माफी दी जाएगी. ये माफी गंभीर अपराधों में सजायाफ्ता कैदी बंदियों को नहीं दी जाएगी. कैदियों और बंदियों के लिए फरलो और पैरोल का प्रावधान भी है.
24 मार्च को जस्टिस राजीव शर्मा न्यायधीश पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट एवं कार्यकारी चेयरमैन, हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से बैठक की थी. जिसमें जेल विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव विजय वर्धन और महानिदेशक कारागार के. सेल्वराज भी मौजूद रहे. इस बैठक में कैदियों को पेरोल और फरलो को लेकर फैसला लिया गया. इस में जो कैदी पैरोल या फरलो पर पहले ही बाहर है उनकी पैरोल चार सप्ताह और बढाई जाए.
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इस मामले में हरियाणा के जेल मंत्री रणजीत सिंह चौटाला का कहना है कि जिन कैदियों ने पैरोल या फरलो शांति से गुजारकर जेल वापसी की है उनको और 6 सप्ता ही पैरोल दी जाएगी. जिन कैदियों की आयु 65 वर्ष से अधिक है, एक से अधिक केसों में संलिप्त नहीं हैं और अधिक मात्रा में मादक पदार्थ के केस या धारा 379 बी, पॉक्सो एक्ट, बलात्कार, एसिड अटैक जैसे मामले में सजायाफ्ता नहीं है. उन्हें भी अच्छे आचरण के आधार पर छह सप्ताह की विशेष पैरोल दी जाएगी. इसमें विदेशी कैदियों को शामिल नहीं किया गया है.