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चंडीगढ़ में प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना की कार्यशाला आयोजित, 6 राज्यों ने लिया हिस्सा

हरियाणा महिला एवं बाल विकास विभाग की प्रधान सचिव ने कहा कि पूरे भारत में सितंबर महीने को पोषण माह के रूप में मनाया जा रहा है.

प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना
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Published : Sep 14, 2019, 12:03 AM IST

चंडीगढ़: हरियाणा महिला एवं बाल विकास विभाग की प्रधान सचिव दीप्ति उमाशंकर ने कहा कि देश में जच्चा-बच्चा को सुरक्षित वातावरण एवं पौष्टिक आहार प्रदान किया जाना बहुत ही महत्वपूर्ण है. ताकि कुपोषण के कारण माताओं और बच्चों के जीवन पर होने के कुप्रभावों को कम किया जा सके.

ये भी पढ़ें- गुरुग्राम: सोहना चौक और कमान सराय पर बनेगी मल्टी लेवल पार्किंग, अब नहीं लगेगा जाम

प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना की कार्यशाला का आयोजन

हरियाणा महिला एवं बाल विकास विभाग की प्रधान सचिव दीप्ति उमाशंकर ने शुक्रवार को चंडीगढ़ में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के सही ढंग से क्रियान्वयन एवं समीक्षा के लिए 6 राज्यों की क्षेत्रीय स्तर की कार्यशाला को संबोधित किया.

इन राज्यों ने लिया हिस्सा ?

कार्यशाला में महिला एवं बाल विकास विभाग के निदेशक कैप्टन मनोज कुमार, सामाजिक कल्याण विभाग, जम्मू एवं कश्मीर की मिशन डायरेक्टर शबनम शाह कामली, सामाजिक सुरक्षा एवं महिला एवं बाल विकास विभाग पंजाब की निदेशक गुरप्रीत कौर सपरा के अलावा केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के पदाधिकारियों सहित पंजाब, चंडीगढ़, हिमाचल प्रदेश, जम्मू एंड कश्मीर, दिल्ली और हरियाणा के अधिकारियों ने हिस्सा लिया.

चंडीगढ़ में प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना की कार्यशाला आयोजित, देखें वीडियो

हरियाणा महिला एवं बाल विकास विभाग की प्रधान सचिव ने कहा कि विश्व में कुपोषण के कारण महिलाओं की प्रसव के दौरान होने वाली मृत्यु दर लगभग 17 प्रतिशत है. भारतवर्ष में ये दर एक लाख पर 130 के लगभग है. इसे कम करने में सरकार द्वारा महिलाओं एवं बच्चों के सर्वांगीण विकास हेतु अनेक योजनाएं चलाई जा रही हैं.

सितंबर माह को पोषण माह के रूप में मनाया जा रहा है

हरियाणा महिला एवं बाल विकास विभाग की प्रधान सचिव ने कहा कि पूरे भारतवर्ष में सितंबर माह को पोषण माह के रूप में मनाया जा रहा है. इस दौरान महिलाओं एवं बच्चों में कुपोषण को दूर करने एवं कारणों का पता लगाने का कार्य किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि कुपोषण के कारण बच्चों एवं महिलाओं में विभिन्न बीमारियां हो जाती हैं, जिससे उनका पूर्ण विकास संभव नहीं हो पाता.

क्या है प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना ?

प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत गरीब परिवारों की महिलाओं को प्रसव पूर्व एवं प्रसव के बाद किसी भी तरह का कठोर कार्य न करना पड़े इसके लिए 5000 रूपये की आर्थिक सहायता दी जाती है.

चंडीगढ़: हरियाणा महिला एवं बाल विकास विभाग की प्रधान सचिव दीप्ति उमाशंकर ने कहा कि देश में जच्चा-बच्चा को सुरक्षित वातावरण एवं पौष्टिक आहार प्रदान किया जाना बहुत ही महत्वपूर्ण है. ताकि कुपोषण के कारण माताओं और बच्चों के जीवन पर होने के कुप्रभावों को कम किया जा सके.

ये भी पढ़ें- गुरुग्राम: सोहना चौक और कमान सराय पर बनेगी मल्टी लेवल पार्किंग, अब नहीं लगेगा जाम

प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना की कार्यशाला का आयोजन

हरियाणा महिला एवं बाल विकास विभाग की प्रधान सचिव दीप्ति उमाशंकर ने शुक्रवार को चंडीगढ़ में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के सही ढंग से क्रियान्वयन एवं समीक्षा के लिए 6 राज्यों की क्षेत्रीय स्तर की कार्यशाला को संबोधित किया.

इन राज्यों ने लिया हिस्सा ?

कार्यशाला में महिला एवं बाल विकास विभाग के निदेशक कैप्टन मनोज कुमार, सामाजिक कल्याण विभाग, जम्मू एवं कश्मीर की मिशन डायरेक्टर शबनम शाह कामली, सामाजिक सुरक्षा एवं महिला एवं बाल विकास विभाग पंजाब की निदेशक गुरप्रीत कौर सपरा के अलावा केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के पदाधिकारियों सहित पंजाब, चंडीगढ़, हिमाचल प्रदेश, जम्मू एंड कश्मीर, दिल्ली और हरियाणा के अधिकारियों ने हिस्सा लिया.

चंडीगढ़ में प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना की कार्यशाला आयोजित, देखें वीडियो

हरियाणा महिला एवं बाल विकास विभाग की प्रधान सचिव ने कहा कि विश्व में कुपोषण के कारण महिलाओं की प्रसव के दौरान होने वाली मृत्यु दर लगभग 17 प्रतिशत है. भारतवर्ष में ये दर एक लाख पर 130 के लगभग है. इसे कम करने में सरकार द्वारा महिलाओं एवं बच्चों के सर्वांगीण विकास हेतु अनेक योजनाएं चलाई जा रही हैं.

सितंबर माह को पोषण माह के रूप में मनाया जा रहा है

हरियाणा महिला एवं बाल विकास विभाग की प्रधान सचिव ने कहा कि पूरे भारतवर्ष में सितंबर माह को पोषण माह के रूप में मनाया जा रहा है. इस दौरान महिलाओं एवं बच्चों में कुपोषण को दूर करने एवं कारणों का पता लगाने का कार्य किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि कुपोषण के कारण बच्चों एवं महिलाओं में विभिन्न बीमारियां हो जाती हैं, जिससे उनका पूर्ण विकास संभव नहीं हो पाता.

क्या है प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना ?

प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत गरीब परिवारों की महिलाओं को प्रसव पूर्व एवं प्रसव के बाद किसी भी तरह का कठोर कार्य न करना पड़े इसके लिए 5000 रूपये की आर्थिक सहायता दी जाती है.

Intro:प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के सही ढंग से क्रियान्वयन एवं समीक्षा के लिए 6 राज्यों की क्षेत्रीय स्तर की कार्यशाला आयोजित।

चंडीगढ़, हरियाणा महिला एवं बाल विकास विभाग की प्रधान सचिव दीप्ति उमाशंकर ने कहा कि देश में जच्चा-बच्चा को सुरक्षित वातावरण एवं पौष्टिक आहार प्रदान किया जाना बहुत ही महत्वपूर्ण है ताकि कुपोषण के कारण माताओं एवं बच्चों के जीवन पर होने के कुप्रभावों को कम किया जा सके।

हरियाणा महिला एवं बाल विकास विभाग की प्रधान सचिव दीप्ति उमाशंकर ने शुक्रवार को चंडीगढ़ में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के सही ढंग से क्रियान्वयन एवं समीक्षा के लिए 6 राज्यों की क्षेत्रीय स्तर की कार्यशाला को संबोधित किया। कार्यशाला में महिला एवं बाल विकास विभाग के निदेशक कैप्टन मनोज कुमार, सामाजिक कल्याण विभाग, जम्मू एवं कश्मीर की मिशन डायरेक्टर, शबनम शाह कामली, सामाजिक सुरक्षा एवं महिला एवं बाल विकास विभाग,पंजाब की निदेशक गुरप्रीत कौर सपरा के अलावा केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के पदाधिकारियों सहित पंजाब, चंडीगढ़, हिमाचल प्रदेश, जम्मू एंड कश्मीर, दिल्ली और हरियाणा के अधिकारियों ने हिस्सा लिया। हरियाणा महिला एवं बाल विकास विभाग की प्रधान सचिव ने कहा कि विश्व में कुपोषण के कारण महिलाओं की प्रसव के दौरान होने वाली मृत्यु दर लगभग 17 प्रतिशत है। भारतवर्ष में यह दर एक लाख पर 130 के लगभग है। इसे कम करने में सरकार द्वारा महिलाओं एवं बच्चों के सर्वांगीण विकास हेतू अनेक योजनाएं चलाई जा रही हैं।


Body:हरियाणा महिला एवं बाल विकास विभाग की प्रधान सचिव ने कहा कि पूरे भारतवर्ष में सितंबर माह को पोषण माह के रूप में मनाया जा रहा है। इस दौरान महिलाओं एवं बच्चों में कुपोषण को दूर करने एवं कारणों का पता लगाने का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कुपोषण के कारण बच्चों एवं महिलाओं में विभिन्न बीमारियां हो जाती हैं जिससे उनका पूर्ण विकास संभव नही हो पाता। उन्होंने कहा कि महिला एवं बच्चों का स्वास्थ्य एवं सर्वांगीण विकास,केंद्र सरकार के सतत् विकास गोल-2022 का हिस्सा है। प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना के तहत गरीब परिवारों की महिलाओं को प्रसवपूर्व एवं प्रसव के बाद किसी भी तरह का कठोर कार्य न करना पड़े इसके लिए 5000 रूपये की आर्थिक सहायता दी जाती है।

बाइट- दीप्ति उमाशंकर, प्रधान सचिव, हरियाणा महिला एवं बाल विकास विभाग

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