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विधानसभा चुनाव 2019: नेताओं को बेटा-बेटी, पति-पत्नी सबके लिए चाहिए टिकट, पढ़िए कौन किसकी लॉबिंग में जुटा - हरियाणा में टिकट की टक्कर

हरियाणा में पारिवारिक राजनीति का एक लंबा इतिहास रहा है. कई बड़े-बड़े राजनीतिक परिवार यहां की सियासत को सींचते रहे हैं. इस बार भी कई लोग अपने परिवार को विधानसभा चुनाव के रण में उतारने को आतुर हैं.

race for ticket
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Published : Sep 25, 2019, 9:59 PM IST

Updated : Sep 26, 2019, 1:08 PM IST

चंडीगढ़ः हरियाणा में शुरू से ही राजनीतिक परिवारों का बोलबाला रहा है लेकिन पिछली बार बीजेपी ने कई राजनीतिक परिवारों को सत्ता से बेदखल कर दिया. लेकिन इस जुगत कई राजनीतिक परिवार उनके साथ भी आ गए. जैसे राव इंद्रजीत सिंह और बीरेंद्र सिंह का परिवार. ये दोनों ही कांग्रेस से बीजेपी में शामिल हुए हैं. इसके अलावा कांग्रेस में तो परिवारों का पुराना इतिहास है और इस बार भी उनके कई नेता अपने बेटों के लिए टिकट की मांग कर रहे हैं लेकिन बीजेपी में भी ये मांग तेजी से उठ रही है. इसके अलावा इनेलो और जेजेपी तो हैं ही पारिवारिक पार्टियां.

बीजेपी में ये हैं पारिवारिक टिकट के दावेदार

बीरेंद्र सिंह अपनी पत्नी के लिए मांग रहे टिकट!
चौधरी बीरेंद्र सिंह अपने बेटे को संसद पहुंचा चुके हैं और उनकी पत्नी भी उचाना से मौजूदा विधायक हैं लेकिन बीजेपी की सख्ती के बाद से उन्हें थोड़ी फिक्र हुई है और वो अपनी पत्नी को फिर से विधानसभा भेजना चाहते हैं. हालांकि खबरें ये भी हैं कि उनकी पत्नी को मौजूदा विधायक होने का फायदा मिल सकता है और बीजेपी उन्हें टिकट दे सकती है.

हरियाणा में शुरू से ही राजनीतिक परिवारों का बोलबाला रहा है, देखिए इसी पर ये खास रिपोर्ट

राम बिलास शर्मा अपने बेटे के लिए मांग रहे टिकट!
हरियाणा में बीजेपी के सबसे पुराने नेताओं में से एक रामबिलास शर्मा भी चाहते हैं कि उनके पुत्र गौतम शर्मा को इस विधानसभा चुनाव में दो-दो हाथ करने का मौका मिले. लेकिन बीजेपी की वंशवाद के खिलाफ चली आ रही राजनीति और हरियाणा में चल रहे परिवारवाद के खिलाफ उनकी मुहिम आड़े आ रही है.

कविता जैन अपने पति के लिए टिकट चाहती हैं!
मनोहर कैबिनेट में इकलौती महिला मंत्री रही कविता जैन अपने पति राजीव जैन के लिए टिकट की चाहत रखती हैं. राजीव जैन ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल के साथ काम भी किया है लेकिन फिर भी वही बीजेपी की राजनीतिक लाइन उनके टिकट के आड़े आएगी और उम्मीद कम ही है कि बीजेपी अपने वंशवाद वाले हथियार को कमजोर करना चाहे. बाकी सब बीजेपी आलाकमान के रुख पर निर्भर है.

ये भी पढ़ें- टिकट की टक्करः बीजेपी में लंबी लाइन तो कांग्रेस में भी 90 टिकटों के 1200 दावेदार!

राव इंद्रजीत सिंह अपनी बेटी कि लिए टिकट चाहते हैं!
राव इंद्रजीत सिंह अपनी बेटी आरती राव के लिए इस बार टिकट की चाहत रखते हैं. वो तो काफी लंबे समय से अपनी बेटी के लिए जमीन तैयार कर रहे हैं लोकसभा चुनाव में भी एक बार बात चली थी कि राव इंद्रजीत सिंह अपनी बेटी को मैदान में उतारना चाहते हैं लेकिन एक परिवार एक टिकट की बीजेपी की नीति तब भी उनके आड़े आई थी क्योंकि वो खुद भी इलेक्शन लड़ना चाहते थे. लेकिन विधानसभा चुनाव में भी उनकी राह आसान नहीं है क्योंकि बीजेपी की नीति अभी भी उनके सामने पहाड़ समान खड़ी है.

ये भी पढ़ें- विधानसभा चुनाव का रोडमैप तैयार, हरियाणा में ये होंगे बीजेपी के स्टार प्रचारक

कांग्रेस में ये हैं पारिवारिक टिकट के दावेदार!

कैप्टन अजय यादव अपने बेटे के लिए टिकट चाहते हैं!
कैप्टन अजय यादव अपने बेटे राव चिरंजीव के लिए काफी लंबे समय से टिकट की मांग कर रहे हैं. वो कई बार खुले मंच से उनकी पैरवी भी कर चुके हैं. लेकिन अभी तक कांग्रेस में उनकी बात बनी नहीं है क्योंकि हरियाणा में वंशवाद की राजनीति को लेकर कांग्रेस हमेशा बीजेपी के निशाने पर रही है. तो शायद कांग्रेस बीजेपी को एक और मौका नहीं देना चाहती है लेकिन इस बार कैप्टन अजय यादव पूरे जुगाड़ में लगे हैं कि उनका बेटा भी सेट हो जाए.

ये भी पढ़ें- 2014 में जिन सीटों पर जीत का अंतर 1 हजार वोटों से कम था जानिए उन सीटों पर अब क्या हैं समीकरण ?

कुलदीप बिश्नोई अपने बेटे के लिए टिकट चाहते हैं!
कुलदीप बिश्नोई अपने बेटे भव्य बिश्नोई को लोकसभा चुनाव भी लड़वा चुके हैं लेकिन उन्हें वहां कामयाबी नहीं मिलो तो अब वो विधानसभा चुनाव में अपने बेटे को टिकट दिलवाना चाहते हैं. उधर उनके बड़े भाई चंद्रमोहन भी लाइन में हैं और कुलदीप बिश्नोई की पत्नी भी मौजूदा विधायक हैं. लेकिन कुलदीप बिश्नोई सबसे ज्यादा जोर अपने बेटे की टिकट के लिए लगा रहे हैं क्योंकि वो किसी भी हाल में अपने बेटे का भविष्य राजनीति में बनाना चाहते हैं.

ये भी पढ़ें- जानिए क्यों ताऊ देवीलाल को कहा जाता है भारतीय राजनीति का किंगमेकर

इनेलो और जेजेपी का तो परिवार ही पार्टी है!
देवीलाल की विरासत के लिए लड़ रहे चौटाला परिवार अब दो फाड़ हो चुका है और अजय चौटाला ने अपने बेटों के साथ मिलकर अलग पार्टी बना ली है. इन दोनों ही पार्टियों में ऐसी कोई लड़ाई नहीं है क्योंकि इन परिवारों में जो जहां से चाहेगा उसे वहां से टिकट मिल जाएगा.

चंडीगढ़ः हरियाणा में शुरू से ही राजनीतिक परिवारों का बोलबाला रहा है लेकिन पिछली बार बीजेपी ने कई राजनीतिक परिवारों को सत्ता से बेदखल कर दिया. लेकिन इस जुगत कई राजनीतिक परिवार उनके साथ भी आ गए. जैसे राव इंद्रजीत सिंह और बीरेंद्र सिंह का परिवार. ये दोनों ही कांग्रेस से बीजेपी में शामिल हुए हैं. इसके अलावा कांग्रेस में तो परिवारों का पुराना इतिहास है और इस बार भी उनके कई नेता अपने बेटों के लिए टिकट की मांग कर रहे हैं लेकिन बीजेपी में भी ये मांग तेजी से उठ रही है. इसके अलावा इनेलो और जेजेपी तो हैं ही पारिवारिक पार्टियां.

बीजेपी में ये हैं पारिवारिक टिकट के दावेदार

बीरेंद्र सिंह अपनी पत्नी के लिए मांग रहे टिकट!
चौधरी बीरेंद्र सिंह अपने बेटे को संसद पहुंचा चुके हैं और उनकी पत्नी भी उचाना से मौजूदा विधायक हैं लेकिन बीजेपी की सख्ती के बाद से उन्हें थोड़ी फिक्र हुई है और वो अपनी पत्नी को फिर से विधानसभा भेजना चाहते हैं. हालांकि खबरें ये भी हैं कि उनकी पत्नी को मौजूदा विधायक होने का फायदा मिल सकता है और बीजेपी उन्हें टिकट दे सकती है.

हरियाणा में शुरू से ही राजनीतिक परिवारों का बोलबाला रहा है, देखिए इसी पर ये खास रिपोर्ट

राम बिलास शर्मा अपने बेटे के लिए मांग रहे टिकट!
हरियाणा में बीजेपी के सबसे पुराने नेताओं में से एक रामबिलास शर्मा भी चाहते हैं कि उनके पुत्र गौतम शर्मा को इस विधानसभा चुनाव में दो-दो हाथ करने का मौका मिले. लेकिन बीजेपी की वंशवाद के खिलाफ चली आ रही राजनीति और हरियाणा में चल रहे परिवारवाद के खिलाफ उनकी मुहिम आड़े आ रही है.

कविता जैन अपने पति के लिए टिकट चाहती हैं!
मनोहर कैबिनेट में इकलौती महिला मंत्री रही कविता जैन अपने पति राजीव जैन के लिए टिकट की चाहत रखती हैं. राजीव जैन ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल के साथ काम भी किया है लेकिन फिर भी वही बीजेपी की राजनीतिक लाइन उनके टिकट के आड़े आएगी और उम्मीद कम ही है कि बीजेपी अपने वंशवाद वाले हथियार को कमजोर करना चाहे. बाकी सब बीजेपी आलाकमान के रुख पर निर्भर है.

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राव इंद्रजीत सिंह अपनी बेटी कि लिए टिकट चाहते हैं!
राव इंद्रजीत सिंह अपनी बेटी आरती राव के लिए इस बार टिकट की चाहत रखते हैं. वो तो काफी लंबे समय से अपनी बेटी के लिए जमीन तैयार कर रहे हैं लोकसभा चुनाव में भी एक बार बात चली थी कि राव इंद्रजीत सिंह अपनी बेटी को मैदान में उतारना चाहते हैं लेकिन एक परिवार एक टिकट की बीजेपी की नीति तब भी उनके आड़े आई थी क्योंकि वो खुद भी इलेक्शन लड़ना चाहते थे. लेकिन विधानसभा चुनाव में भी उनकी राह आसान नहीं है क्योंकि बीजेपी की नीति अभी भी उनके सामने पहाड़ समान खड़ी है.

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कांग्रेस में ये हैं पारिवारिक टिकट के दावेदार!

कैप्टन अजय यादव अपने बेटे के लिए टिकट चाहते हैं!
कैप्टन अजय यादव अपने बेटे राव चिरंजीव के लिए काफी लंबे समय से टिकट की मांग कर रहे हैं. वो कई बार खुले मंच से उनकी पैरवी भी कर चुके हैं. लेकिन अभी तक कांग्रेस में उनकी बात बनी नहीं है क्योंकि हरियाणा में वंशवाद की राजनीति को लेकर कांग्रेस हमेशा बीजेपी के निशाने पर रही है. तो शायद कांग्रेस बीजेपी को एक और मौका नहीं देना चाहती है लेकिन इस बार कैप्टन अजय यादव पूरे जुगाड़ में लगे हैं कि उनका बेटा भी सेट हो जाए.

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कुलदीप बिश्नोई अपने बेटे के लिए टिकट चाहते हैं!
कुलदीप बिश्नोई अपने बेटे भव्य बिश्नोई को लोकसभा चुनाव भी लड़वा चुके हैं लेकिन उन्हें वहां कामयाबी नहीं मिलो तो अब वो विधानसभा चुनाव में अपने बेटे को टिकट दिलवाना चाहते हैं. उधर उनके बड़े भाई चंद्रमोहन भी लाइन में हैं और कुलदीप बिश्नोई की पत्नी भी मौजूदा विधायक हैं. लेकिन कुलदीप बिश्नोई सबसे ज्यादा जोर अपने बेटे की टिकट के लिए लगा रहे हैं क्योंकि वो किसी भी हाल में अपने बेटे का भविष्य राजनीति में बनाना चाहते हैं.

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इनेलो और जेजेपी का तो परिवार ही पार्टी है!
देवीलाल की विरासत के लिए लड़ रहे चौटाला परिवार अब दो फाड़ हो चुका है और अजय चौटाला ने अपने बेटों के साथ मिलकर अलग पार्टी बना ली है. इन दोनों ही पार्टियों में ऐसी कोई लड़ाई नहीं है क्योंकि इन परिवारों में जो जहां से चाहेगा उसे वहां से टिकट मिल जाएगा.

Intro:Body:

politicians wants ticket for their relatives in haryana


Conclusion:
Last Updated : Sep 26, 2019, 1:08 PM IST
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