चंडीगढ़: कोरोना के इलाज में प्लाज्मा थैरेपी अहम भूमिका निभा रही है. अस्पतालों में कोरोना मरीजों के लिए प्लाज्मा डोनर की जरूरत भी रहती है. दूसरी ओर लोग कोरोना से बचने के लिए वैक्सीनेशन करवा रहे हैं. ऐसे में हर किसी के मन में यह सवाल उठता है कि वैक्सीन लगवाने के कितने दिन के बाद प्लाज्मा डोनेट करना चाहिए. इस बारे में हमने वर्ल्ड मेडिकल एसोसिएशन के सदस्य डॉ. रमणीक सिंह बेदी से बात की.
डॉक्टर बेदी ने बताया कि इस बारे में कई तरह की रिसर्च की गई है. जैसे अगर कोई व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव हो जाता है तो उसे नेगेटिव होने के 3 हफ्तों के बाद प्लाज्मा डोनेट करना चाहिए. 3 हफ्ते का समय इसलिए दिया जाता है ताकि मरीज के शरीर में पर्याप्त एंटी बॉडी का निर्माण हो सके.
इसी तरह अगर किसी व्यक्ति ने कोरोना वैक्सीन लगवाई है तो उसे भी तीन हफ्तों के बाद ही प्लाज्मा डोनेट करना चाहिए. क्योंकि वैक्सीन लगवाने के तीन हफ्तों के बाद उसके शरीर में एंटी बॉडी पूरी तरह से बन चुकी होगी.
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इसमें ध्यान रखने वाली बात यह है कि प्लाज्मा डोनेट करने से पहले व्यक्ति को अपना एंटी बॉडी टेस्ट जरूर करवाना चाहिए. जिससे यह पता चल सके कि उसके शरीर में किस स्तर तक एंटी बॉडी का निर्माण हो चुका है. उससे यह भी पता चल पाएगा कि उसका प्लाज्मा मरीज के शरीर में कितना कारगर सिद्ध होगा.
डॉ. बेदी का कहना है कि कोई भी कोरोना से ठीक हुआ मरीज़ तब तक प्लाज्मा डोनेट कर सकता है. जब तक उसके शरीर में एंटी बॉडी का लेवल सही स्तर तक रहे. इसलिए प्लाज्मा डोनेट करने से पहले एंटी बॉडी टेस्ट की सलाह दी जाती है. ताकि डोनर के शरीर में एंटी बॉडी लेवल का पता चल सके.
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