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किसानों पर लाठीचार्ज को लेकर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दाखिल, जांच की मांग

करनाल में किसानों पर हुए लाठीचार्ज (Lathi charge on Farmers) का मामला अब पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट (Punjab and Haryana High Court) तक पहुंच चुका है. 28 अगस्त को किसानों पर हुए लाठीचार्ज को लेकर हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज (Retired Judge) से मामले की जांच करवाने की मांग की गई है.

Petition filed in Punjab and Haryana HC regarding Karnal lathi charge, seeking inquiry from retired judge
करनाल लाठीचार्ज को लेकर पंजाब एवं हरियाणा HC में याचिका दाखिल, रिटायर्ड जज से जांच करवाने की मांग
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Published : Sep 2, 2021, 11:53 AM IST

Updated : Sep 2, 2021, 12:12 PM IST

चंडीगढ़: करनाल में किसानों पर हुए लाठीचार्ज (Lathi charge on Farmers) का मामला अब पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट (Punjab and Haryana High Court) तक पहुंच चुका है. 28 अगस्त को किसानों पर हुए लाठीचार्ज के बाद करनाल के ही कुछ स्थानीय लोगों ने हाई कोर्ट में एक याचिका दाखिल की है. इस याचिका में हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज (Retired Judge) से इस मामले की जांच करवाने की मांग की गई है. याचिका में लाठीचार्ज के दौरान घायल हुए लोगों को मुआवजा (Compensation) देने की मांग भी रखी गई है.

हाईकोर्ट में दाखिल याचिका में मांग की गई है कि लाठीचार्ज को लेकर अगर पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों का नाम सामने आया तो उन पर भी फौरन एक्शन लिया जाए. साथ ही लाठीचार्ज के दौरान घायल हुए लोगों को मुआवजा दिया जाए. इसके अलावा याचिका में ये भी मांग की गई है कि पंजाब और हरियाणा की सरकारों को बांस की लकड़ी से बनी लाठी को भी बैन कर देना चाहिए. इसकी जगह पॉलीकार्बोनेट लाठी का यूज़ किया जाना चाहिए. जिससे कम चोट लगे. इस मामले पर आज हाईकोर्ट में सुनवाई हो सकती है.

ये भी पढ़ें- 'तालिबानी नेता मुल्ला मनोहर लाल के आदेश पर पुलिस ने कत्ल के इरादे से बरसाई लाठियां'

करनाल में किसानों पर लाठीचार्ज क्यों हुआ?: दरअसल 28 अगस्त को करनाल में बीजेपी की बैठक थी. जिसमें मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर समेत ओपी धनखड़ पहुंचे थे. किसानों ने बसताड़ा टोल प्लाजा पर इक्कठे होकर बैठक के विरोध को लेकर रणनीति बनाई. टोल प्लाजा पर पुलिस ने किसानों पर लाठीचार्ज कर दिया. जिसमें कई किसान घायल हो गए. जिसके बाद किसान बसताड़ा टोल प्लाजा पर इक्कठा होना शुरू हो गए और सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे.

देखते ही देखते पुलिस और किसान टोल प्लाजा पर एक-दूसरे के आमने-सामने हो गए और फिर किसानों पर लाठीचार्ज शुरू हो गया. किसानों के ऊपर लाठियां बरसाई गई. कई किसानों को चोट भी लगी.

ये भी पढ़ें- किसानों के सिर फोड़ने का आदेश देने वाले SDM का तबादला, जानिए कहां भेजे गए

चंडीगढ़: करनाल में किसानों पर हुए लाठीचार्ज (Lathi charge on Farmers) का मामला अब पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट (Punjab and Haryana High Court) तक पहुंच चुका है. 28 अगस्त को किसानों पर हुए लाठीचार्ज के बाद करनाल के ही कुछ स्थानीय लोगों ने हाई कोर्ट में एक याचिका दाखिल की है. इस याचिका में हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज (Retired Judge) से इस मामले की जांच करवाने की मांग की गई है. याचिका में लाठीचार्ज के दौरान घायल हुए लोगों को मुआवजा (Compensation) देने की मांग भी रखी गई है.

हाईकोर्ट में दाखिल याचिका में मांग की गई है कि लाठीचार्ज को लेकर अगर पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों का नाम सामने आया तो उन पर भी फौरन एक्शन लिया जाए. साथ ही लाठीचार्ज के दौरान घायल हुए लोगों को मुआवजा दिया जाए. इसके अलावा याचिका में ये भी मांग की गई है कि पंजाब और हरियाणा की सरकारों को बांस की लकड़ी से बनी लाठी को भी बैन कर देना चाहिए. इसकी जगह पॉलीकार्बोनेट लाठी का यूज़ किया जाना चाहिए. जिससे कम चोट लगे. इस मामले पर आज हाईकोर्ट में सुनवाई हो सकती है.

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करनाल में किसानों पर लाठीचार्ज क्यों हुआ?: दरअसल 28 अगस्त को करनाल में बीजेपी की बैठक थी. जिसमें मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर समेत ओपी धनखड़ पहुंचे थे. किसानों ने बसताड़ा टोल प्लाजा पर इक्कठे होकर बैठक के विरोध को लेकर रणनीति बनाई. टोल प्लाजा पर पुलिस ने किसानों पर लाठीचार्ज कर दिया. जिसमें कई किसान घायल हो गए. जिसके बाद किसान बसताड़ा टोल प्लाजा पर इक्कठा होना शुरू हो गए और सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे.

देखते ही देखते पुलिस और किसान टोल प्लाजा पर एक-दूसरे के आमने-सामने हो गए और फिर किसानों पर लाठीचार्ज शुरू हो गया. किसानों के ऊपर लाठियां बरसाई गई. कई किसानों को चोट भी लगी.

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Last Updated : Sep 2, 2021, 12:12 PM IST
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