चंडीगढ़: चंडीगढ़ में कारणों से चली आ रही बिजली कर्मचारियों की हड़ताल (electricity workers strike) खत्म होने जा रही है. धीरे-धीरे चंडीगढ़ में बिजली की बहाली भी की जा रही है, लेकिन अभी तक ऐसे कई इलाके हैं जहां पर बिजली शुरू नहीं हो पाई है. बिजली नहीं होने की वजह से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. उनके कामकाज ठप पड़ गए हैं.
शहर के लोगों का कहना है कि आजकल जहां सारा काम घर से हो रहा है. कंपनियां कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम की सुविधा दे रही हैं. लेकिन, बिजली ना होने की वजह से उनके कंप्यूटर और लैपटॉप नहीं चल पा रहे हैं. जिससे उनका काम रुक गया है. साथ ही साथ मोबाइल भी चार्ज नहीं हो पा रहे हैं. इससे उनका कामकाज तो रुका ही है संपर्क भी टूट गया है.
इसके अलावा बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है, क्योंकि स्कूल ऑनलाइन स्टडी करवा रहे हैं, लेकिन बिजली ना होने की वजह से बच्चों की पढ़ाई बाधित हो गई. लोगों का कहना है कि बिजली नहीं होने की वजह से उन्हें रात अंधेरे में गुजारनी पड़ी. घरों में पानी की सप्लाई नहीं. कुछ इलाकों में पानी की सप्लाई जरूर हो रही है. लेकिन उसकी गति इतनी धीमी है कि छतों तक पहुंचना मुश्किल हो गया है.
आपको बता दें कि बिजली विभाग के निजीकरण के विरोध (Protest against privatization) में बिजली कर्मचारियों ने 21-22 फरवरी की रात 12 बजे से हड़ताल शुरू कर दी थी. जिसके बाद से शहर में बिजली सप्लाई बंद हो गई थी. हालांकि, चंडीगढ़ प्रशासन ने हड़ताल से निपटने के लिए करीब 400 कर्मचारी अपनी तरफ से बुलाए थे, ताकि बिजली की सप्लाई को चालू रखा जा सके. इसके लिए प्रशासन की ओर से हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए गए थे, लेकिन प्रशासन के यह प्रबंध नाकाफी साबित हुए.
शहर की स्थिति को देखते हुए हाई कोर्ट ने भी चीफ इंजीनियर को तलब किया था. मंगलवार देर रात चंडीगढ़ के प्रशासक बनवारी लाल पुरोहित ने शहर में एस्मा लागू कर दिया था. हालांकि बिजली कर्मचारी की ओर से हड़ताल को खत्म कर दिया गया है, लेकिन अभी तक शहर के कई हिस्सों में बिजली की बहाली नहीं हो पाई है.
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