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देश में नौकरियों की कमी, अच्छी नौकरी के लिए फिलहाल पढ़ाई जारी रखें छात्र- डॉ. धीरज सांघी - Job crisis student lockdown

कोरोना के कारण आए आर्थिक संकट पर पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज के निदेशक डॉ. धीरज सांघी ने छात्रों को कई सुझाव दिए हैं. उन्होंन कहा है कि जिस छात्रों की कैंपल प्लेसमेंट हो चकी हैं. उनको नौकरी मिलेगी. लेकिन जो छात्र अब फाइनल ईयर में आएंगे उनके लिए चिंता की बात जरूर है.

pec director Dr Dheeraj Sanghi suggestion for student
डॉ. धीरज सांघी, निदेशक, पेक
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Published : May 23, 2020, 12:50 PM IST

चंडीगढ़: कोरोना और लॉकडाउन की वजह से ना सिर्फ भारत बल्कि पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था डगमगा गई है. बड़ी-बड़ी कंपनियां मंदी की चपेट में हैं. जिस वजह से नौकरियों में कमी देखी जा रही है. ऐसे में उन युवाओं के लिए चिंता बढ़ गई है. जो अपनी पढ़ाई खत्म कर नौकरी करना चाह रहे थे. इस बारे में हमने पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज यानी पेक के निदेशक डॉ. धीरज सांघी से खास बातचीत की.

जिनकी कैंपस प्लेसमेंट हुई है, उन्हें नौकरी मिलेगी- सांघी

डॉ. धीरज सांगी ने ईटीवी से बात करते हुए कहा कि वो छात्र जो अभी फाइनल ईयर में है और जिनकी कैंपस प्लेसमेंट हो चुकी है. उन्हें फिलहाल घबराने की जरूरत नहीं है. क्योंकि जिन कंपनियों ने उन्हें नौकरी के लिए चुना है. वे उनसे नौकरी वापस नहीं लेंगी. उन कंपनियों पर सरकार का दबाव भी है कि वे किसी से नौकरी वापस ना लें.

डॉ. धीरज सांघी ने खास बातचीत, देखें वीडियो

लेकिन जो छात्र अब फाइनल ईयर में आएंगे उनके लिए चिंता की बात जरूर है. क्योंकि देश में इस समय आर्थिक मंदी काफी बढ़ चुकी है और नौकरियों में भी काफी कमी दर्ज की जा रही है. ऐसे में उन्हें कैंपस प्लेसमेंट में काफी समस्या आने वाली है और कैंपस के बाहर भी उन्हें नौकरी मिलने के कम ही चांस है. क्योंकि जब तक उनकी डिग्री पूरी होगी तब तक देश की अर्थव्यवस्था सामान्य नहीं हो पाएगी.

कॉम्पिटिशन होगा ज्यादा- सांघी

डॉ. धीरज सांघी ने कहा कि साथ ही जो थोड़ी बहुत नौकरियां होंगी उनमें कॉम्पिटिशन भी बहुत अधिक बढ़ जाएगा. उन छात्रों के लिए दो विकल्प हैं पहला विकल्प ये है कि वो अपनी बैचलर डिग्री करने के बाद नौकरियों के पीछे मत भागें. बल्कि अपनी मास्टर डिग्री के बारे में सोचें.

मास्टर डिग्री करें छात्र- सांघी

अगर वे ऐसा करते हैं तो अगले दो-तीन साल के बाद उनके पास मास्टर डिग्री आ जाएगी और तब तक देश की अर्थव्यवस्था में भी सुधार हो जाएगा. जिस वजह से उन्हें और अच्छी नौकरी मिल पाएगी.

दूसरा विकल्प ये है कि देश में जो भी थोड़ी बहुत नौकरियां आएंगी उन में कॉम्पिटिशन बहुत ज्यादा होगा. इसलिए छात्रों को उन नौकरियों को पाने के लिए काफी ज्यादा मेहनत करनी पड़ेगी. इसलिए जो छात्र मास्टर डिग्री नहीं करना चाहते. वो थोड़ी और ज्यादा मेहनत करें. ताकि वे उन नौकरियों को हासिल कर पाए.

ऑनलाइन स्टार्टअप में उम्मीद- सांघी

इसके अलावा उन्होंने तीसरे विकल्प के बारे में बात करते हुए कहा कि कि छात्र ऑनलाइन स्टार्टअप की तरफ जा सकते हैं. क्योंकि बेशक आज ज्यादातर इंडस्ट्री मंदी में है. लेकिन ऑनलाइन स्टार्टअप काफी अच्छा काम कर रहे हैं. चाहे वो ऑनलाइन फूड डिलीवरी हो, ऑनलाइन पेमेंट हो, ऑनलाइन शॉपिंग हो या ऑनलाइन एजुकेशन की बात हो. ऑनलाइन इंडस्ट्री तेजी से आगे बढ़ रही है. इसलिए छात्र ऑनलाइन स्टार्टअप के बारे में भी सोच सकते हैं.

रोबोटिक्स छात्रों के लिए मौके- सांघी

डॉक्टर धीरज सांघी ने मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के बारे में बात करते हुए कहा कि हालांकि इस समय मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर मंदी झेल रहा है. लेकिन जो छात्र रोबोटिक्स से जुड़े हुए हैं. उनके लिए अपने करियर को दिशा देने का सही मौका है. क्योंकि आज ऐसा समय है जिसमें कंपनियां अपना काम तो करवाना चाहती हैं. लेकिन ज्यादा लोगों को नौकरी पर नहीं रखना चाहती. ऐसे में रोबोटिक तकनीक उनके काम आएगी. क्योंकि कंपनियां यही चाहेंगी कि वो बहुत से लोगों को नौकरी पर रखने की वजह अपना काम रोबोट के जरिए करवाएं.

मेहनत दिलाएगी सफलता- सांघी

इस समय जो छात्र अच्छी मेहनत करके नौकरी हासिल कर सकते हैं. उनके मन में एक चिंता ये भी है कि उन्हें सैलरी पैकेज कितना मिलेगा. क्योंकि मंदी के दौर में कंपनियां बड़ा सैलरी पैकेज देने से परहेज करेंगी. इस बारे में बात करते हुए डॉ. धीरज संघी ने बताया कि छात्रों को सैलरी पैकेज के लेकर घबराने की जरूरत नहीं है. अगर कोई कंपनी किसी छात्र को आमतौर पर 10 लाख रुपये का सैलेरी पैकेज देती है , तो ऐसा नहीं है कि अब उसे 4 लाख का पैकेज दिया जाएगा.

लेकिन इतना जरूर है कि पैकेज घटकर 8 से 9 लाख तक हो सकता है. लेकिन इसमें बहुत ज्यादा बदलाव नहीं आएगा. इसलिए छात्र अगर नौकरी हासिल करना चाहते हैं तो वो मेहनत करें. उन्हें नौकरी अवश्य मिलेगी या वो कैंपस छोड़कर ना जाएं और अपनी पढ़ाई जारी रखें. ये उनके करियर के लिए एक अच्छा कदम होगा.

ये भी पढ़ें- चंडीगढ़: स्कूल फीस मांगने के खिलाफ अभिभावकों ने किया प्रदर्शन

चंडीगढ़: कोरोना और लॉकडाउन की वजह से ना सिर्फ भारत बल्कि पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था डगमगा गई है. बड़ी-बड़ी कंपनियां मंदी की चपेट में हैं. जिस वजह से नौकरियों में कमी देखी जा रही है. ऐसे में उन युवाओं के लिए चिंता बढ़ गई है. जो अपनी पढ़ाई खत्म कर नौकरी करना चाह रहे थे. इस बारे में हमने पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज यानी पेक के निदेशक डॉ. धीरज सांघी से खास बातचीत की.

जिनकी कैंपस प्लेसमेंट हुई है, उन्हें नौकरी मिलेगी- सांघी

डॉ. धीरज सांगी ने ईटीवी से बात करते हुए कहा कि वो छात्र जो अभी फाइनल ईयर में है और जिनकी कैंपस प्लेसमेंट हो चुकी है. उन्हें फिलहाल घबराने की जरूरत नहीं है. क्योंकि जिन कंपनियों ने उन्हें नौकरी के लिए चुना है. वे उनसे नौकरी वापस नहीं लेंगी. उन कंपनियों पर सरकार का दबाव भी है कि वे किसी से नौकरी वापस ना लें.

डॉ. धीरज सांघी ने खास बातचीत, देखें वीडियो

लेकिन जो छात्र अब फाइनल ईयर में आएंगे उनके लिए चिंता की बात जरूर है. क्योंकि देश में इस समय आर्थिक मंदी काफी बढ़ चुकी है और नौकरियों में भी काफी कमी दर्ज की जा रही है. ऐसे में उन्हें कैंपस प्लेसमेंट में काफी समस्या आने वाली है और कैंपस के बाहर भी उन्हें नौकरी मिलने के कम ही चांस है. क्योंकि जब तक उनकी डिग्री पूरी होगी तब तक देश की अर्थव्यवस्था सामान्य नहीं हो पाएगी.

कॉम्पिटिशन होगा ज्यादा- सांघी

डॉ. धीरज सांघी ने कहा कि साथ ही जो थोड़ी बहुत नौकरियां होंगी उनमें कॉम्पिटिशन भी बहुत अधिक बढ़ जाएगा. उन छात्रों के लिए दो विकल्प हैं पहला विकल्प ये है कि वो अपनी बैचलर डिग्री करने के बाद नौकरियों के पीछे मत भागें. बल्कि अपनी मास्टर डिग्री के बारे में सोचें.

मास्टर डिग्री करें छात्र- सांघी

अगर वे ऐसा करते हैं तो अगले दो-तीन साल के बाद उनके पास मास्टर डिग्री आ जाएगी और तब तक देश की अर्थव्यवस्था में भी सुधार हो जाएगा. जिस वजह से उन्हें और अच्छी नौकरी मिल पाएगी.

दूसरा विकल्प ये है कि देश में जो भी थोड़ी बहुत नौकरियां आएंगी उन में कॉम्पिटिशन बहुत ज्यादा होगा. इसलिए छात्रों को उन नौकरियों को पाने के लिए काफी ज्यादा मेहनत करनी पड़ेगी. इसलिए जो छात्र मास्टर डिग्री नहीं करना चाहते. वो थोड़ी और ज्यादा मेहनत करें. ताकि वे उन नौकरियों को हासिल कर पाए.

ऑनलाइन स्टार्टअप में उम्मीद- सांघी

इसके अलावा उन्होंने तीसरे विकल्प के बारे में बात करते हुए कहा कि कि छात्र ऑनलाइन स्टार्टअप की तरफ जा सकते हैं. क्योंकि बेशक आज ज्यादातर इंडस्ट्री मंदी में है. लेकिन ऑनलाइन स्टार्टअप काफी अच्छा काम कर रहे हैं. चाहे वो ऑनलाइन फूड डिलीवरी हो, ऑनलाइन पेमेंट हो, ऑनलाइन शॉपिंग हो या ऑनलाइन एजुकेशन की बात हो. ऑनलाइन इंडस्ट्री तेजी से आगे बढ़ रही है. इसलिए छात्र ऑनलाइन स्टार्टअप के बारे में भी सोच सकते हैं.

रोबोटिक्स छात्रों के लिए मौके- सांघी

डॉक्टर धीरज सांघी ने मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के बारे में बात करते हुए कहा कि हालांकि इस समय मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर मंदी झेल रहा है. लेकिन जो छात्र रोबोटिक्स से जुड़े हुए हैं. उनके लिए अपने करियर को दिशा देने का सही मौका है. क्योंकि आज ऐसा समय है जिसमें कंपनियां अपना काम तो करवाना चाहती हैं. लेकिन ज्यादा लोगों को नौकरी पर नहीं रखना चाहती. ऐसे में रोबोटिक तकनीक उनके काम आएगी. क्योंकि कंपनियां यही चाहेंगी कि वो बहुत से लोगों को नौकरी पर रखने की वजह अपना काम रोबोट के जरिए करवाएं.

मेहनत दिलाएगी सफलता- सांघी

इस समय जो छात्र अच्छी मेहनत करके नौकरी हासिल कर सकते हैं. उनके मन में एक चिंता ये भी है कि उन्हें सैलरी पैकेज कितना मिलेगा. क्योंकि मंदी के दौर में कंपनियां बड़ा सैलरी पैकेज देने से परहेज करेंगी. इस बारे में बात करते हुए डॉ. धीरज संघी ने बताया कि छात्रों को सैलरी पैकेज के लेकर घबराने की जरूरत नहीं है. अगर कोई कंपनी किसी छात्र को आमतौर पर 10 लाख रुपये का सैलेरी पैकेज देती है , तो ऐसा नहीं है कि अब उसे 4 लाख का पैकेज दिया जाएगा.

लेकिन इतना जरूर है कि पैकेज घटकर 8 से 9 लाख तक हो सकता है. लेकिन इसमें बहुत ज्यादा बदलाव नहीं आएगा. इसलिए छात्र अगर नौकरी हासिल करना चाहते हैं तो वो मेहनत करें. उन्हें नौकरी अवश्य मिलेगी या वो कैंपस छोड़कर ना जाएं और अपनी पढ़ाई जारी रखें. ये उनके करियर के लिए एक अच्छा कदम होगा.

ये भी पढ़ें- चंडीगढ़: स्कूल फीस मांगने के खिलाफ अभिभावकों ने किया प्रदर्शन

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