पानीपत/चंडीगढ़: आईपीएस अफसर मनीषा चौधरी एक बार फिर से सुर्खियों में हैं. पिछले दिनों पानीपत में पूर्व पार्षद और बीजेपी नेता हरीश शर्मा के नहर में कूदकर जान देने के मामले में पानीपत की एसपी मनीषा चौधरी का नाम उछल रहा है.
आरोप है कि मनीषा चौधरी ही हरीश शर्मा को प्रताड़ित कर रही थी. मनीषा को अब जल्दी ही चंडीगढ़ में एसएसपी ट्रैफिक की जिम्मेदारी संभालनी हैं. चौधरी चंडीगढ़ शहर की पहली महिला एसएसपी ट्रैफिक एवं सिक्योरिटी के रूप में तैनात होने वाली हैं, हालांकि चंडीगढ़ जाने से पहले ही वो एक बड़े विवाद में फंसती नजर आ रही हैं.
वर्तमान में मनीषा चौधरी पानीपत जिले की एसपी हैं और जल्द ही चंडीगढ़ में नई जिम्मेदारी संभालने वाली थीं. इससे पहले ही उनका नाम पानीपत के भाजपा नेता एवं पूर्व पार्षद हरीश शर्मा की आत्महत्या केस में आ गया है. हरीश शर्मा के परिजनों ने आत्महत्या के लिए पानीपत पुलिस की प्रताड़ना को जिम्मेदार ठहराया है.
दरअसल दिवाली की रात पटाखे बेचने के मामले में सिटी थाना पुलिस ने पूर्व पार्षद हरीश शर्मा और उनकी बेटी पार्षद अंजली शर्मा समेत 10 लोगों पर केस दर्ज किया था. पार्षद अंजलि ने सीधे एसपी मनीषा चौधरी समेत अन्य पुलिसकर्मियों को पिता की मौत का जिम्मेदार ठहराया था. इसके बाद मामला तूल पकड़ गया.
तीन आईपीएस में से हुआ मनीषा का चयन
चंडीगढ़ के एसएसपी ट्रैफिक के लिए हरियाणा से तीन आईपीएस अफसरों के नाम भेजे गए थे. इनमें पानीपत की एसपी मनीषा चौधरी के अलावा आईपीएस वीरेंद्र कुमार व आईपीएस सुरेंद्र पाल सिंह के नाम शामिल थे. करीब एक सप्ताह पहले केंद्रीय गृह मंत्रालय ने चंडीगढ़ में एसएसपी सिक्योरिटी और ट्रैफिक पद के लिए 2010 बैच की आईपीएस मनीषा चौधरी का चयन किया था. गृह मंत्रालय ने अपने एक पत्र में हरियाणा सरकार को निर्देश भी दिया था कि वह तुरंत मनीषा चौधरी को रिलीव करें, ताकि वह चंडीगढ़ में ड्यूटी ज्वाइन कर सकें.
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