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किसान रूठे तो इस प्लान के सहारे हैं ओपी चौटाला! हर हाल में चाहते हैं इनेलो की वापसी - OP Chautala's Plan B

ओपी चौटाला का तीसरे मोर्चे(op chautala third front) का ऐलान और किसानों से बिगड़ी उनकी बात किस ओर इशारा कर रहा है. क्या ओम प्रकाश चौटाला किसानों के साथ-साथ कोई दूसरा विकल्प भी तलाश रहे हैं.

op chautala
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Published : Jul 27, 2021, 9:16 PM IST

चंडीगढ़ः पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला (op chautala) जब से राजनीतिक रूप से सक्रिय हुए हैं, तब से हरियाणा की राजनीति में गर्मी बढ़ गई है. अब तो ओपी चौटाला किसानों के बीच जा रहे हैं और पूरे प्रदेश में उनके दौरों का भी प्लान है. इसी को लेकर उन्होंने जब मंगलवार को चंडीगढ़ में प्रेस कॉन्फ्रेंस की तो कई बड़े बयान वो दे गए. उन्होंने सबसे पहले तो एक थर्ड फ्रंट(op chautala third front) की बात की, जिसके जरिए वो कांग्रेस और बीजेपी दोनों से लड़ना चाहते हैं. तीसरे मोर्चे पर बात करने के लिए 1 अगस्त को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार(nitish kumar) उनके आवास पर आ रहे हैं.

ओम प्रकाश चौटाला ने बाकायदा तारीख बताते हुए कहा कि 25 सितंबर को वो तीसरे मोर्चे(third front) का ऐलान करेंगे. इसी दिन चौधरी देवी लाल का जन्म दिन भी होता है. ओपी चौटाला का प्लान है कि वो बाकी प्रदेशों में जाकर थर्ड फ्रंट को यकीनी बनाएं. लेकिन जिस जमीन पर वो तीसरे मोर्चे की फसल उगाना चाहते हैं वो जमीन क्या ओपी चौटाला को रास आयेगी ये बड़ा सवाल है. क्योंकि दो दिन पहले ही हरियाणा के जिले जींद में आंदोलन कर रहे किसानों के बीच जब ओपी चौटाला पहुंचे थे तो स्थिति जरा बिगड़ सी गई थी.

op chautala
जींद में किसानों के बीच ओपी चौटाला जहां उन्हें बोलने के लिए माइक नहीं दिया गया

यहां इसका जिक्र करना इसलिए जरूरी है कि इसी किसान आंदोलन के दम पर इनेलो अपनी खोई हुई सियासी ताकत पाने की कोशिश कर रही है. इसी को लेकर उनके एक मात्र विधायक अभय चौटाला ने विधानसभा से इस्तीफा दिया था.

ये भी पढ़ेंः इस शर्त के साथ दुष्यंत चौटाला की इनेलो में वापसी को तैयार ओपी चौटाला! देखिए बड़ा बयान

अब जब ओपी चौटाला तीसरे मोर्चे की बात कर रहे हैं तो ये देखना भी जरूरी है कि जींद में किसानों ने उन्हें राम-राम कहने तक के लिए माइक नहीं दिया था. क्योंकि फिलहाल किसान आंदोलन ही उनकी पार्टी को बचाने का एकमात्र जरिया नजर आ रहा है. और जब किसान ही उनके सामने आकर खड़े हो जाएंगे तो वो क्या करेंगे. क्योंकि जींद में जब ओपी चौटाला को बोलने के लिए माइक नहीं दिया गया और वो वहां से चले गए. तब उस किसान से बात की गई जिसने ओपी चौटाला को माइक देने से इनकार किया था. उसने ओपी चौटाला पर आरोप लगाया था कि उन्होंने उसको छड़ी मारी थी.

op chautala
चरखी दादरी में ओपी चौटाला के खिलाफ प्रदर्शन करते किसान

ये भी पढ़ेंः तीसरा मोर्चा बनाने में जुटे इनेलो सुप्रीमो ओपी चौटाला, 1 अगस्त को बिहार सीएम नीतीश कुमार से मुलाकात

जिस पर काफी बवाल भी हुआ अगले दिन कई जगह ओपी चौटाला के खिलाफ किसानों ने प्रदर्शन किया और उनका पुतला भी फूंका गया. मंगलवार को दिल्ली में जब मुख्यमंत्री मनोहर लाल से इस पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने एक तरीके से तंज कसते हुए कहा कि ये ओपी चौटाला के साथ गलत हुआ, किसानों को उन्हें बोलने देने चाहिए था. हालांकि किसान पहले ही साफ कर चुके हैं कि वो किसी भी नेता को अपने मंच से बोलने की इजाजत नहीं देंगे. क्या इसीलिए किसानों के अलावा तीसरे मोर्चे का रास्ता भी खोलने की कोशिश ओपी चौटाला कर रहे हैं.

ये भी पढ़ेंः सीएम खट्टर ने ओपी चौटाला का किया समर्थन! किसान आंदोलन को लेकर दिया बड़ा बयान

चंडीगढ़ः पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला (op chautala) जब से राजनीतिक रूप से सक्रिय हुए हैं, तब से हरियाणा की राजनीति में गर्मी बढ़ गई है. अब तो ओपी चौटाला किसानों के बीच जा रहे हैं और पूरे प्रदेश में उनके दौरों का भी प्लान है. इसी को लेकर उन्होंने जब मंगलवार को चंडीगढ़ में प्रेस कॉन्फ्रेंस की तो कई बड़े बयान वो दे गए. उन्होंने सबसे पहले तो एक थर्ड फ्रंट(op chautala third front) की बात की, जिसके जरिए वो कांग्रेस और बीजेपी दोनों से लड़ना चाहते हैं. तीसरे मोर्चे पर बात करने के लिए 1 अगस्त को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार(nitish kumar) उनके आवास पर आ रहे हैं.

ओम प्रकाश चौटाला ने बाकायदा तारीख बताते हुए कहा कि 25 सितंबर को वो तीसरे मोर्चे(third front) का ऐलान करेंगे. इसी दिन चौधरी देवी लाल का जन्म दिन भी होता है. ओपी चौटाला का प्लान है कि वो बाकी प्रदेशों में जाकर थर्ड फ्रंट को यकीनी बनाएं. लेकिन जिस जमीन पर वो तीसरे मोर्चे की फसल उगाना चाहते हैं वो जमीन क्या ओपी चौटाला को रास आयेगी ये बड़ा सवाल है. क्योंकि दो दिन पहले ही हरियाणा के जिले जींद में आंदोलन कर रहे किसानों के बीच जब ओपी चौटाला पहुंचे थे तो स्थिति जरा बिगड़ सी गई थी.

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जींद में किसानों के बीच ओपी चौटाला जहां उन्हें बोलने के लिए माइक नहीं दिया गया

यहां इसका जिक्र करना इसलिए जरूरी है कि इसी किसान आंदोलन के दम पर इनेलो अपनी खोई हुई सियासी ताकत पाने की कोशिश कर रही है. इसी को लेकर उनके एक मात्र विधायक अभय चौटाला ने विधानसभा से इस्तीफा दिया था.

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अब जब ओपी चौटाला तीसरे मोर्चे की बात कर रहे हैं तो ये देखना भी जरूरी है कि जींद में किसानों ने उन्हें राम-राम कहने तक के लिए माइक नहीं दिया था. क्योंकि फिलहाल किसान आंदोलन ही उनकी पार्टी को बचाने का एकमात्र जरिया नजर आ रहा है. और जब किसान ही उनके सामने आकर खड़े हो जाएंगे तो वो क्या करेंगे. क्योंकि जींद में जब ओपी चौटाला को बोलने के लिए माइक नहीं दिया गया और वो वहां से चले गए. तब उस किसान से बात की गई जिसने ओपी चौटाला को माइक देने से इनकार किया था. उसने ओपी चौटाला पर आरोप लगाया था कि उन्होंने उसको छड़ी मारी थी.

op chautala
चरखी दादरी में ओपी चौटाला के खिलाफ प्रदर्शन करते किसान

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जिस पर काफी बवाल भी हुआ अगले दिन कई जगह ओपी चौटाला के खिलाफ किसानों ने प्रदर्शन किया और उनका पुतला भी फूंका गया. मंगलवार को दिल्ली में जब मुख्यमंत्री मनोहर लाल से इस पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने एक तरीके से तंज कसते हुए कहा कि ये ओपी चौटाला के साथ गलत हुआ, किसानों को उन्हें बोलने देने चाहिए था. हालांकि किसान पहले ही साफ कर चुके हैं कि वो किसी भी नेता को अपने मंच से बोलने की इजाजत नहीं देंगे. क्या इसीलिए किसानों के अलावा तीसरे मोर्चे का रास्ता भी खोलने की कोशिश ओपी चौटाला कर रहे हैं.

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