चंडीगढ़ : देश आजादी की 75वीं वर्षगांठ मना रहा (Indian Independence Day) है और इस मौके को आजादी का अमृत महोत्सव नाम दिया गया है. इस मौके पर देश के 75 सालों में (Achievements75) राजनीति से लेकर फिल्म और आर्थिक क्षेत्र तक की उपलब्धियों का जिक्र हो रहा है. ऐसे में खेल के मैदान का जिक्र करना भी जरूरी हो जाता है, जहां खिलाड़ियों ने देश के तिरंगे को लहराकर अपना दम दिखाया है. कुछ दिन पहले ही संपन्न हुए कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में भी हरियाणा के खिलाड़ियों का शानदार प्रदर्शन देखने को (Haryana in CWG 2022) मिला था. वैसे हरियाणा का ये दबदबा दुनिया के सबसे बड़े खेल आयोजन ओलंपिक में भी रहा है. खेलों के महाकुंभ ओलंपिक की बात की जाए तो भारत का प्रदर्शन भले दुनिया के कई देशों के सामने औसत दर्जे का हो लेकिन पिछले कुछ सालों में खेलों के सबसे बड़े मंच पर भी भारत की धाक नजर आई है.
ओलंपिक में हरियाणा के खिलाड़ियों का दम- पिछले करीब डेढ दशक से खेल के मैदान की बात हरियाणा के बगैर (Haryana in Olympic) अधूरी है. हरियाणा के खिलाड़ियों ने दुनियाभर में अपना लोहा मनवाकर देश का नाम रोशन किया है. ओलंपिक गेम्स में अब तक भारत कुल मिलकर 35 मेडल जीते हैं, इनमें सबसे ज्यादा 12 मेडल भारतीय हॉकी टीम ने जीते (India in Olympic) हैं. इनमें से 6 लगातार ओलंपिक गोल्ड के साथ कुल 8 गोल्ड भारतीय हॉकी टीम ने जीते हैं, जबकि एक बार सिल्वर और 3 बार ब्रान्ज मेडल हासिल किए हैं.
35 में से 23 मेडल भारतीय खिलाड़ियों ने एकल इवेंट में जीते हैं. हरियाणा के ओलंपिक पदक विजेता की सूची पर नजर डालें तो इन 23 मेडल में से 7 मेडल अकेले हरियाणा के खिलाड़ियों (Olympic medalist from Haryana) ने जीते हैं. खास बात ये है कि ये सातों मेडल पिछले 4 ओलंपिक गेम्स में आए हैं. आजादी के 75 साल में ये हरियाणा के लिए बड़ी उपलब्धि (Achievements75) है, क्योंकि देश के अन्य किसी भी राज्य से इतने ओलंपिक पदक विजेता खिलाड़ी नहीं निकले हैं. आइये आपको हरियाणा के ओलंपिक मेडलिस्ट से रू-ब-रू करवाते हैं.
विजेंदर सिंह- साल 2008 के बीजिंग ओलंपिक में 22 साल के हरियाणा के छोरे ने वो कमाल कर दिया जो आज तक हरियाणा का कोई खिलाड़ी नहीं कर पाया था. वो हरियाणा के पहले खिलाड़ी बने जिसने ओलंपिक गेम्स में देश के लिए पदक जीता. बॉक्सर विजेंदर सिंह ने बीजिंग ओलंपिक में कांस्य पदक (Boxer Vijender Singh Olympic Medal) जीता था. विजेंदर सिंह के बाद हरियाणा में मानो हर कोई बॉक्सर बनने की राह पर निकल पड़ा था और हरियाणा का भिवानी जिला मिनी क्यूबा के नाम से जाना जाने लगा. यहां के बॉक्सर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में अच्छा प्रदर्शन तो करते थे. लेकिन विजेंदर के ओलंपिक मेडल ने कई बॉक्सर्स के लिए आगे की राह खोल दी.
विजेंदर सिंह ने वर्ल्ड चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल के अलावा, 2006, 2014 कॉमनवेल्थ गेम्स में सिल्वर और 2010 के दिल्ली कॉमनवेल्थ गेम्स में ब्रॉन्ज मेडल जीता था. इसके अलावा वो एशियन गेम्स में गोल्ड और ब्रान्ज मेडल भी जीत चुके हैं. उन्हें भारत सरकार की ओर से पद्म श्री और अर्जुन अवॉर्ड से भी नवाजा जा चुका है.
योगेश्वर दत्त- बीजिंग ओलंपिक में विजेंदर के बॉक्सिंग ने भारत की झोली में पदक डाला तो 2012 के लंदन ओलंपिक में एक पहलवान ने अपने दांव से विरोधियों को ऐसा पस्त किया कि खेलों के महाकुंभ में ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया. सोनीपत जिले के पहलवान योगेश्वर दत्त (Wrestler Yogeshwar Dutt) हरियाणा दूसरे खिलाड़ी बने जिसने भारत को ओलंपिक में पदक दिलवाया (Yogeshwar Dutt Olympic Medal) था. वैसे रेसलिंग में साल 2008 में रेसलिंग में सिल्वर मेडल सुशील कुमार ने जीता था.
ओलंपिक मेडल के अलावा योगेश्वर ने 2010 के दिल्ली और 2014 के ग्लास्गो कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल अपने नाम किए थे. एशियन गेम्स में 2006 में ब्रॉन्ज और फिर 2014 में गोल्ड मेडल जीता था. एशियन चैंपियनशिप और कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप में भी उन्होंने पदक जीते हैं.
साइना नेहवाल- ये नाम बैडमिंटन की दुनिया का जाना माना चेहरा है. साइन नेहवाल भले हैदराबाद की शान कही जाती हो लेकिन उनका संबंध हरियाणा से है. हिसार में पैदा हुई सायना नेहवाल ने भी 2012 के लंदन ओलंपिक में बैडमिंटन में कांस्य पदक (Saina Nehwal Olympic Medal) जीता था. वो वर्ल्ड चैंपियनशिप में सिल्वर और बॉन्ज के अलावा कॉमनवेल्थ गेम्स में 3 गोल्ड, एक सिल्वर और एक ब्रॉन्ज मेडल जीत चुकी हैं. इशियन गेम्स में उनके नाम 2 ब्रॉन्ज मेडल हैं. इसके अलावा एशियन चैंपियनशिप से लेकर जूनियर चैंपियनशिप और राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में कई मेडल जीत चुकी हैं.
साक्षी मलिक- ओलंपिक का कारवां साल 2016 में लंदन से रियो पहुंचा तो वहां हरियाणा की एक और छोरी ने अपना दम दिखाया और रेसलिंग इवेंट में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर देश की झोली में डाला था. ये किसी भारतीय महिला खिलाड़ी द्वारा जीता गया रेसलिंग का पहला ओलंपिक (Sakshi Malik Olympic Medal) मेडल था. ओलंपिक मेडल के अलावा साक्षी के पास एक गोल्ड समेत तीन कॉमनवेल्थ गेम्स मेडल, एशियन चैंपियनशिप से लेकर कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप समेत राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों में कई मेडल अपने नाम कर चुकी हैं.
नीरज चोपड़ा- पिछले साल टोक्यो में हुए ओलंपिक से देश को नीरज चोपड़ा के रूप में नया सितारा मिला था. नीरज चोपड़ा हरियाणा के पानीपत से हैं. उन्होंने उस खेल में ओलंपिक का गोल्ड मेडल जीता जिस खेल का ज्ञान देश में कुछ गिने चुने लोगों को ही (Neeraj Chopra Olympic Medal) होगा. टोक्यो ओलंपिक तक जैवलिन थ्रो के इवेंट देखने वाले शायद ही देश में रहे (Neeraj Chopra Olympic Gold Medalist) होंगे. लेकिन नीरज चोपड़ा के बाद जैवलिन थ्रो को लेकर लोगों में दिलचस्पी बढ़ी. अब जैवलिन थ्रो के इवेंट भी टीवी पर देखे जाने लगे. आलम ये है कि जुलाई महीने में हुई एथलेटिक्स चैंपियनशिप में नीरज चोपड़ा के इवेंट को लेकर देशभर के खेल प्रेमी इंतजार करते रहे. नीरज ने उस इवेंट में सिल्वर मेडल जीता था.
नीरज ने 7 अगस्त 2021 को ओलंपिक गोल्ड जीता था, उस दिन को अब देश में जैवलिन डे के नाम से मनाया जाता है. नीरज चोपड़ा से पहले सिर्फ अभिनव बिंद्रा ने ओलंपिक के किसी एकल इवेंट में गोल्ड मेडल जीता था. ओलंपिक गोल्ड के अलावा नीरज ने एशियन गेम्स, कॉमनवेल्थ गेम्स, एशियन चैंपियनशिप, साउथ एखियन गेम्स, वर्ल्ड जूनियर चैंपियनशिप में भी गोल्ड मेडल जीता है. इसके अलावा वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में इसी साल उन्होंने सिल्वर मेडल अपने नाम किया है. नीरज भारतीय सेना में सुबेदार के पद पर तैनात हैं और उन्हें परम विशिष्ट सेवा मेडल, विशिष्ट सेवा मेडल के साथ-साथ भारत सरकार की ओर से अर्जुन पुरस्कार से भी नवाजा गया है.
बजरंग पूनिया- झज्जर के बजरंग पूनिया ने भी टोक्यो ओलंपिक में अपना दम दिखाया और फ्री स्टाइल रेसलिंग इवेंट के 65 किलोग्राम भारवर्ग में ब्रॉन्ज मेडल जीता. उन्होंने ब्रॉन्ज मेडल मैच में कजाकिस्तान के रेसलर को 8-0 से करारी (Bajrang Punia Olympic Medal) मात दी थी. ओलंपिक मेडल के अलावा बजरंग वर्ल्ड चैंपियनशिप में एक सिल्वर, दो ब्रॉन्ज, एशियन गेम्स में एक गोल्ड औऱ एक सिल्वर के साथ कॉमनवेल्थ गेम्स में दो गोल्ड और एक सिल्वर मेडल जीत चुके हैं. इसके अलावा भी वो कई अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में अपनी बाजुओं की ताकत दिखाकर देश के लिए पदक जीत चुके हैं. भारत सरकार की ओर से बजरंग पूनिया को अर्जुन अवॉर्ड से लेकर पद्म श्री और राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार से नवाजा जा चुका है.
रवि कुमार दहिया- टोक्यो ओलंपिक देश के लिए सबसे सफल ओलंपिक साबित हुआ. टोक्यों में भारतीय खिलाड़ियों ने 7 मेडल जीते, इसमें से तीन खिलाड़ी हरियाणा के थे. नीरज चोपड़ा और बजरंग पूनिया के अलावा सोनीपत के रवि दहिया ने फ्रीस्टाइल कुश्ती का सिल्वर मेडल (Ravi Dahiya Olympic Medal) जीता. रवि दहिया इसके अलावा वर्ल्ड चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल, एशियन चैंपियनशिप में 3 गोल्ड, कॉमनवेल्थ गेम्स में एक गोल्ड मेडल जीत चुके हैं.
कुल मिलाकर हरियाणा के होनहारों ने ओलंपिक में देश की झोली में सबसे ज्यादा मेडल डाले हैं. साल 2008 के बाद से खेलों के सबसे बड़े महाकुंभ ओलंपिक में भारत का प्रदर्शन लगातार सुधरा है और इसमें हरियाणा के खिलाड़ियों का अहम योगदान है. 2008 के बीजिंग ओलंपिक से लेकर टोक्यो ओलंपिक 2020 तक हर ओलंपिक में हरियाणा के खिलाड़ी ने मेडल जीता है. 2016 के रियो ओलंपिक में जहां भारत के सिर्फ दो खिलाड़ी मेडल जीतने में कामयाब रहे थे वहां साक्षी मलिक ने सिल्वर मेडल जीता था. आजादी के 75 साल का जश्न ऐसे होनहार खिलाड़ियों के बगैर अधूरा है. इसलिये आजादी के इस अमृत महोत्सव (Azadi ka Amrit Mahotsav) में इन खिलाड़ियों को ईटीवी भारत सलाम करता (Indian Independence Day) है.
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