चंडीगढ़: केंद्र सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर केंद्रीय उत्पाद खत्म कर दिया है. जिससे पेट्रोल और डीजल के दामों में कमी आई है. बता दें, पेट्रोल और डीजल के दाम लगातार बढ़ते जा रहे थे लेकिन केंद्र सरकार ने लोगों को राहत देने के लिए केंद्रीय उत्पाद शुल्क हटा दिया (NEW RATE OF PETROL DIESEL) है. केंद्र ने पेट्रोल पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क आठ रुपये प्रति लीटर, तो डीजल पर छह रुपये प्रति लीटर की कमी करने का फैसला लिया है. इससे अब पेट्रोल नौ रुपये 50 पैसे तो डीजल सात रुपये सस्ता हो जाएगा.
चंडीगढ़ में पेट्रोल और डीजल के नए दाम: ऐसे में चंडीगढ़ समेत ट्राईसिटी में भी पेट्रोल और डीजल के दाम कम हो गए (RATE OF PETROL DIESEL IN CHANDIGARH) हैं. पेट्रोल-डीजल के दाम करीब दो महीने के बाद कम हुए हैं. चंडीगढ़ में शनिवार को पेट्रोल के दाम 104.73 रुपये प्रति लीटर और डीजल 90.81 रुपये प्रति लीटर थे. चंडीगढ़ समेत पंचकूला और मोहाली में पेट्रोल के दाम 100 रुपये से ऊपर पहुंच गए थे, लेकिन अब दामों में गिरावट होने से पहले के मुकाबले पेट्रोल और डीजल कम रेट पर लोगों को मिलेगा. ऐसे में चंडीगढ़ में अब आज से पेट्रोल 95 रुपये 23 पैसे और डीजल 83 रुपये 81 पैसे प्रति लीटर मिलेगा.
मोहाली और पंचकूला में पेट्रोल और डीजल के दाम: वहीं, मोहाली और पंचकूला में भी पेट्रोल और डीजल के दाम कम हुए (RATE OF PETROL DIESEL IN HARYANA) हैं. शनिवार को पंचकूला में पेट्रोल 106.52 रुपये प्रति लीटर और डीजल 97.73 रुपये प्रति लीटर मिल रहा था. एक्साइज ड्यूटी घटने के बाद पंचकूला में पेट्रोल 97 रुपये 02 पैसे और डीजल 90 रुपये 73 पैसे प्रति लीटर मिलेगा. मोहाली में शनिवार को पेट्रोल के दाम 105.56 रुपये प्रति लीटर और डीजल 94.19 रुपये प्रति लीटर थे. ऐसे में मोहाली में अब पेट्रोल 96.06 रुपये प्रति लीटर और डीजल 87 रुपये 19 पैसे प्रति लीटर मिलेगा.
इस फैसले से लगाया जा रहा नुकसान का अंदेशा: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क में 8 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 6 रुपये प्रति लीटर की कटौती की घोषणा करते हुए इस बड़े फैसले के परिणामस्वरूप सरकारी खजाने को हुए नुकसान पर भी प्रकाश डाला. चालू वित्त वर्ष में सरकार को एक लाख करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान लगाया गया है. केंद्र सरकार के मामले में पेट्रोलियम क्षेत्र से उत्पाद शुल्क आय केंद्र सरकार के उत्पाद शुल्क संग्रह का बड़ा हिस्सा है
राज्य भी होंगे प्रभावित: पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क में 8 रुपये और डीजल पर 6 रुपये की कटौती के केंद्र के फैसले से न केवल केंद्र के राजस्व संग्रह पर असर पड़ेगा बल्कि इसका असर राज्यों पर भी दो तरह से पड़ेगा. पहला, केंद्रीय करों में राज्यों की हिस्सेदारी उसी अनुपात में घटेगी. वित्त आयोग के फार्मूले के अनुसार राज्यों को 15वें वित्त आयोग द्वारा अनुशंसित हस्तांतरण सूत्र के अनुसार केंद्रीय करों के विभाज्य पूल से 41% हिस्सा प्राप्त होता है.
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