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राष्ट्रीय किसान दिवस: जानें कैसे हुई अन्नदाता को समर्पित करने वाले इस दिन की शुरुआत - प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह

देश के पांचवें प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह का आज जन्मदिन होने के कारण भारत में इसे 'राष्ट्रीय किसान दिवस' के रूप में मनाया जाता है.

national farmers day 2019
राष्ट्रीय किसान दिवस
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Published : Dec 23, 2019, 11:19 AM IST

Updated : Dec 23, 2019, 12:00 PM IST

चंडीगढ़: आज देश के पांचवें प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह का जन्मदिन है और इसे 'राष्ट्रीय किसान दिवस' के रूप में मनाया जाता है. चौधरी चरण सिंह किसानों के चाहने वाले थे देश और किसानों से जुड़े हर मुद्दे को बेबाकी के साथ उठाते थे और इस दिन को किसान दिवस के तौर पर मनाने का मकसद यही है कि पूरे देश को यह याद दिलाया जाए कि किसान देश का अन्नदाता है और यदि उसे कोई समस्या होती है तो उसे दूर करना पूरे देश का दायित्व है.

कैसे हुई किसान दिवस की शुरुआत?
साल 2001 में केंद्र की अटल बिहारी वाजपेयी सरकार द्वारा किसान दिवस की घोषणा की गई, जिसके लिए चौधरी चरण सिंह जयंती से अच्छा मौका नहीं था. किसानों के लिए उनके द्वारा किए गए कार्यो को ध्यान में रखते हुए 23 दिसंबर को भारतीय किसान दिवस की घोषणा की गई.

किसान परिवार से ताल्लुक रखते थे चौधरी चरण सिंह
चौधरी चरण सिंह खुद एक किसान परिवार से थे और किसानों की हर परेशानियों को वो समझते थे. राजनेता होने के साथ ही वह एक अच्छे लेखक भी थे उनकी अंग्रेजी पर अच्छी पकड़ थी. लेखक के तौर पर उन्होंने एबॉलिशन ऑफ जमींदारी, इंडियाज पॉवर्टी एंड इट्ज सॉल्यूशंस और लीजेंड प्रोपराइटरशिप जैसी किताबें लिखी हैं.

अपने प्रधानमंत्री कार्यकाल के दौरान उन्होंने किसानों की दशा सुधारने के लिए कई नीतियां बनाईं. हालांकि उनका कार्यकाल ज्यादा दिनों का नहीं था. वह 28 जुलाई 1979 से 14 जनवरी 1980 तक भारत के प्रधानमंत्री पद पर रहे थे.

‘सविनय अवज्ञा आंदोलन’ में थे शामिल
साल 1930 में महात्मा गांधी के चलाए ‘सविनय अवज्ञा आंदोलन’ में भी चौधरी चरण सिंह शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने नमक कानून तोड़ने को डांडी मार्च किया भी किया. जिसकी वजह से चरण सिंह को 6 महीने कैद की सजा हुई. जेल से वापसी के बाद चरण सिंह ने महात्मा गांधी के नेतृत्व में स्वयं को पूरी तरह से स्वतंत्रता संग्राम में समर्पित कर दिया.

जानें किन नेताओं ने ट्वीट कर दी किसान दिवस की शुभकामनाएं

  • Remembering Chaudhary Charan Singh Ji on his Jayanti. Unwavering when it came to safeguarding the rights of hardworking farmers, Charan Singh Ji also worked tirelessly for the empowerment of the marginalised. He was at the forefront of strengthening India’s democratic fabric.

    — Narendra Modi (@narendramodi) December 23, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">
  • अन्नदाता के उत्थान व कल्याण के लिए आजीवन संघर्ष करने वाले देश के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह जी की जयंती पर कोटि-कोटि नमन तथा किसान दिवस के अवसर पर समस्त किसान भाई-बहनों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। pic.twitter.com/KWFaiB80kR

    — Manohar Lal (@mlkhattar) December 23, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">
  • किसान मसीहा, स्वतंत्रता सेनानी, कृषि अर्थशास्त्री, सादगी और स्वाभिमान के प्रतीक, भारत के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह जी को उनकी जयंती पर शत् शत् नमन।

    'किसानों की दशा सुधरेगी तो देश सुधरेगा - चौधरी चरण सिंह'#KisanDiwas pic.twitter.com/oAfL6b1Tvv

    — Dushyant Chautala (@Dchautala) December 23, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">
  • देश के पूर्व प्रधानमंत्री, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, किसानों की आवाज बुलंद करने वाले एवं वंचित समाज के सशक्तिकरण के लिए आजीवन कार्य करने वाले प्रखर नेता स्वर्गीय चौधरी चरण सिंह जी की जयंती पर उन्हें शत्-शत् नमन एवं किसान दिवस पर सभी किसान बंधुओं का सादर अभिनंदन।

    — Yogi Adityanath (@myogiadityanath) December 23, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

ये भी पढ़ें: पर्यावरण को लेकर रंग लाई आरटीआई एक्टिविस्ट की मुहिम, पानीपत में 2005 पेड़ों को कटने से बचाया

चंडीगढ़: आज देश के पांचवें प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह का जन्मदिन है और इसे 'राष्ट्रीय किसान दिवस' के रूप में मनाया जाता है. चौधरी चरण सिंह किसानों के चाहने वाले थे देश और किसानों से जुड़े हर मुद्दे को बेबाकी के साथ उठाते थे और इस दिन को किसान दिवस के तौर पर मनाने का मकसद यही है कि पूरे देश को यह याद दिलाया जाए कि किसान देश का अन्नदाता है और यदि उसे कोई समस्या होती है तो उसे दूर करना पूरे देश का दायित्व है.

कैसे हुई किसान दिवस की शुरुआत?
साल 2001 में केंद्र की अटल बिहारी वाजपेयी सरकार द्वारा किसान दिवस की घोषणा की गई, जिसके लिए चौधरी चरण सिंह जयंती से अच्छा मौका नहीं था. किसानों के लिए उनके द्वारा किए गए कार्यो को ध्यान में रखते हुए 23 दिसंबर को भारतीय किसान दिवस की घोषणा की गई.

किसान परिवार से ताल्लुक रखते थे चौधरी चरण सिंह
चौधरी चरण सिंह खुद एक किसान परिवार से थे और किसानों की हर परेशानियों को वो समझते थे. राजनेता होने के साथ ही वह एक अच्छे लेखक भी थे उनकी अंग्रेजी पर अच्छी पकड़ थी. लेखक के तौर पर उन्होंने एबॉलिशन ऑफ जमींदारी, इंडियाज पॉवर्टी एंड इट्ज सॉल्यूशंस और लीजेंड प्रोपराइटरशिप जैसी किताबें लिखी हैं.

अपने प्रधानमंत्री कार्यकाल के दौरान उन्होंने किसानों की दशा सुधारने के लिए कई नीतियां बनाईं. हालांकि उनका कार्यकाल ज्यादा दिनों का नहीं था. वह 28 जुलाई 1979 से 14 जनवरी 1980 तक भारत के प्रधानमंत्री पद पर रहे थे.

‘सविनय अवज्ञा आंदोलन’ में थे शामिल
साल 1930 में महात्मा गांधी के चलाए ‘सविनय अवज्ञा आंदोलन’ में भी चौधरी चरण सिंह शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने नमक कानून तोड़ने को डांडी मार्च किया भी किया. जिसकी वजह से चरण सिंह को 6 महीने कैद की सजा हुई. जेल से वापसी के बाद चरण सिंह ने महात्मा गांधी के नेतृत्व में स्वयं को पूरी तरह से स्वतंत्रता संग्राम में समर्पित कर दिया.

जानें किन नेताओं ने ट्वीट कर दी किसान दिवस की शुभकामनाएं

  • Remembering Chaudhary Charan Singh Ji on his Jayanti. Unwavering when it came to safeguarding the rights of hardworking farmers, Charan Singh Ji also worked tirelessly for the empowerment of the marginalised. He was at the forefront of strengthening India’s democratic fabric.

    — Narendra Modi (@narendramodi) December 23, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">
  • अन्नदाता के उत्थान व कल्याण के लिए आजीवन संघर्ष करने वाले देश के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह जी की जयंती पर कोटि-कोटि नमन तथा किसान दिवस के अवसर पर समस्त किसान भाई-बहनों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। pic.twitter.com/KWFaiB80kR

    — Manohar Lal (@mlkhattar) December 23, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">
  • किसान मसीहा, स्वतंत्रता सेनानी, कृषि अर्थशास्त्री, सादगी और स्वाभिमान के प्रतीक, भारत के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह जी को उनकी जयंती पर शत् शत् नमन।

    'किसानों की दशा सुधरेगी तो देश सुधरेगा - चौधरी चरण सिंह'#KisanDiwas pic.twitter.com/oAfL6b1Tvv

    — Dushyant Chautala (@Dchautala) December 23, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">
  • देश के पूर्व प्रधानमंत्री, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, किसानों की आवाज बुलंद करने वाले एवं वंचित समाज के सशक्तिकरण के लिए आजीवन कार्य करने वाले प्रखर नेता स्वर्गीय चौधरी चरण सिंह जी की जयंती पर उन्हें शत्-शत् नमन एवं किसान दिवस पर सभी किसान बंधुओं का सादर अभिनंदन।

    — Yogi Adityanath (@myogiadityanath) December 23, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

ये भी पढ़ें: पर्यावरण को लेकर रंग लाई आरटीआई एक्टिविस्ट की मुहिम, पानीपत में 2005 पेड़ों को कटने से बचाया

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Last Updated : Dec 23, 2019, 12:00 PM IST
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