चंडीगढ़/नई दिल्ली: आवश्यक सेवाओं से जुड़े लोगों को हरियाणा में आने-जाने की अनुमति दी जाएगी. इस बात की सूचना हरियाणा सरकार ने दिल्ली हाई कोर्ट को दी.
जरूरी सेवाओं से जुड़े लोगों को आने-जाने की अनुमति
सुनवाई के दौरान हरियाणा सरकार ने हाई कोर्ट में हलफनामा देकर कहा कि जरुरी सेवाओं से जुड़े लोगों जैसे डॉक्टर, नर्स, पुलिसकर्मी, कोर्ट स्टाफ , नगरपालिका कर्मचारी इत्यादि को हरियाणा में प्रवेश करने और हरियाणा से दिल्ली जाने की अनुमति दी जाएगी. हरियाणा सरकार ने हाई कोर्ट से कहा कि जरुरी सेवाओं से जुड़े लोगों को तीस मिनट के अंदर आने-जाने के लिए ई-पास जारी किया जाएगा. ये ई-पास पूरे लॉकडाउन के लिए मान्य होगा.
ट्रकों को भी नहीं रोका जाएगा
हरियाणा सरकार ने कहा कि जरूरी और गैर जरूरी सामानों को लेकर हरियाणा से दिल्ली और दूसरे राज्यों से आने जाने वाले ट्रकों को भी नहीं रोका जाएगा. पिछली सुनवाई के दौरान दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली से हरियाणा की ओर से ट्रकों, डॉक्टरों, नर्सों और कोर्ट स्टाफ को जाने से रोकने के हरियाणा सरकार के आदेश पर नाराजगी जताई थी.
बॉर्डर पर अर्धसैनिक बलों की तैनाती की मांग की थी
यह याचिका ओपी गुप्ता ने दायर किया था. याचिका में कहा गया था कि हरियाणा सरकार, केंद्र सरकार के 15 अप्रैल के दिशानिर्देशों का पालन नहीं कर रही है. याचिका में कहा गया था कि कोर्ट बॉर्डर पर अर्धसैनिक बलों की तैनाती का आदेश दे ताकि जरूरी सामानों जैसे सब्जियों, फलों, दूध, दवाईयां की आपूर्ति सुचारु रुप से होती रहे.
नौकरी के लिए आने-जाने वालों को असुविधा
याचिका में कहा गया था कि हरियाणा से सटे सिंघु, टिकरी, गुड़गांव, आया नगर और बदरपुर पर दिल्ली से हरियाणा में जरूरी सामान वाले वाहनों को भी प्रवेश नहीं करने दिया जा रहा है. याचिका में कहा गया कि हरियाणा में रहनेवाले लोग जो दिल्ली में नौकरी करते हैं, उन्हें भी अपने घर से आने-जाने की सुविधा मिलनी चाहिए.
सोनीपत के डीएम का आदेश गलत
याचिका में कहा गयाा कि सोनीपत के डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट ने 30 अप्रैल के अपने आदेश में हरियाणा और दिल्ली के आवागमन को रोकने का आदेश जारी किया हुआ है. यहां तक की जरुरी सामानों की भी सोनीपत में आपूर्ति नहीं करने दिया जा रहा है. याचिका में कहा गया था कि सोनीपत में रहनेवाले या वहां नौकरी करनेवाले डॉक्टरों, नर्सों , कोर्ट स्टाफ को भी दिल्ली से आने-जाने नहीं दिया जा रहा है. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा था कि प्रथम दृष्टया सोनीपत के डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट का आदेश संविधान की धारा 19(1)(डी) और धारा 301 का उल्लंघन है.
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