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लंपी वायरस पर केंद्रीय पशुपालन मंत्री ने की चंडीगढ़ में बैठक, बीमारी रोकने पर हुई चर्चा

हरियाणा में लंपी वायरस (Lumpy skin disease in Haryana) का प्रकोप 14 जिलों में फैल गया है. अब तक कई पशुओं की मौत भी हो चुकी है. लगातार फैल रही इस बीमारी से हरियाणा के पशुपालन चिंतित हैं. लंपी वायरस की रोकथाम को लेकर मंगलवार को केंद्रीय पशुपालन मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने चंडीगढ़ में हरियाणा और पंजाब के मंत्रियों के साथ बैठक की.

Union Animal Husbandry Minister Purushottam Rupala
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Published : Aug 16, 2022, 7:06 PM IST

चंडीगढ़: केंद्रीय पशुपालन मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला मंगलवार को चंडीगढ़ पहुंचे जहां पर उन्होंने पंजाब और हरियाणा के मंत्रियों और अधिकारियों के साथ लंपी स्किन बीमारी को लेकर बैठक की. इस बैठक में केंद्रीय मंत्री ने दोनों राज्यों के हालातों को लेकर अलग-अलग रणनीति पर चर्चा की. बैठक के बाद पुरूषोतम रूपाला ने कहा कि हरियाणा में लंपी वायरस (Lumpy virus effect in Haryana) 14 जिलों में फैला है. 8 जिले ऐसे हैं जहां लंपी वायरस का एक भी केस दर्ज नहीं हुआ है. जहां केस सामने आए हैं राज्य सरकार ने उसकी जानकारी हमारे सामने रखी है.

इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री रूपाला (Purushottam Rupala) ने जानकारी देते हुए बताया कि राज्य सरकारों ने लंपी वायरस की वैक्सीन की उपलब्धता, उसके उपयोग को लेकर अपनी दुविधाएं हमारे सामने रखी. केंद्र सरकार इस मामले में पूरा सहयोग कर रही है. दोनों सरकारें सतर्कता से ग्राउंड लेवल पर काम कर रही है. इस महामारी को नियंत्रित करने के लिए क्या किया जाना चाहिए इसकी जानकारी भी दोनों राज्यों के अधिकारियों के साथ साझा की गई है. इस बैठक का मुख्य मकसद था कि अन्य राज्यों में इसे फैलने से रोका जाये.

लंपी वायरस पर केंद्रीय पशुपालन मंत्री ने की चंडीगढ़ में बैठक, बीमारी रोकने पर हुई चर्चा

रूपाला ने कहा कि सभी राज्यों को पशु मूवमेंट पर रोक लगाना जरूरी है. अभी तक का जो अनुभव है उसके मुताबिक गोट पॉक्स वैक्सीनेशन से ये बीमारी ठीक हो रही है. इस बीमारी से प्रभावित पशुओं के दूध पीने से बीमारी फैलने के डर के सवाल पर उन्होंने कहा कि लंपी वायरस का दूध पर असर (Lumpy virus effect on milk) नहीं पड़ता है. लोगों को कच्चा दूध नहीं इस्तेमाल करना चाहिए. उबालकर या पोस्च्युराइज्ड दूध का प्रयोग किया जा सकता है.

हरियाणा में लंपी वायरस का असर- हरियाणा में लंपी वायरस का असर (Lumpy virus effect in Haryana) 14 जिलों तक पहुंच चुका है. लंपी स्किन बीमारी की वजह से हरियाणा के 1479 गांव प्रभावित हैं. कुल 17 हजार 406 पशु इस बीमारी से प्रभावित हैं. हरियाणा में अभी तक इस बीमारी से 87 पशुओं की मौत हो चुकी है. जिन जिलों में ये बीमारी नहीं है वो हैं चरखी दादरी, गुरुग्राम, झज्जर, मेवात, पानीपत, रेवाड़ी, रोहतक और सोनीपत. केंद्रीय मंत्री के साथ हुई बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए हरियाणा के कृषि मंत्री जेपी दलाल ने कहा कि लंपी वायरस 5 राज्यों में है. हरियाणा में भी इसका असर है. इसके बारे में केंद्रीय मंत्री ने फीड बैक लिया है. हरियाणा के 14 जिलों के पशु लंपी वायरस से प्रभावित हैं. 8 जिलों में इसका कोई असर अभी तक नहीं है.

हरियाणा के पशुपालन मंत्री जेपी दलाल ने कहा कि केंद्र सरकार की जो गाइडलाइन आई थी, उसके आधार पर कार्यवाही शुरू कर दी गई थी. गोट पॉक्स की जो वैक्सीन प्रभावी है वो जिलों में भी भेज दी गई है. हमने केंद्रीय मंत्री से एक निवेदन किया है कि राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान एवं रिसर्च केंद्र हिसार में लंपी वायरस की वैक्सीन लंपी-प्रो वेक को जल्द से जल्द परमीशन देकर उपलब्ध कराया जाये. जेपी दलाल ने बताया कि भारत सरकार की पशुपालन और मत्स्य विभाग की योजनाओं को लेकर भी बात हुई. इसके अलावा कृषि मंत्री जेपी दलाल ने हरियाणा के पशुपालकों से अपने पशुओं का बीमा जल्द से जल्द कराने की अपील की ताकि किसी नुकसान की स्थिति में उसकी भरपाई की जा सके.

ये भी पढ़ें- Lumpy skin disease in Haryana: लंपी स्किन बीमारी से बचाव के लिए सरकार ने मंगाया गोट पॉक्स वैक्सीन के 5 लाख डोज

चंडीगढ़: केंद्रीय पशुपालन मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला मंगलवार को चंडीगढ़ पहुंचे जहां पर उन्होंने पंजाब और हरियाणा के मंत्रियों और अधिकारियों के साथ लंपी स्किन बीमारी को लेकर बैठक की. इस बैठक में केंद्रीय मंत्री ने दोनों राज्यों के हालातों को लेकर अलग-अलग रणनीति पर चर्चा की. बैठक के बाद पुरूषोतम रूपाला ने कहा कि हरियाणा में लंपी वायरस (Lumpy virus effect in Haryana) 14 जिलों में फैला है. 8 जिले ऐसे हैं जहां लंपी वायरस का एक भी केस दर्ज नहीं हुआ है. जहां केस सामने आए हैं राज्य सरकार ने उसकी जानकारी हमारे सामने रखी है.

इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री रूपाला (Purushottam Rupala) ने जानकारी देते हुए बताया कि राज्य सरकारों ने लंपी वायरस की वैक्सीन की उपलब्धता, उसके उपयोग को लेकर अपनी दुविधाएं हमारे सामने रखी. केंद्र सरकार इस मामले में पूरा सहयोग कर रही है. दोनों सरकारें सतर्कता से ग्राउंड लेवल पर काम कर रही है. इस महामारी को नियंत्रित करने के लिए क्या किया जाना चाहिए इसकी जानकारी भी दोनों राज्यों के अधिकारियों के साथ साझा की गई है. इस बैठक का मुख्य मकसद था कि अन्य राज्यों में इसे फैलने से रोका जाये.

लंपी वायरस पर केंद्रीय पशुपालन मंत्री ने की चंडीगढ़ में बैठक, बीमारी रोकने पर हुई चर्चा

रूपाला ने कहा कि सभी राज्यों को पशु मूवमेंट पर रोक लगाना जरूरी है. अभी तक का जो अनुभव है उसके मुताबिक गोट पॉक्स वैक्सीनेशन से ये बीमारी ठीक हो रही है. इस बीमारी से प्रभावित पशुओं के दूध पीने से बीमारी फैलने के डर के सवाल पर उन्होंने कहा कि लंपी वायरस का दूध पर असर (Lumpy virus effect on milk) नहीं पड़ता है. लोगों को कच्चा दूध नहीं इस्तेमाल करना चाहिए. उबालकर या पोस्च्युराइज्ड दूध का प्रयोग किया जा सकता है.

हरियाणा में लंपी वायरस का असर- हरियाणा में लंपी वायरस का असर (Lumpy virus effect in Haryana) 14 जिलों तक पहुंच चुका है. लंपी स्किन बीमारी की वजह से हरियाणा के 1479 गांव प्रभावित हैं. कुल 17 हजार 406 पशु इस बीमारी से प्रभावित हैं. हरियाणा में अभी तक इस बीमारी से 87 पशुओं की मौत हो चुकी है. जिन जिलों में ये बीमारी नहीं है वो हैं चरखी दादरी, गुरुग्राम, झज्जर, मेवात, पानीपत, रेवाड़ी, रोहतक और सोनीपत. केंद्रीय मंत्री के साथ हुई बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए हरियाणा के कृषि मंत्री जेपी दलाल ने कहा कि लंपी वायरस 5 राज्यों में है. हरियाणा में भी इसका असर है. इसके बारे में केंद्रीय मंत्री ने फीड बैक लिया है. हरियाणा के 14 जिलों के पशु लंपी वायरस से प्रभावित हैं. 8 जिलों में इसका कोई असर अभी तक नहीं है.

हरियाणा के पशुपालन मंत्री जेपी दलाल ने कहा कि केंद्र सरकार की जो गाइडलाइन आई थी, उसके आधार पर कार्यवाही शुरू कर दी गई थी. गोट पॉक्स की जो वैक्सीन प्रभावी है वो जिलों में भी भेज दी गई है. हमने केंद्रीय मंत्री से एक निवेदन किया है कि राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान एवं रिसर्च केंद्र हिसार में लंपी वायरस की वैक्सीन लंपी-प्रो वेक को जल्द से जल्द परमीशन देकर उपलब्ध कराया जाये. जेपी दलाल ने बताया कि भारत सरकार की पशुपालन और मत्स्य विभाग की योजनाओं को लेकर भी बात हुई. इसके अलावा कृषि मंत्री जेपी दलाल ने हरियाणा के पशुपालकों से अपने पशुओं का बीमा जल्द से जल्द कराने की अपील की ताकि किसी नुकसान की स्थिति में उसकी भरपाई की जा सके.

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