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भावांतर भरपाई योजना में फसल के पंजीकरण की अंतिम तारीख बढ़ी

कृषि मंत्री जयप्रकाश दलाल ने बताया कि कोरोना महामारी के कारण लगे लॉकडाउन को ध्यान में रखते हुए भावांतर भरपाई योजना के अंतर्गत फसल पंजीकरण की अंतिम तारीख 31 मई 2020 कर दी गई है ताकि अधिक से अधिक किसान इस योजना का लाभ उठा सकें.

jp dalal
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Published : May 21, 2020, 6:35 AM IST

Updated : May 21, 2020, 9:45 AM IST

चंडीगढ़: हरियाणा सरकार ने लॉकडाउन के दौरान किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए बड़ा फैसला लिया है. इस फैसले के अनुसार भावांतर भरपाई योजना के अंतर्गत फसल पंजीकरण की अंतिम तारीख बढ़ाकर 31 मई कर दी गई है. हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जयप्रकाश दलाल ने इस बात की जानकारी दी.

किसान यहां कराएं पंजीकरण

कृषि मंत्री ने कहा कि लॉकडाउन को ध्यान में रखते हुए भावांतर भरपाई योजना के अंतर्गत फसल पंजीकरण की अंतिम तारीख 31 मई कर दी गई है ताकि अधिक से अधिक किसान इस योजना का लाभ उठा सकें. बागवानी विभाग द्वारा पंजीकरण के लिए विशेष अभियान चलाकर किसानों को जागरूक किया जा रहा है. किसान स्वयं सर्व सेवा केंद्र, ई- दिशा केंद्र, मार्केटिंग बोर्ड, बागवानी विभाग, कृषि विभाग और इंटरनेट कियोस्क के माध्यम से मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर fasalhry.in के माध्यम से पंजीकरण कर सकते हैं.

ये भी पढ़ें- प्रदेश में बुधवार को मिले 29 नए कोरोना पॉजिटिव केस, कुल एक्टिव केस 331

उन्होंने कहा कि प्रदेश की सभी मार्केटिंग कमेटियों को दिशा निर्देश जारी कर दिए गए हैं कि किसानों की सब्जियों के उत्पाद का विपणन सुनिश्चित करें. इस दौरान अगर सब्जियों के भाव सरकार द्वारा निर्धारित संरक्षित मूल्य से कम रहते हैं तो सरकार द्वारा भावंतर की भरपाई की जाएगी. कृषि मंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान लॉकडाउन की वजह से सब्जियों की खपत में कमी आई है. किसानों की मदद के लिए डायरेक्ट मार्केटिंग का प्रयास किया गया है.

दिल्ली की आजादपुर मंडी में भेजी जा रही सब्जी

कृषि मंत्री ने कहा कि सरकार की तरफ से यह भी प्रयास किया जा रहा है कि हरियाणा के किसानों की सब्जियों को दिल्ली की आजादपुर मंडी में बिना रुकावट के भेजा जा सके. पांच बॉर्डर मार्गों के द्वारा प्रतिदिन लगभग 150 वाहनों के माध्यम से सब्जी उत्पाद का यातायात किया जा रहा है जो कि किसी भी अन्य राज्य से कई गुना ज्यादा है, इससे बिक्री में मदद होगी.

सब्जी उत्पादन की जानकारी देते हुए कृषि मंत्री ने कहा कि हरियाणा लगभग 3 लाख 70 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में सालाना सब्जी का उत्पादन करता है. इस समय मुख्य तौर पर टमाटर, शिमला मिर्च, घिया, तोरी, करेला, खीरा, मिर्च, भिंडी इत्यादि का उत्पादन हो रहा है. किसान किसी भी समस्या के समाधान और अधिक जानकारी के लिए अपने जिला स्तर के जिला उत्थान अधिकारी व सब्जी मंडी में जिला विपणन प्रवर्तन अधिकारी या मार्केटिंग बोर्ड से संपर्क कर सकते हैं.

ये भी पढ़ें- लॉकडाउन 4.0: 2 महीने बाद सड़कों पर दौड़ी सीटीयू की बसें

चंडीगढ़: हरियाणा सरकार ने लॉकडाउन के दौरान किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए बड़ा फैसला लिया है. इस फैसले के अनुसार भावांतर भरपाई योजना के अंतर्गत फसल पंजीकरण की अंतिम तारीख बढ़ाकर 31 मई कर दी गई है. हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जयप्रकाश दलाल ने इस बात की जानकारी दी.

किसान यहां कराएं पंजीकरण

कृषि मंत्री ने कहा कि लॉकडाउन को ध्यान में रखते हुए भावांतर भरपाई योजना के अंतर्गत फसल पंजीकरण की अंतिम तारीख 31 मई कर दी गई है ताकि अधिक से अधिक किसान इस योजना का लाभ उठा सकें. बागवानी विभाग द्वारा पंजीकरण के लिए विशेष अभियान चलाकर किसानों को जागरूक किया जा रहा है. किसान स्वयं सर्व सेवा केंद्र, ई- दिशा केंद्र, मार्केटिंग बोर्ड, बागवानी विभाग, कृषि विभाग और इंटरनेट कियोस्क के माध्यम से मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर fasalhry.in के माध्यम से पंजीकरण कर सकते हैं.

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उन्होंने कहा कि प्रदेश की सभी मार्केटिंग कमेटियों को दिशा निर्देश जारी कर दिए गए हैं कि किसानों की सब्जियों के उत्पाद का विपणन सुनिश्चित करें. इस दौरान अगर सब्जियों के भाव सरकार द्वारा निर्धारित संरक्षित मूल्य से कम रहते हैं तो सरकार द्वारा भावंतर की भरपाई की जाएगी. कृषि मंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान लॉकडाउन की वजह से सब्जियों की खपत में कमी आई है. किसानों की मदद के लिए डायरेक्ट मार्केटिंग का प्रयास किया गया है.

दिल्ली की आजादपुर मंडी में भेजी जा रही सब्जी

कृषि मंत्री ने कहा कि सरकार की तरफ से यह भी प्रयास किया जा रहा है कि हरियाणा के किसानों की सब्जियों को दिल्ली की आजादपुर मंडी में बिना रुकावट के भेजा जा सके. पांच बॉर्डर मार्गों के द्वारा प्रतिदिन लगभग 150 वाहनों के माध्यम से सब्जी उत्पाद का यातायात किया जा रहा है जो कि किसी भी अन्य राज्य से कई गुना ज्यादा है, इससे बिक्री में मदद होगी.

सब्जी उत्पादन की जानकारी देते हुए कृषि मंत्री ने कहा कि हरियाणा लगभग 3 लाख 70 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में सालाना सब्जी का उत्पादन करता है. इस समय मुख्य तौर पर टमाटर, शिमला मिर्च, घिया, तोरी, करेला, खीरा, मिर्च, भिंडी इत्यादि का उत्पादन हो रहा है. किसान किसी भी समस्या के समाधान और अधिक जानकारी के लिए अपने जिला स्तर के जिला उत्थान अधिकारी व सब्जी मंडी में जिला विपणन प्रवर्तन अधिकारी या मार्केटिंग बोर्ड से संपर्क कर सकते हैं.

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Last Updated : May 21, 2020, 9:45 AM IST
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