चंडीगढ़: हरियाणा के 2 दिनों के दौरे पर आए बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (BJP National President JP Nadda) जहां पार्टी और संगठन को हरियाणा में आने वाले दिनों में कैसे मजबूत करना है, इसका गुरु मंत्र दे गए. तो वहीं इस दौरे की जो सबसे बड़ी बात रही, वह यह थी कि वे राज्य में चल रही गठबंधन की सरकार की दोनों पार्टियों के बीच बढ़ती जा रही खाई को पाटने का रास्ता भी दे गए. यानी उन्होंने दोनों दलों और सरकार के बीच बेहतर तालमेल बनाने के लिए समन्वय समिति बनाने का निर्देश दिया.
गठबंधन की गांठ और मजबूत करने के लिए समन्वय समिति का मंत्र दे गए नड्डा: बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने ऐसे तो पार्टी के संगठन के लोगों से अलग-अलग कई मुलाकातें की, लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा जिस बैठक की हो रही है. वह गठबंधन सरकार (BJP JJP alliance in Haryana) की भागीदार पार्टी जेजेपी और बीजेपी के नेताओं के साथ हुई उनकी चर्चा की है. क्योंकि इस बैठक में गठबंधन में चल रही बीजेपी और जेजेपी की सरकार के कामकाज को लेकर विस्तृत चर्चा हुई. जिसके बाद बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने दोनों दलों के बीच समन्वय स्थापित करने के लिए समन्वय समिति बनाने का मंत्र दिया.
क्यों पड़ी समन्वय समिति बनाने की जरूरत?: हरियाणा में बीजेपी-जेजेपी सरकार (BJP JJP government in Haryana) को बने हुए करीब 3 साल हो चुके हैं. साल 2019 में जब सरकार बनी तो उसके कुछ वक्त तक तो दोनों गठबंधन के दल आपसी समन्वय बनाने के काम को अमलीजामा पहनाने के लिए कार्य करते दिखे, लेकिन साल 2020 में कोरोना महामारी आने की वजह से यह समन्वय कमजोर पड़ता दिखाई दिया. जिसकी वजह से दोनों दलों के बीच में कई बार विभिन्न मुद्दों को लेकर अलग-अलग राय भी नजर आई. इसी टकराव को कम करने के लिए बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने समन्वय समिति बनाने के निर्देश दिए हैं.
कौन होंगे इसके सदस्य और क्या रहेगा इसका काम?: बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष ने (JP Nadda visit chandigarh) दोनों दलों यानी बीजेपी और जेजेपी को समन्वय समिति बनाने के लिए कहा है. ये समन्वय समिति दोनों जन के कुछ नेताओं को शामिल करके बनाई जाएगी. समन्वय समिति में दोनों दलों की ओर से चार चार नेताओं के नाम दिए जाएंगे, लेकिन जो नाम इस समिति में शामिल होंगे वह सरकार में नहीं होंगे, यानी उनके पास सरकार में किसी भी तरह का कोई पद नहीं होगा, यह समन्वय समिति सरकार और संगठन दोनों के कामों को लेकर रिपोर्ट बनाया करेगी, साथ ही यह समन्वय समिति (BJP JJP coordination committee) गठबंधन सरकार के कॉमन मिनिमम प्रोग्राम को भी गति देने का काम करेगी, इसकी रिपोर्ट दोनों दलों के पार्टी के अध्यक्षों और मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री को भी जाया करेगी, इस समन्वय समिति द्वारा की जाने वाली समीक्षा का दोनों दलों के लिए ही नहीं बल्कि सरकार के काम काज में भी अहम योगदान रहेगा.
समन्वय समिति बनाने पर क्या कहते हैं राजनीतिक जानकार?: राजनीतिक मामलों के जानकार प्रोफेसर गुरमीत सिंह कहते हैं कि जब बीजेपी जेजेपी की गठबंधन (BJP JJP alliance in Haryana) की सरकार बनी तो उस वक्त दोनों दलों के बीच कॉमन मिनिमम प्रोग्राम तय हुआ था, लेकिन इसको लेकर किसी तरह की कोई कोऑर्डिनेशन के लिए टीम नहीं बन पाई थी. वे मानते हैं कि ऐसा न हो पाने की वजह कोरोना संक्रमण काल भी रहा. क्योंकि जब सरकार बनी उसके कुछ महीने बाद ही यह महामारी आ गई थी. साथ ही वे कहते हैं कि दोनों दलों में सरकार हो या संगठन कई आपसी तालमेल की कमी भी दिखाई दी है.
खास तौर पर वे इस बात का जिक्र करते हैं कि जब निकाय चुनाव हुए तो दोनों दलों के बीच गठबंधन आखिरी वक्त में हुआ. इस तरह की स्थितियां द्वारा ना बने और सरकारी स्तर पर भी कामकाज को लेकर एक राय और बेटर कोऑर्डिनेशन रहे, इसे देखते हुए ही यह सुझाव दिया गया लगता है. हालांकि वे यह भी कहते हैं कि 2024 के लोकसभा चुनाव में इसकी वजह हो सकते हैं. क्योंकि विपक्ष, कांग्रेस हो या आम आदमी पार्टी दोनों दल भी अपनी पूरी ताकत हरियाणा में झोंकने लगे हैं. ऐसे में गठबंधन सरकार भी जनता के बीच की उनकी दूरियों को लेकर किसी भी तरह की चर्चा को मुद्दा नहीं बनने देना चाहेगी.
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