चंडीगढ़: अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक दिवस (international olympic day) को आज पूरी दुनिया मना रही है, लेकिन हरियाणा के लिए ये इवेंट बहुत बड़ा है. आज से करीब एक महीने बाद टोक्यो में ओलंपिक खेलों (Tokyo Olympics) की शुरूआत होनी है. इसमें भाग ले रहे भारत के कुल 121 खिलाड़ियों में सबसे ज्यादा खिलाड़ी हरियाणा से ही हैं. ओलंपिक में यह प्रदेश का अब तक का सबसे बड़ा दल है. अभी हमारे खिलाड़ी अलग-अलग 6 देशों में प्रैक्टिस में जुटे हुए हैं.
ओलंपिक खेलों (Tokyo Olympics) का आयोजन 23 जुलाई से 8 अगस्त तक जापान के टोक्यो में होगा. व्यक्तिगत और टीम स्पर्धा में अब तक भारत के 121 खिलाड़ी क्वालीफाई कर चुके हैं. इनमें से सबसे अधिक खिलाड़ी हरियाणा से हैं. क्षेत्रफल के हिसाब से हरियाणा (Haryana) देश में 20वें और जनसंख्या के लिहाज से 18वें स्थान पर है, जबकि ओलंपिक दल में हम सबसे ऊपर हैं. ओलिंपिक के इतिहास में यह हरियाणा की तरफ से अब तक का सबसे बड़ा दल होगा. खिलाड़ी अभी विभिन्न देशों में प्रैक्टिस में जुटे हैं, ताकि ओलंपिक में सोने की बारिश कर सकें.
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टोक्यो ओलंपिक में चमकेंगे हरियाणा के खिलाड़ी
टोक्यो जाने वाले ओलंपिक दल में हरियाणा के जो खिलाड़ी शामिल हैं, उनका मौजूदा प्रदर्शन और वर्ल्ड रैंकिंग उन्हें खास बनाती है. रेसलिंग में बजरंग पूनिया (Bajrang Punia) से लेकर जेवलिन थ्रो में नीरज चोपड़ा (Neeraj Chopra) तक दोनों खिलाड़ी काफी समय से वर्ल्ड रैंकिंग में नंबर वन पर रहे हैं. विनेश फोगाट (Vinesh Phogat) पिछले बार के टूटे सपने को इस बार पूरा करने मे कोई कसर नहीं छोड़ना चाहतीं. मनु भाकर (Manu Bhaker) से भी देश को काफी उम्मीदें हैं. यही वजह है कि इस बार ओलंपिक जाने वाले भारत के दल में सबसे ज्यादा पदकों की उम्मीद भी हरियाणा के खिलाड़ियों से ही है.
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व्यक्तिगत स्पर्धाओं में हरियाणा का बोलबाला
1920 व 1924 के ओलंपिक में खाली हाथ रहने के बाद भारत ने 1928 में पहला पदक जीता, वह भी गोल्ड मेडल. देश को पहला पदक हॉकी ने दिलाया. 1956 तक भारत ने लगातार 6 गोल्ड जीते. 1964 में सातवां और 1980 में 8वां गोल्ड जीता. गोल्ड समेत कुल 11 पदक अब तक हॉकी के नाम रहे हैं. व्यक्तिगत स्पर्धाओं में अब तक देश ने 15 मेडल जीते हैं, जिनमें सिर्फ एक गोल्ड है. इन पदकों में सबसे ज्यादा कुल 8 पदक हरियाणा के खिलाड़ियों ने जीते हैं.
हरियाणा की कर्णम मल्लेश्वरी ने शुरू किया था जीत का सिलसिला
हरियाणा ने ओलिंपिक में पहले व्यक्तिगत पदक के लिए करीब 34 साल लंबा इंतजार किया. 2000 के सिडनी ओलिंपिक में कर्णम मल्लेश्वरी ने वेटलिफ्टिंग में ब्रॉन्ज जीतकर खाता खोला. फिर रेसलिंग में सुशील कुमार ने 2008 के बीजिंग ओलिंपिक में ब्रॉन्ज और 2012 में लंदन में सिल्वर मेडल जीता. लंदन में योगेश्वर दत्त और 2016 रियो ओलंपिक में साक्षी मलिक ने ब्रॉन्ज मेडल जीता. 2012 में बैडमिंटन में साइना नेहवाल और शूटिंग में गगन नारंग ने ब्रॉन्ज जीता. बॉक्सिंग में 2008 में विजेंद्र सिंह ने भी ब्रॉन्ज मेडल जीता था.
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इन खिलाड़ियों पर रहेगी सबकी नज़रें
वैसे तो टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics) में जाने वाले हरियाणा के सभी खिलाड़ियों से देश को पदक की उम्मीदें हैं. लेकिन सबसे ज्यादा आस उन खिलाड़ियों से है, जो पिछले कई इवेंट्स में देश के लिए पदक जीत चुके हैं.
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