चंडीगढ़: सुप्रीम कोर्ट के द्वारा हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (Haryana Sikh Gurdwara Management Committee) के पक्ष में फैसला आने के बाद एचएसजीपीसी अब गुरुद्वारों की कमान अपने हाथ में लेने की कवायद में जुट गई है. एचएसजीपीसी के कार्यकारी अध्यक्ष बलजीत सिंह दादूवाल ने हरियाणा के सभी गुरुद्वारों के प्रबंधकों को कुरुक्षेत्र के छठी पातशाही गुरुद्वारे में 22 सितंबर को मीटिंग (HSGPC meeting kurukshetra) के लिए भी बुलाया था. इस बैठक में गुरुद्वारों को लेकर आगे की रणनीति पर चर्चा की गई. ईटीवी भारत से बात करते हुए बलजीत दादूवाल ने कहा कि हम किसी भी तरीके का लड़ाई झगड़ा नहीं चाहते. एसजीपीसी खुद गुरुद्वारों की संभाल हमें सौंप दे. अगर वो नहीं सौंपते तो हम सीएम मनोहर लाल से मुलाकात करेंगे. चंडीगढ़ में होने वाली ये बैठक इसी सिलसिले में बताई जा रही है.
हरियाणा गुरुद्वारा प्रबंधन एक्ट 2014 को सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को मंजूरी दे दी है. इस फैसले के साथ ही ये तय हो गया कि हरियाणा में गुरुद्वारों का प्रबंधन अब हरियाणा गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी करेगी. अभी तक सभी गुरुद्वारों की कमान शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एचजीपीसी) अमृतसर के पास है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद हरियाणा में एक बार फिर सिख राजनीति गर्मा गयी है. बुधवार को हरियाणा से HSGPC का सिख जत्था और हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पूर्व उपाध्यक्ष जगदीश झींडा कुरुक्षेत्र के साथ छठी पातशाही (gurdwara chhathi patshahi) गुरुद्वारे पहुंचा था.
छठी पातशाही गुरुद्वारे पर सुरक्षा- जगदीश झींडा ने छठी पातशाही गुरुद्वारे में गुरु की अरदास करने के बाद तुरंत निकल गये. जानकारों के मुताबिक पंजाब से SGPC के लोग भी छठी पातशाही गुरुद्वारे पहुंचने वाले थे. दोनो संगठनों के बीच किसी भी टकराव को रोकने के लिए पुलिस को अलर्ट कर दिया गया है. सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गये हैं. कुरुक्षेत्र के छठी पातशाही गुरुद्वारे पर भारी पुलिस बल तैनात (Police deployed at the chhathi Patshahi Gurdwara) किया गया है. यहां पर दो थाने के एचएचओ, दोनो सीआईए के इंचार्ज और 50 से ज्यादा पुलिसकर्मी यहां तैनात किये गये हैं.
सरकार ने सभी सुरक्षा एजेंसियों और पुलिस को अलर्ट कर दिया है. सुरक्षा के मद्देनजर पुख्ता प्रबंध किये गये हैं. कुरुक्षेत्र का छठी पातशाही गुरुद्वारा हरियाणा के सबसे बड़े गुरुद्वारों में शामिल है. हरियाणा के सिख प्रबंधन कमेटी ने पंजाब की कमेटी से अलग होने का संघर्ष इसी गुरुद्वारे से शुरु किया था. 2014 में हरियाणा के गुरुद्वारों का प्रबंधन अपने हाथ में लेने के लिए हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने संघर्ष शुरू किया था. हरियाणा के कई गुरुद्वारों में प्रबंधन की कमान लेने के लिए HSGPC और SGPC के बीच खूनी संघर्ष भी हुआ था.