चंडीगढ़: हरियाणा के लिए अलग गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (HSGPC) को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने 2 दिन पहले अलग हरियाणा गुरुद्वारा प्रबंधक एक्ट को सही बताया था. जिसके बाद आज भारी संख्या में सिख समाज के लोगों ने चंडीगढ़ में पहुंचकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल का आभार जताया. साथ ही सुप्रीम कोर्ट तक कानून की अच्छी तरीके से पैरवी के लिए धन्यवाद किया. मुख्यमंत्री मनोहर लाल से बैठक के बाद करनाल के सांसद संजय भाटिया ने कहा कि हरियाणा के गुरुद्वारों से एसजीपीसी को भारी रेवेन्यू मिलता था, लेकिन हरियाणा को उसका कम हिस्सा मिलता था. इसी के चलते हरियाणा के लिए अलग गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के गठन की मांग उठी थी.
आज की बैठक में हरियाणा से एसजीपीसी के कुल 11 सदस्यों में से आठ ने शिरकत की. उन्होंने कहा कि सभी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर खुशी जताई है. बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि कमेटी के चुनाव समाज और संगत की जिम्मेवारी है. वह चुनाव करवाएंगे. सरकार इसमें पूरा सहयोग करेगी. चुनाव नहीं होने तक बलजीत सिंह दादूवाल ही अध्यक्ष रहेंगे. हरियाणा शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पूर्व अध्यक्ष जगदीश झींडा (Sikh leader Jadgish Jhinda) ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले की कॉपी मिलने के बाद कमेटी आगे का फैसला करेगी. उन्होंने कहा कि जनरल हाउस की बैठक बुलाई जाएगी. उन्होंने कहा कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कानून बनाया था, लेकिन मुख्यमंत्री मनोहर लाल और बीजेपी ने उसे लागू करवाया. सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की अच्छे से पैरवी की जिसकी वजह से वे केस को जीतने में सफल हुए.
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा फिर से सुप्रीम कोर्ट का इस मामले में रुख करने को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में जगदीश झींडा ने कहा कि वे नहीं जानते किस आधार पर फिर से सुप्रीम कोर्ट जा रहे हैं. हालांकि झींडा ने यह भी कहा कि उनका अधिकार है वह सुप्रीम कोर्ट जा सकते हैं. झींडा ने जानकारी दी कि नई कमेटी के चुनाव डेढ़ साल में करवा दिए जाएंगे. प्रदेश में 40 हलकों में वोटर बनाए जाएंगे.
सुप्रीम कोर्ट द्वारा हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (Haryana Sikh Gurdwara Management Committee) के पक्ष में फैसला आने के बाद एचएसजीपीसी अब गुरुद्वारों की कमान अपने हाथ में लेने की कवायद में जुट गई है. एचएसजीपीसी के कार्यकारी अध्यक्ष बलजीत सिंह दादूवाल ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि हम किसी भी तरीके का लड़ाई झगड़ा नहीं चाहते. एसजीपीसी खुद गुरुद्वारों की संभाल हमें सौंप दे. अगर वो नहीं सौंपते तो हम सीएम मनोहर लाल से मुलाकात करेंगे.
हरियाणा गुरुद्वारा प्रबंधन एक्ट 2014 को सुप्रीम कोर्ट ने 20 सितंबर को मंजूरी दे दी थी. इस फैसले के साथ ही ये तय हो गया कि हरियाणा में गुरुद्वारों का प्रबंधन अब हरियाणा गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी करेगी. अभी तक सभी गुरुद्वारों की कमान शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एचजीपीसी) अमृतसर के पास है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद हरियाणा में एक बार फिर सिख राजनीति गर्मा गयी है. बुधवार को हरियाणा से HSGPC का सिख जत्था और हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पूर्व उपाध्यक्ष जगदीश झींडा कुरुक्षेत्र के साथ छठी पातशाही (gurdwara chhathi patshahi) गुरुद्वारे पहुंचा था.
छठी पातशाही गुरुद्वारा कुरुक्षेत्र इन सब गतिविधियों का प्रमुख केंद्र है. दोनो संगठनों के बीच किसी भी टकराव को रोकने के लिए पुलिस को अलर्ट कर दिया गया है. सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गये हैं. कुरुक्षेत्र के छठी पातशाही गुरुद्वारे पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है. 50 से ज्यादा पुलिसकर्मी यहां तैनात किये गये हैं.
कुरुक्षेत्र का छठी पातशाही गुरुद्वारा हरियाणा के सबसे बड़े गुरुद्वारों में शामिल है. हरियाणा के सिख प्रबंधन कमेटी ने पंजाब की कमेटी से अलग होने का संघर्ष इसी गुरुद्वारे से शुरु किया था. 2014 में हरियाणा के गुरुद्वारों का प्रबंधन अपने हाथ में लेने के लिए हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने संघर्ष शुरू किया था. हरियाणा के कई गुरुद्वारों में प्रबंधन की कमान लेने के लिए HSGPC और SGPC के बीच खूनी संघर्ष भी हुआ था.