चंडीगढ़: दुनियाभर में गोल मशीन के नाम से मशहूर पदमश्री बलबीर सिंह सीनियर ने आज सुबह मोहाली के फोर्टिस अस्पताल में आखिरी सांस ली. सांस लेने में दिक्कत होने की शिकायत के चलते उन्हें 8 मई को फोर्टिस अस्पताल में भर्ती करवाया गया था, जहां डॉ. एके मंडल की देखरेख में उनका इलाज चल रहा था.
तीन बार ओलंपिक गोल्ड जीतने वाली हॉकी टीम का रहे हिस्सा
उम्र ज्यादा होने की वजह से उनके इलाज में दिक्कत आ रही थी. डॉक्टरों की लाख कोशिशों के बावजूद सदी के इस महान खिलाड़ी ने सोमवार की सुबह 6.17 बजे दुनिया को अलविदा कह दिया. परिवार में बेटी सुशबीर और तीन बेटे कंवलबीर, करणबीर और गुरबीर हैं. पदमश्री बलबीर सिंह सीनियर भारत के इकलौते ऐसे खिलाड़ी थे, जोकि तीन बार ओलंपिक गोल्ड मेडल विजेता टीम के सदस्य रहे थे.
![Balbir Singh Sr](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/hr-cha-01-balbir-singh-pic-7203397_25052020082524_2505f_1590375324_288.jpg)
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बलबीर सिंह सीनियर दुनियाभर में गोल मशीन के नाम से मशहूर थे. भारत ने हॉकी में ओलंपिक लंदन (1948), हेल्सिंकी (1952) और मेलबोर्न (1956) में गोल्ड मेडल जीता था, खास बात यह है कि इन तीनों टीमों में बलबीर सिंह सीनियर मेडल विजेता टीम के हिस्सा थे. साल 1948 के लंदन ओलंपिक में अर्जेंटिना के खिलाफ उन्होंने 6 गोल दागे थे, इस मैच में भारत 9-1 से जीता था. इसी ओलंपिक के फाइनल में भारत ने इंग्लैंड को 4-0 से हराया था, इस मैच में उन्होंने पहले 15 मिनट में दो गोल किए थे.
ओलंपिक फाइनल में पांच गोल का रिकॉर्ड आज भी कायम
वहीं हेल्सिंकी ओलंपिक के फाइनल मैच में उन्होंने हॉलैंड के खिलाफ फाइनल मैच 5 गोल दागे थे, जिसका रिकार्ड आज भी गिनीज बुक ऑफ रिकार्ड में दर्ज है. वहीं साल 1954 में सिंगापुर टूर पर गई टीम इंडिया ने कुल 121 गोल किए थे, जिसमें 84 गोल अकेले बलबीर सिंह सीनियर के थे. इसके अलावा साल 1955 में न्यूजीलैंड-आस्ट्रेलिया के खिलाफ टीम इंडिया ने 203 गोल किए, जिसमें 121 गोल बलबीर सिंह सीनियर के थे. यह वह दौर था, जब वर्ल्ड मीडिया ने उनके नाम के साथ गोल मशीन लगाना शुरू कर दिया था.
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