चंडीगढ़: हरियाणा के 1894 गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों में पढ़ने वाले साढ़े 6 लाख छात्रों के भविष्य को देखते हुए पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने अहम आदेश दिया है. हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को अस्थाई मान्यता पर दो सप्ताह में फैसला लेने के आदेश दिए हैं. इस आदेश के साथ ही हाईकोर्ट ने प्राइवेट स्कूलों द्वारा दाखिल याचिका का निपटारा कर दिया.
कोर्ट में हुई मामले की सुनवाई
इस मामले में हरियाणा प्राइवेट स्कूल एवं चिल्ड्रेन वेलफेयर ट्रस्ट ने हाईकोर्ट में याचिका दायर उस फैसले को चुनौती दी थी. जिसके तहत मान्यता न होने के कारण ट्रस्ट के स्कूलों के 9वीं से 12वीं के छात्रों को एनरोल करने से इनकार कर दिया गया था.
याचिकाकर्ता के वकील पंकज मैनी ने बेंच को बताया कि हरियाणा स्कूल शिक्षा बोर्ड ने 22 अगस्त को एक आदेश जारी कर अस्थाई मान्यता प्राप्त स्कूलों के 9 से 12 क्लास के बच्चों का पोर्टल पर इनरोल करने से मना कर दिया.
याचिकाकर्ता ने बताया बच्चे परीक्षा नहीं दे पाएंगे
याचिकाकर्ता ने बताया कि इससे उसके स्कूल के बच्चे परीक्षा नहीं दे पाएंगे. मैनी ने कोर्ट को बताया कि सरकार की इस अधिसूचना से राज्य के 1894 स्कूल प्रभावित होंगे. इन स्कूल में 6.5 लाख छात्र पढ़ रहे है. ऐसे में सरकार के इस आदेश से लाखों छात्रों का भविष्य अंधकारमय हो गया है. कोर्ट को ये भी बताया गया कि इन स्कूल ने स्थाई मान्यता के लिए सरकार को आवेदन किया गया हुआ है, लेकिन सरकार ने उनके आवेदन पर अभी कोई निर्णय नहीं लिया है.
याचिकाकर्ता ने इस अधिसूचना को रद्द करने की मांग की है. हाईकोर्ट ने मामले कहा कि स्थाई मान्यता पर फैसला लेने में समय लग सकता है और इसके कारण छात्रों का भविष्य बर्बाद नहीं होने दे सकते. ऐसे में दो सप्ताह के भीतर सरकार इन स्कूलों की अस्थाई मान्यता पर फैसला ले.
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