चंडीगढ़: उद्योगों को निर्धारित बिजली शुल्क से छूट देने की मांग की एक याचिका पर हरियाणा सरकार ने हाईकोर्ट से आग्रह किया कि उनको जवाब दायर करने का कुछ समय और दिया जाए. हाईकोर्ट की जस्टिस निर्मलजीत कौर ने सभी प्रतिवादी पक्ष को 10 सितंबर से पहले जवाब दायर करने का निर्देश देते हुए मामले की सुनवाई स्थगित कर दी.
मैन्युफैक्चर्स एसोसिएशन फरीदाबाद और हरियाणा पर्यावरण प्रबंधन सोसायटी द्वारा दायर याचिका में हाईकोर्ट को बताया गया कि लॉकडाउन के चलते उद्योग संकट में है. इस कारण लॉकडाउन समय के दौरान गुजरात, पंजाब, महाराष्ट्र, कर्नाटक और दिल्ली सहित कुछ प्रमुख राज्यों ने पहले से ही निर्धारित बिजली शुल्क की माफी की घोषणा की थी, लेकिन हरियाणा में बिजली निगम उद्योगों को कोई राहत न देते हुए उनसे जबरन निर्धारित बिजली शुल्क वसूलने पर लगी हुई है.
कोर्ट को बताया गया कि हरियाणा सरकार ने और उसके डिस्कॉम (दि डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर कंसिस्ट्स ऑफ पावर डिस्ट्रीब्यूशन कम्पनीज) ने पहले से ही फोर्स मेजर क्लॉज लागू कर दिया था, ताकि बिजली पैदा करने वाली कंपनियों को कोई शुल्क न देना पड़े. एक तरफ बिजली कंपनी इस तरह का लाभ ले रही है, लेकिन दूसरी ओर वे विशेष रूप से उद्योग से निर्धारित बिजली शुल्क के भुगतान पर जोर दे रहे थे.
ये भी पढ़ें- चंडीगढ़ में मास्क नहीं पहनने पर लेडी कांस्टेबल ने युवक को पीटा