चंडीगढ़: मास्क और ग्लव्स का सही ढंग से डिस्पोजल किए जाने की एक मांग पर शुक्रवार को सरकार ने हाई कोर्ट को बताया कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और एनडीएमए (नेशनल डिजास्टर मेनजमेट अथारिटी ) के निर्देशानुसार फेस मास्क और ग्लव्स का डिस्पोजल किया जा रहा है.
सरकार ने कोर्ट में बताया कि लोगों को इस बारे में जागरूक भी किया जा रहा है कि वो फेस मास्क और ग्लव्स को ब्लीचिंग पाउडर में धोकर जला दे या फिर जमीन में गहरे दफना दें. कुछ जगह पर सरकार द्वारा भी फेस मास्क और ग्लव्स को एकत्रित कर नष्ट करवाया जा रहा है. सभी डीसी को भी इसके लिए उचित कदम उठा कर काम करने को कहा गया है. सरकार के इस जवाब पर हाई कोर्ट ने याचिका का निपटारा कर दिया.
इस मामले को लेकर चंडीगढ़ निवासी अभयजीत सिंह ने हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर इस्तेमाल किए जा चुके फेस मास्क, ग्लव्स और अन्य सामग्री के डिस्पोजल को लेकर केंद्र सरकार सहित पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ द्वारा उचित दिशा-निर्देश तय कर उसे लागू किए जाने की मांग थी.
याचिकाकर्ता ने दायर जनहित याचिका में हाई कोर्ट को बताया गया है कि कोरोना वायरस से होने वाले संक्रमण से बचाव के लिए फेस मास्क और ग्लव्स का इस्तेमाल करने को कहा गया है.
इसी तरह अन्य मेडिकल सामग्री भी इस्तेमाल में लाई जा रही हैं लेकिन आम लोग इन फेस मास्क और ग्लव्स को इस्तेमाल कर ऐसे ही आम कचरे की तरह ही डस्ट बीन में फेंक रहे हैं. जिसके संपर्क में कोई भी आ सकता है जो उसके लिए घातक साबित होगा.
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