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तेजिंदर बग्गा को बड़ी राहत, हाईकोर्ट ने 5 जुलाई तक लगाई गिरफ्तारी पर रोक - hearing in high court on tajinder singh bagga case

बीजेपी नेता तेजिंदर पाल बग्गा (Tajinder Singh Bagga Case update) की गिरफ्तारी मामले पर मंगलवार को हाईकोर्ट में सुनवाई होगी. इससे पहले 8 मई को हुई सुनवाई में बग्गा की गिरफ्तारी पर पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट ने लोक लगा दी थी. कोर्ट ने कहा था कि अगली सुनवाई तक बग्गा के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी.

Tajinder Singh Bagga Case update
Tajinder Singh Bagga Case update
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Published : May 9, 2022, 9:05 PM IST

Updated : May 10, 2022, 12:15 PM IST

चंडीगढ़: पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट से बीजेपी नेता तेजिंदर बग्गा को बड़ी राहत मिली है. मंगलवार को सुनवाई के बाद कोर्ट ने अपने अंतरिम आदेश को 5 जुलाई तक बरकरार रखने के आदेश दिए हैं. इस आदेश के बाद अब 5 जुलाई तक तेजिंदर बग्गा की गिरफ्तारी नहीं हो सकती है. दरअसल हाईकोर्ट ने पिछली सुनवाई के दौरान बग्गा की गिरफ्तारी पर 10 मई तक रोक लगाई थी और अब उसी आदेश को 5 जुलाई तक जारी रखने के आदेश दिए हैं.

मंगलवार को अधिवक्ता पुनीत बाली ने पंजाब सरकार की तरफ से पक्ष रखा. वहीं हरियाणा सरकार की तरफ से बताया गया कि उनकी तरफ से सीसीटीवी फुटेज को संभालकर रखा गया है. पंजाब सरकार ने कहा कि उस फुटेज को कोर्ट में पेश किया जाए. वहीं दिल्ली पुलिस की तरफ से कहा गया कि पंजाब सरकार की तरफ से दायर हेबियस कॉर्पस (habeas corpus) पेटिशन का कोई मतलब नहीं है क्योंकि पंजाब सरकार का कोई भी पुलिस अधिकारी दिल्ली या हरियाणा पुलिस की हिरासत में है. दरअसल पंजाब सरकार की तरफ से बार-बार कहा जाता रहा है कि बग्गा को गिरफ्तार करने दिल्ली गई पंजाब पुलिस के जवानों को पहले दिल्ली पुलिस और फिर पंजाब आते वक्त हरियाणा पुलिस में हिरासत में लिया था. इसी वजह से पंजाब की तरफ से सीसीटीवी फुटेज संरक्षित करने वाली याचिका हाईकोर्ट में दायर की गई थी. सुनवाई के बाद कोर्ट ने बग्गा की गिरफ्तारी पर 5 जुलाई तक रोक लगा दी.

6 मई को बग्गा की हुई थी गिरफ्तारी- दरअसल बीजेपी नेता तजिंदर सिंह बग्गा को 6 मई की सुबह पंजाब पुलिस ने दिल्ली से गिरफ्तार किया था. बग्गा के खिलाफ मोहाली की अदालत ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया था. तेजिंदर सिंह बग्गा ने इस वारंट के खिलाफ पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट (Tejinder Bagga case in high court) का रुख किया था. इस मामले पर 7-8 मई की आधी रात को सुनवाई हुई और 10 मई तक बग्गा की गिरफ्तारी पर कोर्ट ने रोक लगा दी. जस्टिस अनूप चितकारा ने अपने आवास पर आधी रात को अत्यावश्यक आधार पर बग्गा की याचिका पर सुनवाई की थी.

पंजाब के एडवोकेट जनरल ने राज्य सरकार की ओर से कोर्ट को बताया था कि 10 मई सुबह 11 बजे तक तेजिंदर बग्गा (Tajinder Singh Bagga) के खिलाफ जारी नॉन बेलेबल वारंट पर कार्रवाई नहीं करेंगे. जिसके बाद कोर्ट ने कहा कि एडवोकेट जनरल की बात को ध्यान में रखते हुए इस मामले को 10 मई को सुनवाई के लिए रखा जाए. तेजिंदर पाल सिंह बग्गा के वकील चेतन मित्तल ने कहा कि अदालत ने प्राथमिकी को रद्द करने की मांग वाली याचिका पर अगली तारीख तक दंडात्मक कार्रवाई से सुरक्षा प्रदान की है.

तेजिंदर सिंह बग्गा केस क्या है- पंजाब पुलिस ने अप्रैल में भड़काऊ भाषण देने के मामले और आपराधिक धमकी के केस में बग्गा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी. मोहाली निवासी आप नेता सन्नी अहलूवालिया की शिकायत पर यह मामला दर्ज किया गया है. 31 मार्च को बग्गा भाजपा युवा मोर्चा के साथ दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास के बाहर प्रदर्शन कर रहे थे. बग्गा के 31 मार्च के बयान को लेकर एक अप्रैल को उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी.

तेजिंदर बग्गा के खिलाफ मामला दर्ज करने के बाद पंजाब पुलिस ने 6 मई को सुबह बग्गा को दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया. बीजेपी नेता की गिरफ्तारी होने से हड़कंप मच गया. दिल्ली और पंजाब पुलिस इस मामले को लेकर आमने-सामने हो गई. पंजाब पुलिस बग्गा को गिरफ्तार करके हरियाणा के रास्ते पंजाब जा रही थी. इसी बीच दिल्ली पुलिस सक्रिय हो गई और कुरुक्षेत्र में हरियाणा पुलिस ने पंजाब पुलिस को रोक लिया.

तेजिंदर सिंह बग्गा की गिरफ्तारी के बाद दिल्ली में बग्गा के परिजनों की तरफ से एक एफआईआर दर्ज करवाई गई. दिल्ली पुलिस ने पंजाब पुलिस पर बग्गा के अपहरण का केस दर्ज किया और उसे बरामद करने तुरंत निकल पड़ी. इस मामले की जानकारी दिल्ली पुलिस की तरफ से हरियाणा पुलिस को दी गई. जिस पर कार्रवाई करते हुए कुरुक्षेत्र में पंजाब पुलिस की टीम को हरियाणा पुलिस ने रोक लिया गया. हरियाणा, पंजाब और दिल्ली पुलिस कुरुक्षेत्र के पीपली सदर थाने में इकट्ठा हो गई. जिसके बाद हरियाणा पुलिस ने बग्गा को दिल्ली पुलिस के हवाले कर दिया.

ये भी पढ़ें-तेजिंदर बग्गा को पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट से राहत, 10 मई तक गिरफ्तारी पर रोक

चंडीगढ़: पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट से बीजेपी नेता तेजिंदर बग्गा को बड़ी राहत मिली है. मंगलवार को सुनवाई के बाद कोर्ट ने अपने अंतरिम आदेश को 5 जुलाई तक बरकरार रखने के आदेश दिए हैं. इस आदेश के बाद अब 5 जुलाई तक तेजिंदर बग्गा की गिरफ्तारी नहीं हो सकती है. दरअसल हाईकोर्ट ने पिछली सुनवाई के दौरान बग्गा की गिरफ्तारी पर 10 मई तक रोक लगाई थी और अब उसी आदेश को 5 जुलाई तक जारी रखने के आदेश दिए हैं.

मंगलवार को अधिवक्ता पुनीत बाली ने पंजाब सरकार की तरफ से पक्ष रखा. वहीं हरियाणा सरकार की तरफ से बताया गया कि उनकी तरफ से सीसीटीवी फुटेज को संभालकर रखा गया है. पंजाब सरकार ने कहा कि उस फुटेज को कोर्ट में पेश किया जाए. वहीं दिल्ली पुलिस की तरफ से कहा गया कि पंजाब सरकार की तरफ से दायर हेबियस कॉर्पस (habeas corpus) पेटिशन का कोई मतलब नहीं है क्योंकि पंजाब सरकार का कोई भी पुलिस अधिकारी दिल्ली या हरियाणा पुलिस की हिरासत में है. दरअसल पंजाब सरकार की तरफ से बार-बार कहा जाता रहा है कि बग्गा को गिरफ्तार करने दिल्ली गई पंजाब पुलिस के जवानों को पहले दिल्ली पुलिस और फिर पंजाब आते वक्त हरियाणा पुलिस में हिरासत में लिया था. इसी वजह से पंजाब की तरफ से सीसीटीवी फुटेज संरक्षित करने वाली याचिका हाईकोर्ट में दायर की गई थी. सुनवाई के बाद कोर्ट ने बग्गा की गिरफ्तारी पर 5 जुलाई तक रोक लगा दी.

6 मई को बग्गा की हुई थी गिरफ्तारी- दरअसल बीजेपी नेता तजिंदर सिंह बग्गा को 6 मई की सुबह पंजाब पुलिस ने दिल्ली से गिरफ्तार किया था. बग्गा के खिलाफ मोहाली की अदालत ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया था. तेजिंदर सिंह बग्गा ने इस वारंट के खिलाफ पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट (Tejinder Bagga case in high court) का रुख किया था. इस मामले पर 7-8 मई की आधी रात को सुनवाई हुई और 10 मई तक बग्गा की गिरफ्तारी पर कोर्ट ने रोक लगा दी. जस्टिस अनूप चितकारा ने अपने आवास पर आधी रात को अत्यावश्यक आधार पर बग्गा की याचिका पर सुनवाई की थी.

पंजाब के एडवोकेट जनरल ने राज्य सरकार की ओर से कोर्ट को बताया था कि 10 मई सुबह 11 बजे तक तेजिंदर बग्गा (Tajinder Singh Bagga) के खिलाफ जारी नॉन बेलेबल वारंट पर कार्रवाई नहीं करेंगे. जिसके बाद कोर्ट ने कहा कि एडवोकेट जनरल की बात को ध्यान में रखते हुए इस मामले को 10 मई को सुनवाई के लिए रखा जाए. तेजिंदर पाल सिंह बग्गा के वकील चेतन मित्तल ने कहा कि अदालत ने प्राथमिकी को रद्द करने की मांग वाली याचिका पर अगली तारीख तक दंडात्मक कार्रवाई से सुरक्षा प्रदान की है.

तेजिंदर सिंह बग्गा केस क्या है- पंजाब पुलिस ने अप्रैल में भड़काऊ भाषण देने के मामले और आपराधिक धमकी के केस में बग्गा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी. मोहाली निवासी आप नेता सन्नी अहलूवालिया की शिकायत पर यह मामला दर्ज किया गया है. 31 मार्च को बग्गा भाजपा युवा मोर्चा के साथ दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास के बाहर प्रदर्शन कर रहे थे. बग्गा के 31 मार्च के बयान को लेकर एक अप्रैल को उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी.

तेजिंदर बग्गा के खिलाफ मामला दर्ज करने के बाद पंजाब पुलिस ने 6 मई को सुबह बग्गा को दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया. बीजेपी नेता की गिरफ्तारी होने से हड़कंप मच गया. दिल्ली और पंजाब पुलिस इस मामले को लेकर आमने-सामने हो गई. पंजाब पुलिस बग्गा को गिरफ्तार करके हरियाणा के रास्ते पंजाब जा रही थी. इसी बीच दिल्ली पुलिस सक्रिय हो गई और कुरुक्षेत्र में हरियाणा पुलिस ने पंजाब पुलिस को रोक लिया.

तेजिंदर सिंह बग्गा की गिरफ्तारी के बाद दिल्ली में बग्गा के परिजनों की तरफ से एक एफआईआर दर्ज करवाई गई. दिल्ली पुलिस ने पंजाब पुलिस पर बग्गा के अपहरण का केस दर्ज किया और उसे बरामद करने तुरंत निकल पड़ी. इस मामले की जानकारी दिल्ली पुलिस की तरफ से हरियाणा पुलिस को दी गई. जिस पर कार्रवाई करते हुए कुरुक्षेत्र में पंजाब पुलिस की टीम को हरियाणा पुलिस ने रोक लिया गया. हरियाणा, पंजाब और दिल्ली पुलिस कुरुक्षेत्र के पीपली सदर थाने में इकट्ठा हो गई. जिसके बाद हरियाणा पुलिस ने बग्गा को दिल्ली पुलिस के हवाले कर दिया.

ये भी पढ़ें-तेजिंदर बग्गा को पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट से राहत, 10 मई तक गिरफ्तारी पर रोक

Last Updated : May 10, 2022, 12:15 PM IST
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