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फीस वसूली मामले पर HC ने पूछा, 'क्यों ना सरकार, निजी स्कूल और अभिभावक मिल बैठकर हल निकालें' - हरियाणा प्राइवेट स्कूल फीस वसूली मामला

स्कूलों से फीस वसूली के मामले में निजी स्कूलों की संस्था सर्व विद्यालय संघ हरियाणा की याचिका पर सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने पूछा कि सभी पक्ष मिलकर बैठकर इस मामले का हल क्यों नहीं निकाल लेते. अब इस मामले में अगली सुनवाई 22 जून को होगी.

haryana private school fees
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Published : Jun 18, 2020, 10:34 PM IST

चंडीगढ़: हरियाणा के निजी स्कूलों द्वारा ट्यूशन फीस के अलावा छात्रों से अन्य किसी भी तरह की फीस की वसूली पर हरियाणा सरकार द्वारा रोक लगाए जाने के जो आदेश दिए गए उन आदेशों को निजी स्कूलों की संस्था सर्व विद्यालय संघ हरियाणा ने हाई कोर्ट में याचिका दायर चुनौती दी हुई है. इस मामले को लेकर बुधवार को भी पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट में सुनवाई हुई.

प्राइवेट स्कूलों ने सरकारी आदेश पर रोक लगाने की मांग की

सर्व विद्यालय संघ हरियाणा ने याचिका में कहा कि लॉकडाउन से सिर्फ छात्रों के अभिभावक ही प्रभावित नहीं हुए हैं बल्कि निजी स्कूल भी बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं. ऐसे में अब अगर वह फीस भी पूरी नहीं वसूल पाए तो स्कूलों के पास शिक्षकों और गैर शिक्षक कर्मियों को वेतन देना और स्कूल का खर्च निकाल पाना भी मुश्किल हो जाएगा. संस्था ने हरियाणा सरकार द्वारा 12 अप्रैल से 8 मई तक जारी उन सभी आदेश पर रोक की मांग की है जिसके तहत सरकार ने निजी स्कूलों को फीस न बढ़ाने, स्कूल खुलने तक फीस वसूल न करने और सिर्फ ट्यूशन फीस के अलावा अन्य किसी फंड के लिए लेने पर पाबंदी लगा दी है.

स्कूलों से फीस वसूली के मामले पर अभिभावकों के वकील का बयान, सुनिए.

अभिभावकों ने भी रखा अपना पक्ष

वहीं इस मामले में निजी स्कूलों के अभिभावकों ने भी अर्जी दायर कर मामले में पक्ष बनाए जाने की मांग की और कहा कि मामले में हाईकोर्ट को अभिभावकों का भी पक्ष सुनना चाहिए. इस पर निजी स्कूलों ने इस अर्जी का विरोध किया जिस पर हाई कोर्ट ने कहा कि मामले में अभिभावकों का पक्ष भी सुना जाना जरूरी है. लंबी बहस के बाद हाई कोर्ट ने सुझाव दिया कि क्यों ना इस पूरे मामले में सरकार, निजी स्कूल और अभिभावक मिल बैठकर इसका हल निकाल लें. इस पर हरियाणा के एडिशनल एडवोकेट जनरल ने मामले में सरकार से हाई कोर्ट को जवाब दिए जाने के लिए समय मांगा. इस पर हाई कोर्ट ने मामले की सुनवाई सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी.

इस मामले में अभिभावकों की तरफ से याचिका दाखिल करने वाले वकील दिनेश डकोरिया ने बताया कि हरियाणा के निजी स्कूलों के अभिभावकों को ट्यूशन फीस देने में कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन लॉकडाउन के कारण हर किसी के काम पर व्यापार पर असर पड़ा है. ऐसे में हर कोई पूरी फीस जमा नहीं करवा सकता. हालांकि निजी स्कूल अगर सच में फंड की कमी के कारण जूझ रहे हैं तो वह अपनी बैलेंस शीट दिखा सकते हैं ताकि उन्हें भी किसी प्रकार का नुकसान ना हो. इस मामले में हाई कोर्ट ने निजी स्कूलों से यह पूछा था कि क्या ट्यूशन फीस से उनके जो खर्चे हैं वह पूरे होंगे या फिर नहीं, इसका जवाब आना बाकी है.

ये भी पढ़ें- हरियाणा में बाहर से आने पर जानकारी छुपाई तो हो सकती है सजा, जानिए कैसे करें रजिस्ट्रेशन

चंडीगढ़: हरियाणा के निजी स्कूलों द्वारा ट्यूशन फीस के अलावा छात्रों से अन्य किसी भी तरह की फीस की वसूली पर हरियाणा सरकार द्वारा रोक लगाए जाने के जो आदेश दिए गए उन आदेशों को निजी स्कूलों की संस्था सर्व विद्यालय संघ हरियाणा ने हाई कोर्ट में याचिका दायर चुनौती दी हुई है. इस मामले को लेकर बुधवार को भी पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट में सुनवाई हुई.

प्राइवेट स्कूलों ने सरकारी आदेश पर रोक लगाने की मांग की

सर्व विद्यालय संघ हरियाणा ने याचिका में कहा कि लॉकडाउन से सिर्फ छात्रों के अभिभावक ही प्रभावित नहीं हुए हैं बल्कि निजी स्कूल भी बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं. ऐसे में अब अगर वह फीस भी पूरी नहीं वसूल पाए तो स्कूलों के पास शिक्षकों और गैर शिक्षक कर्मियों को वेतन देना और स्कूल का खर्च निकाल पाना भी मुश्किल हो जाएगा. संस्था ने हरियाणा सरकार द्वारा 12 अप्रैल से 8 मई तक जारी उन सभी आदेश पर रोक की मांग की है जिसके तहत सरकार ने निजी स्कूलों को फीस न बढ़ाने, स्कूल खुलने तक फीस वसूल न करने और सिर्फ ट्यूशन फीस के अलावा अन्य किसी फंड के लिए लेने पर पाबंदी लगा दी है.

स्कूलों से फीस वसूली के मामले पर अभिभावकों के वकील का बयान, सुनिए.

अभिभावकों ने भी रखा अपना पक्ष

वहीं इस मामले में निजी स्कूलों के अभिभावकों ने भी अर्जी दायर कर मामले में पक्ष बनाए जाने की मांग की और कहा कि मामले में हाईकोर्ट को अभिभावकों का भी पक्ष सुनना चाहिए. इस पर निजी स्कूलों ने इस अर्जी का विरोध किया जिस पर हाई कोर्ट ने कहा कि मामले में अभिभावकों का पक्ष भी सुना जाना जरूरी है. लंबी बहस के बाद हाई कोर्ट ने सुझाव दिया कि क्यों ना इस पूरे मामले में सरकार, निजी स्कूल और अभिभावक मिल बैठकर इसका हल निकाल लें. इस पर हरियाणा के एडिशनल एडवोकेट जनरल ने मामले में सरकार से हाई कोर्ट को जवाब दिए जाने के लिए समय मांगा. इस पर हाई कोर्ट ने मामले की सुनवाई सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी.

इस मामले में अभिभावकों की तरफ से याचिका दाखिल करने वाले वकील दिनेश डकोरिया ने बताया कि हरियाणा के निजी स्कूलों के अभिभावकों को ट्यूशन फीस देने में कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन लॉकडाउन के कारण हर किसी के काम पर व्यापार पर असर पड़ा है. ऐसे में हर कोई पूरी फीस जमा नहीं करवा सकता. हालांकि निजी स्कूल अगर सच में फंड की कमी के कारण जूझ रहे हैं तो वह अपनी बैलेंस शीट दिखा सकते हैं ताकि उन्हें भी किसी प्रकार का नुकसान ना हो. इस मामले में हाई कोर्ट ने निजी स्कूलों से यह पूछा था कि क्या ट्यूशन फीस से उनके जो खर्चे हैं वह पूरे होंगे या फिर नहीं, इसका जवाब आना बाकी है.

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