चंडीगढ़: हरियाणा विधानसभा के मानसून सत्र (haryana assembly monsoon session) का आगाज़ आज से हो रहा है. दोपहर 2 बजे से शुरू होने वाले इस सत्र से पहले बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक (BAC Meeting) हुई. जिसमें तय है कि सदन का मानसून सत्र तीन दिन तक चलेगा. शुक्रवार के अलावा सोमवार और मंगलवार तक सदन की कार्यवाही चलेगी. जबकि शनिवार को रविवार को सदन में कोई कार्यवाही नहीं होगी.
हरियाणा विधानसभा का मानसून सत्र (haryana assembly monsoon session) ऐसे समय में शुरू हो रहा है, जब कांस्टेबल भर्ती पेपर लीक (constable paper leak) जैसे मुद्दे एकदम ताजा हैं. जिसके बाद सदन में जमकर हंगामा होने के आसार हैं. नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा (Bhupinder Singh Hooda) पहले ही कह चुके हैं कि वो पेपर लीक और किसानों के मुद्दे को विधानसभा में प्रमुखता से उठाएंगे. इसके अलावा भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने बेरोजगारी और क्राइम को भी बड़ा मुद्दा बताते हुए विधानसभा में रखने को कहा है, लेकिन सबसे ज्यादा हंगामे के आसार पेपर लीक के मुद्दे पर ही हैं.
भूपेंद्र सिंह हुड्डा का कहना है कि सरकार परचून की तरह नौकरियां बेच रही है. अब तक लगभग एक दर्जन पेपर लीक हो चुके हैं, लेकिन किसी पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. सरकार पेपर लीक पर चुप है लेकिन उसे विधानसभा में इस पर जवाब देना पड़ेगा. आपको बता दें कि 7 अगस्त को कांस्टेबल भर्ती परीक्षा थी जिसका पेपर लीक हो गया था और उसके बाद पेपर कैंसिल कर दिया गया. इसको लेकर प्रदेश के छात्रों ने भी कई जगह मोर्चा खोला हुआ है. वो लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं और मुआवजे की मांग कर रहे हैं.
हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने बताया कि विधानसभा में अभी तक 358 सवाल आए हैं. इसके अलावा 8 ध्यानाकर्षण प्रस्ताव और 4 विधेयक पेश करने का नोटिस है. 2 विधायकों की तरफ से प्राइवेट मेंबर बिल भी मिले हैं. वहीं ये सत्र कितने दिन चलेगा ये बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक में तय किया जाएगा.
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गौरतलब है कि मानसून सत्र में सरकार को घेरने के लिए विपक्ष तैयार बैठा है. विपक्ष ने किसान आंदोलन का मुद्दा, घोटालों का मुद्दा उठाने की पूरी तैयारी कर रखी है. इस सत्र को लेकर नेता प्रतिपक्ष कांग्रेस विधायकों के साथ बैठक कर चुके हैं और अपनी रणनीति बना चुके हैं. इनके अलावा तो हरियाणा के विपक्ष में कोई और है नहीं. इनेलो के इकलौते विधायक अभय चौटाला इस्तीफा दे चुके हैं. उसके अलावा जेजेपी और ज्यादातर निर्दलीय विधायक सरकार के साथ हैं.