चंडीगढ: आर्थिक संकट का हवाला दे परिवहन विभाग ने 750 से अधिक रोडवेज चालकों के 30 से 40 लाख रुपये का भुगतान रोक दिया है. इंसेंटिव के 1000 रुपये देने पर भी विभाग का रुख अभी साफ नहीं है. गौरतलब है कि लगभग 200 चालकों को भुगतान किया गया है, बाकी चालकों की अदायगी लॉकडाउन का हवाला देते हुए रोक दी गई है.
परिवहन विभाग के इस रवैये से चालकों में नाराजगी है. हरियाणा रोडवेज वर्कर्स यूनियन के पदाधिकारियों का कहना है कि जब करीब 200 चालकों को अदायगी कर दी तो बाकियों को क्यों नहीं. परिवहन विभाग बचे चालकों को भी जल्दी भुगतान करें.
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वहीं अप्रैल महीने में रोडवेज की 950 से अधिक बसें उत्तर प्रदेश के मजदूरों को छोड़ने के लिए दिल्ली के आनंद विहार बस स्टैंड व गाजियाबाद से भेजी गई थीं. बसों में पूरा सफर तय करने के लिए डीजल पर्याप्त मात्रा में नहीं था. इस पर चालकों को जेब से 4000 से 5000 रुपये का डीजल डलवाना पड़ा.
मजदूरों को छोड़ने के बाद चालकों ने भुगतान की मांग की जिस पर 750 से अधिक चालकों को रसीद संभाल कर रखने के लिए कहा गया है. वहीं परिवहन विभाग के अधिकारियों ने चालकों को आश्वासन दिया है कि लॉकडाउन के बाद भुगतान किया जाएगा, अभी आर्थिक संकट है.
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