चंडीगढ़: शनिवार को फेडरेशन ऑफ प्राइवेट स्कूल्स हरियाणा (Haryana Private School Federation) की ओर से चंडीगढ़ में प्रेसवार्ता का आयोजन किया गया. मीडिया से बात करते हुए फेडरेशन के अध्यक्ष कुलभूषण शर्मा ने कहा कि प्रॉपर्टी टैक्स में सरकार ने उन्हें कोरोना काल मे राहत दी थी लेकिन सरकारी अधिकारी प्रॉपर्टी टैक्स माफी के लिए नोटिफिकेशन की मांग कर रहे हैं. फेडरेशन ने ऐसे अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की है.
फेडरेशन ऑफ प्राइवेट स्कूल्स हरियाणा के अध्यक्ष कुलभूषण शर्मा (Kulbhushan Sharma) ने कहा कि सरकार को निजी स्कूलों की ओर से 25 सूत्रीय मांग पत्र दिया गया था. इसमे सरकार और फेडरेशन के बीच सहमति बनी थी. लेकिन धरातल पर कोई काम इन मांगों को लेकर नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि पिछले सात साल में मुख्यमंत्री के साथ कोई सीधा संवाद नही हुआ. ऐसे में हमारी मांगे कैसे पूरी होगी. कोरोना काल के दौरान 25 से 40 प्रतिशत ही फीस स्कूलों को आयी है. जिसकी वजह से प्राइवेट स्कूल आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं. उन्होंने कहा कि कोरोना काल में जिन स्कूलों ने प्रॉपर्टी टैक्स लोन लेकर दिए हैं उनका टैक्स अगले साल समायोजित किए जाने की बात हुई थी. लेकिन अधिकारी इस पर काम नहीं कर रहे हैं.
फेडरेशन अध्यक्ष ने कहा कि स्कूल के साथ जो बसें जुड़ी हुई हैं उनकी एनसीआर में 10 साल और एनसीआर के बाहर 15 साल की आयु है. हमारी सरकार से मांग है कि स्कूल की बसों की आयु 2 साल बढ़ाई जाए. उन्होंने कहा कि 134ए को सरकार ने कैंसिल कर दिया लेकिन बच्चे 134ए के तहत अभी भी पढ़ रहे हैं. सरकार जल्द से जल्द हमारे 134ए के तहत बकाये फीसे के पैसे का भुगतान करे. 134ए के दाखिली करीब एक हजार करोड़ की राशि सरकार पर बकाया है. स्कूल सोसाइटी को रिन्यूअल करने के लिए पोर्टल खोला गया था लेकिन कई स्कूलों को इस बारे में पता नहीं लगा. उसको लेकर स्कूलों पर फाइन लगाये जा रहे हैं. इस मामले पर हमने कई बार उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला से मिलने का प्रयास किया लेकिन आज तक उनसे मुलाकात नहीं हो पाई है.