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हरियाणा पुलिस ने दी रिटायर्ड कर्मचारियों को साइबर ठगों से अलर्ट रहने की सलाह - हरियाणा पुलिस साइबर ठगी एडवाइजरी

हरियाणा पुलिस ने एडवाइजरी जारी कर हाल ही में रिटायर हुए कर्मचारियों को साइबर ठगों से सचेत रहने और अनजान लोगों को अपनी बैंक डिटेल शेयर न करने की सलाह दी है.

Haryana Police advice retired employees to be alert to cyber thiefs
हरियाणा पुलिस ने दी रिटायर कर्मचारियों को साइबर ठगों से अलर्ट रहने की सलाह
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Published : Aug 6, 2020, 11:43 AM IST

चंडीगढ़: एडीजीपी लॉ एंड ऑर्डर नवदीप सिंह विर्क ने लोगों को साइबर जालसाजों से सतर्क रहने की सलाह देते हुए कहा कि साइबर अपराध का एक नया चलन सामने आया है. जालसाज लॉकडाउन प्रतिबंधों का फायदा उठाते हुए सेवानिवृत्त सरकारी अधिकारियों, कर्मचारियों को टारगेट कर रिटायरमेंट के बाद मिलने वाले पेंशनरी लाभ के बहाने उन्हें ठगने का प्रयास कर सकते हैं. ऐसे जालसाजों का मानना है कि तकनीकी जानकार न होने के कारण रिटायर्ड सरकारी कर्मियों को आसानी से ठगा जा सकता है.

उन्होंने बताया कि मौजूदा स्थिति में साइबर अपराध के मामलों में बढ़ोतरी देखी जा रही है. उन्होंने कहा कि हम भोले-भाले लोगों को साइबर जालसाजों के जाल में फंसने से बचाने के लिए लगातार कोशिश कर रहे हैं. साइबर क्राइम पर ब्रेक लगाने के साथ-साथ पुलिस लगातार एडवाइजरी के माध्यम से भी लोगों को इस दिशा में सतर्क और जागरूक कर रही है.

सेवानिवृत्त कर्मियों पर साइबर ठगों की नजर

एडीजीपी ने कहा कि साइबर जालसाज सबसे पहले सेवानिवृत्त कर्मियों के बारे में कुछ बुनियादी व्यक्तिगत जानकारी जुटाते हैं और फिर सरकारी खजाना विभाग के नाम से अपने टारगेट को फोन करते हैं. इसके बाद वे फोन पर जन्मतिथि, सेवानिवृत्ति की तिथि और अधिकारी की अंतिम पोस्टिंग का सही उल्लेख कर उसका विश्वास जीतने की कोशिश करते हैं.

संबंधित व्यक्ति को विश्वास में लेने के बाद ये जालसाज पेंशन से संबंधित डेटा अपडेट करने के लिए बैंक खाता नंबर, पासवर्ड और लेन-देन का विवरण जैसी व्यक्तिगत जानकारी प्राप्त करके साइबर ठगी का प्रयास करते हैं.

साइबर ठगी से कैसे बच सकते हैं

विर्क ने कहा कि सेवानिवृत अधिकारियों, कर्मचारियों सहित अन्य नागरिक भी अपनी गोपनीय जानकारी जैसे बैंक खाता नंबर, पासवर्ड, ओटीपी और लेनदेन का विवरण किसी भी अनजान व्यक्ति और कॉलर से साझा न करें. ये जानकारी किसी अनजान को देने से वित्तीय नुकसान हो सकता है.

साइबर ठगी होने पर तुरंत करें शिकायत

उन्होंने कहा कि यदि कोई व्यक्ति साइबर ठगी का शिकार होता है तो उसे अपनी शिकायत नजदीकी पुलिस स्टेशन या फिर www.cybercrime.gov.in पर तुरंत दर्ज करवानी चाहिए. विर्क ने बताया कि हरियाणा सरकार ने बढ़ते साइबर अपराध की समस्या को गंभीरता से लिया है. उन्होंने बताया कि जल्द ही फरीदाबाद, रोहतक, करनाल, अंबाला, हिसार और रेवाड़ी में छह नए साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन खोले जाएंगे.

ये भी पढ़ें: सैंपल फेल होने पर हरियाणा में 11 सैनिटाइजर ब्रांड्स पर केस दर्ज

उन्होंने बताया कि ये पंचकूला और गुरुग्राम में मौजूदा दो साइबर अपराध पुलिस थानों के अतिरिक्त होंगे. इससे साइबर अपराध से लडऩे के लिए हरियाणा पुलिस की मौजूदा क्षमता तीन गुणा तक बढ़ जाएगी.

चंडीगढ़: एडीजीपी लॉ एंड ऑर्डर नवदीप सिंह विर्क ने लोगों को साइबर जालसाजों से सतर्क रहने की सलाह देते हुए कहा कि साइबर अपराध का एक नया चलन सामने आया है. जालसाज लॉकडाउन प्रतिबंधों का फायदा उठाते हुए सेवानिवृत्त सरकारी अधिकारियों, कर्मचारियों को टारगेट कर रिटायरमेंट के बाद मिलने वाले पेंशनरी लाभ के बहाने उन्हें ठगने का प्रयास कर सकते हैं. ऐसे जालसाजों का मानना है कि तकनीकी जानकार न होने के कारण रिटायर्ड सरकारी कर्मियों को आसानी से ठगा जा सकता है.

उन्होंने बताया कि मौजूदा स्थिति में साइबर अपराध के मामलों में बढ़ोतरी देखी जा रही है. उन्होंने कहा कि हम भोले-भाले लोगों को साइबर जालसाजों के जाल में फंसने से बचाने के लिए लगातार कोशिश कर रहे हैं. साइबर क्राइम पर ब्रेक लगाने के साथ-साथ पुलिस लगातार एडवाइजरी के माध्यम से भी लोगों को इस दिशा में सतर्क और जागरूक कर रही है.

सेवानिवृत्त कर्मियों पर साइबर ठगों की नजर

एडीजीपी ने कहा कि साइबर जालसाज सबसे पहले सेवानिवृत्त कर्मियों के बारे में कुछ बुनियादी व्यक्तिगत जानकारी जुटाते हैं और फिर सरकारी खजाना विभाग के नाम से अपने टारगेट को फोन करते हैं. इसके बाद वे फोन पर जन्मतिथि, सेवानिवृत्ति की तिथि और अधिकारी की अंतिम पोस्टिंग का सही उल्लेख कर उसका विश्वास जीतने की कोशिश करते हैं.

संबंधित व्यक्ति को विश्वास में लेने के बाद ये जालसाज पेंशन से संबंधित डेटा अपडेट करने के लिए बैंक खाता नंबर, पासवर्ड और लेन-देन का विवरण जैसी व्यक्तिगत जानकारी प्राप्त करके साइबर ठगी का प्रयास करते हैं.

साइबर ठगी से कैसे बच सकते हैं

विर्क ने कहा कि सेवानिवृत अधिकारियों, कर्मचारियों सहित अन्य नागरिक भी अपनी गोपनीय जानकारी जैसे बैंक खाता नंबर, पासवर्ड, ओटीपी और लेनदेन का विवरण किसी भी अनजान व्यक्ति और कॉलर से साझा न करें. ये जानकारी किसी अनजान को देने से वित्तीय नुकसान हो सकता है.

साइबर ठगी होने पर तुरंत करें शिकायत

उन्होंने कहा कि यदि कोई व्यक्ति साइबर ठगी का शिकार होता है तो उसे अपनी शिकायत नजदीकी पुलिस स्टेशन या फिर www.cybercrime.gov.in पर तुरंत दर्ज करवानी चाहिए. विर्क ने बताया कि हरियाणा सरकार ने बढ़ते साइबर अपराध की समस्या को गंभीरता से लिया है. उन्होंने बताया कि जल्द ही फरीदाबाद, रोहतक, करनाल, अंबाला, हिसार और रेवाड़ी में छह नए साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन खोले जाएंगे.

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उन्होंने बताया कि ये पंचकूला और गुरुग्राम में मौजूदा दो साइबर अपराध पुलिस थानों के अतिरिक्त होंगे. इससे साइबर अपराध से लडऩे के लिए हरियाणा पुलिस की मौजूदा क्षमता तीन गुणा तक बढ़ जाएगी.

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