चंडीगढ़: हरियाणा विधानसभा में पहली बार पहुंचे विधायकों के लिए गुरुवार को एक प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया. पहली बार केवल 12 विधायकों को इस ट्रेनिंग कार्यक्रम के लिए चुना गया, जिसमें से 11 विधायक ही कार्यक्रम में शामिल हुए.
सेंटर फॉर सिविल सोसायटी संस्था की तरफ से आयोजित इस कार्यक्रम में हरियाणा के विधायकों को जनहित में नीतियां तैयार करने, विधानसभा में किसी विधेयक पर अपना पक्ष रखने और कल्याणकारी नीतियां कैसे बनाई जाए इसके बारे में विस्तार से बताया गया.
शिविर के समापन के बाद हरियाणा विधानसभा के अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने कहा कि विधायकों को कई चीजों के बारे में बताया गया है कि किस तरह से तैयारी के साथ विधेयकों पर चर्चा कर सकते हैं. विधायकों ने फिर हावी अफसरशाही की समस्या रखी और कहा कि पॉलिसी बनाते हुए विधायकों की राय नहीं ली जाती.
ट्रेनिंग कार्यक्रम में विधायकों ने अफसरों के द्वारा बात ना सुने जाने का मुद्दा एक बार फिर से उठाया. इसी के साथ विधायकों ने ये भी कहा कि कोई भी पॉलिसी बनने पर विधायकों और आम लोगों की राय नहीं दी जाती, अगर राय ली जाएगी तो उसका फायदा मिलेगा.
शिविर के बाद हरियाणा विधानसभा के स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता ने कहा कि इस शिविर का आयोजन का मकसद विधायकों को जनहित के काम करवाने के तरीके से अवगत करवाना था. ताकि ज्यादा से ज्यादा जनसेवा हो और विधायिका भी मजबूत बने. स्पीकर ने कहा कि यदि विधानसभा में रखे जाने वाले बिलों का विधायक पहले पूरी तरह के से अध्ययन कर लेंगे तो बहस के दौरान वे अच्छे तरीके से बात रखेंगे ये भी एक्सपर्ट्स की तरफ से विधायकों को बताया गया है.
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