चंडीगढ़: हरियाणा में पूर्व एवं मौजूदा विधायकों का इनकम टैक्स सरकार की ओर से जमा करवाने के मामले में यमुनानगर जिला अदालत की तरफ से जारी आदेश पर हाईकोर्ट ने रोक जारी रखते हुए मामले की सुनवाई 13 नवम्बर तक स्थगित कर दी है.
पूर्व व वर्तमान विधायकों से रिकवरी शुरू की गई
मामले की सुनवाई के दौरान हरियाणा सरकार की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि सरकार ने उन सभी पूर्व व वर्तमान विधायकों से रिकवरी शुरू कर दी है जिनके आयकर का भुगतान सरकारी खजाने से किया गया था. सरकार के इस जवाब पर हाईकोर्ट ने यमुनानगर जिला अदालत के उस आदेश पर भी रोक जारी रखी है जिसमें जिला अदालत ने विधानसभा सचिव को जिला अदालत में पेश होने का आदेश दिया था.
क्या है मामला ?
जानकारी के मुताबिक विधायकों का करीब 2.87 करोड़ रुपये इनकम टैक्स के रूप में सरकारी खजाने से भरा गया है. अब तक कितनी वसूली हो चुकी है और इनकम टैक्स न लेने का जिम्मेदार कौन है. इस याचिका पर जिला अदालत ने विधानसभा सचिव को तलब कर लिया था, लेकिन इसके बाद सरकार ने जिला अदालत के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी.
वहीं हाईकोर्ट में विधानसभा की तरफ से पेश किए रिकार्ड में बताया गया कि 82 मौजूदा विधायकों में से 72 से एक करोड़ 66 लाख 28 हजार 73 रुपये की रिकवरी हो चुकी है. इसके साथ ही अभी दस विधायकों से 12 लाख 51 हजार रुपये की रिकवरी नहीं हुई है. जबकि पूर्व 57 विधायकों से रिकवरी उनकी पेंशन से की जा रही है.
पिछले साल दायर की गई थी याचिका
गौरतलब है कि यमुनानगर कोर्ट में पिछले साल एक जनहित याचिका दायर की गई थी. इसमें कहा गया था कि पूर्व और मौजूदा विधायकों का करीब 2.87 करोड़ रुपये इनकम टैक्स के रूप में सरकारी खजाने से भरा गया है. अब तक कितनी वसूली हो चुकी है और इनकम टैक्स न लेने का जिम्मेदार कौन है. इस याचिका पर जिला अदालत ने विधानसभा सचिव को तलब कर लिया था. लेकिन इसके बाद सरकार ने जिला अदालत के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी.
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