चंडीगढ़: कोरोना काल के दौरान फरीदाबाद और बहादुरगढ़ में फंसे सैकड़ों प्रवासी मजदूरों के मामले को लेकर हाई कोर्ट में दो अलग-अलग जनहित याचिकाएं दायर की गई थी. जिसको लेकर हरियाणा सरकार ने हाई कोर्ट को आश्वासन दिया है कि प्रवासी मजदूरों के वापस भेजे जाने का पूरा इंतजाम किया जा रहा है. साथ ही जब तक उन्हें वापस नहीं भेजा जाता. तब तक उनके खाने का पूरा इंतजाम किया जा रहा है.
हरियाणा के एडिशनल एडवोकेट जनरल दीपक बालियान ने जानकारी देते हुए बताया कि चीफ जस्टिस रवि शंकर झा एवं जस्टिस अरुण पल्ली की खंडपीठ ने दोनों याचिकाओं का निपटारा कर दिया है. उन्होंने कहा कि सरकार को ये सुनिश्चित करना चाहिए कि कोरोना काल के दौरान किसी भी प्रवासी मजदूर को खाने और रहने की परेशानी ना हो.
बहादुरगढ़ के मामले में हरियाणा सरकार ने बताया कि याचिका में जिन 42 प्रवासी मजदूरों की बात की गई है. उन सभी को वापस भेजा जा चुका है. इतना ही नहीं सिर्फ झज्जर जिले में सरकार ने प्रवासी मजदूरों को 5 लाख 83 हजार फूड पैकेट्स और 8389 राशन के पैकेट भी बांटे हैं.
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बता दें कि देश और प्रदेश में लॉकडाउन के दौरान सैकड़ों प्रवासी मजदूर फंसे हुए हैं. जिनको केंद्र और प्रदेश सरकार की सहयाता से उनके गृह राज्य भेजने का काम किया जा रहा है.
वहीं फरीदाबाद और बहादुरगढ़ में फंसे सैकड़ों प्रवासी मजदूरों के मामले को लेकर हाई कोर्ट में दो अलग-अलग जनहित याचिकाएं दायर की गई थी. जिसको लेकर हरियाणा सरकार ने हाई कोर्ट को आश्वासन दिया है कि प्रवासी मजदूरों के वापस भेजे जाने का पूरा इंतजाम किया जा रहा है.