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हिसार को अंतरराष्ट्रीय विमानन हब बनाना चाहती है हरियाणा सरकार, डिप्टी सीएम ने बनाई रणनीति - एविएशन हब हिसार

हिसार में अंतरराष्ट्रीय विमानन हब को विकसित करने के लिए उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला काफी गंभीर दिख रहे हैं. इसी कड़ी में डिप्टी सीएम ने कई विमानन उद्योग से जुड़ी कंपनियों के प्रतिनिधियों से बातचीत की.

हिसार में अंतरराष्ट्रीय विमानन हब बनाना चाहती है हरियाणा सरकार
हिसार में अंतरराष्ट्रीय विमानन हब बनाना चाहती है हरियाणा सरकार
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Published : Jun 25, 2020, 8:06 AM IST

Updated : Jun 25, 2020, 10:15 AM IST

चंडीगढ़: हरियाणा के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने हिसार में अंतरराष्ट्रीय विमानन हब के विकास के लिए विमानन उद्योग से जुड़ी कंपनियों से वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से बातचीत की. युवाओं के लिए प्रशिक्षण की सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए अब यहां पर सिम्युलेटर भी स्थापित किया जाएगा.

उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के पास नागरिक उड्डयन विभाग का प्रभार भी है. उन्होंने विभाग की समीक्षा बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे इस योजना पर शीघ्रता से काम करने के लिए सभी हित धारकों के साथ नियमित बैठकें करें. इस अवसर पर विभाग के प्रधान सचिव अपूर्व कुमार सिंह, विशेष सचिव एवं सलाहकार, साकेत कुमार भी उपस्थित थे. वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से बातचीत के दौरान एयरबस, विस्तारा, स्पाइसजेट, ईएनटीसी और इंडिगो जैसी कंपनियों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया.

खास बात ये है कि हरियाणा सरकार प्रदेश की हवाई पट्टियों के विस्तार एवं कर्मिशियल पायलट के प्रशिक्षण के लिए सुविधाएं बढ़ाने के लिए भारतीय हवाई अड्डा प्राधिकरण के साथ पहले ही एक एमओयू साइन कर चुकी है. नागरिक उड्डयन विभाग के वर्ष 2020-21 के बजट में 311 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि करते हुए इसे 42.09 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 173.07 करोड़ रुपये किया गया है.

दुष्यंत चौटाला ने इस बात से भी अवगत करवाया कि सरकार ने हिसार की मौजूदा हवाई पट्टी के पास 4,200 एकड़ जमीन आरक्षित कर दी है. जिसका उपयोग परियोजना के विस्तार के लिए किया जा सकता है. प्रस्तावित विमानन हब में अंतरराष्ट्रीय मानक के हवाई अड्डे के साथ 9,000 फुट रनवे, एयरलाइंस और जनरल एविएशन (जीए) ऑपरेटरों के लिए पर्याप्त पार्किंग, रखरखाव, मरम्मत और ओवरहाल (एमआरओ) सुविधाएं, एयरोस्पेस विश्वविद्यालय, पायलटों, इंजीनियरों और ग्राउंड हैंडलिंग स्टाफ के लिए ग्लोबल ट्रेनिंग सेंटर और आवासीय और वाणिज्यिक विकास की योजनाएं शामिल हैं.

बातचीत के दौरान इस बात की भी जानकारी दी गई कि हिसार के प्रस्तावित विमानन हब का उपयोग ड्राईपोर्ट के रूप में भी किया जा सकता है, क्योंकि केन्द्र सरकार द्वारा दिल्ली-सिरसा आर्थिक कॉरिडोर और रोहतक-रेवाड़ी लिंक के जरिए दिल्ली-मुंबई औद्योगिक कॉरिडोर (डीएमआईसी) को जोड़ने की संभावनाओं के साथ भारतमाला परियोजना में हिसार को शामिल किया है.

उप मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि हिसार में एविएशन हब के विकास के लिए राज्य सरकार ने सुझाव देने के लिए डोमेन विशेषज्ञों के एक संयुक्त कार्य समूह का गठन किया गया है. इसके अलावा भिवानी, बाछौद (नारनौल), पिंजौर और करनाल में एविएशन गतिविधियों को भी बढ़ाया जाएगा.

ये भी पढ़ें- उपमुख्यमंत्री के पिता के लिए नहीं बने हैं मास्क पहनने और सोशल डिस्टेंसिंग के नियम!

चंडीगढ़: हरियाणा के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने हिसार में अंतरराष्ट्रीय विमानन हब के विकास के लिए विमानन उद्योग से जुड़ी कंपनियों से वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से बातचीत की. युवाओं के लिए प्रशिक्षण की सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए अब यहां पर सिम्युलेटर भी स्थापित किया जाएगा.

उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के पास नागरिक उड्डयन विभाग का प्रभार भी है. उन्होंने विभाग की समीक्षा बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे इस योजना पर शीघ्रता से काम करने के लिए सभी हित धारकों के साथ नियमित बैठकें करें. इस अवसर पर विभाग के प्रधान सचिव अपूर्व कुमार सिंह, विशेष सचिव एवं सलाहकार, साकेत कुमार भी उपस्थित थे. वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से बातचीत के दौरान एयरबस, विस्तारा, स्पाइसजेट, ईएनटीसी और इंडिगो जैसी कंपनियों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया.

खास बात ये है कि हरियाणा सरकार प्रदेश की हवाई पट्टियों के विस्तार एवं कर्मिशियल पायलट के प्रशिक्षण के लिए सुविधाएं बढ़ाने के लिए भारतीय हवाई अड्डा प्राधिकरण के साथ पहले ही एक एमओयू साइन कर चुकी है. नागरिक उड्डयन विभाग के वर्ष 2020-21 के बजट में 311 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि करते हुए इसे 42.09 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 173.07 करोड़ रुपये किया गया है.

दुष्यंत चौटाला ने इस बात से भी अवगत करवाया कि सरकार ने हिसार की मौजूदा हवाई पट्टी के पास 4,200 एकड़ जमीन आरक्षित कर दी है. जिसका उपयोग परियोजना के विस्तार के लिए किया जा सकता है. प्रस्तावित विमानन हब में अंतरराष्ट्रीय मानक के हवाई अड्डे के साथ 9,000 फुट रनवे, एयरलाइंस और जनरल एविएशन (जीए) ऑपरेटरों के लिए पर्याप्त पार्किंग, रखरखाव, मरम्मत और ओवरहाल (एमआरओ) सुविधाएं, एयरोस्पेस विश्वविद्यालय, पायलटों, इंजीनियरों और ग्राउंड हैंडलिंग स्टाफ के लिए ग्लोबल ट्रेनिंग सेंटर और आवासीय और वाणिज्यिक विकास की योजनाएं शामिल हैं.

बातचीत के दौरान इस बात की भी जानकारी दी गई कि हिसार के प्रस्तावित विमानन हब का उपयोग ड्राईपोर्ट के रूप में भी किया जा सकता है, क्योंकि केन्द्र सरकार द्वारा दिल्ली-सिरसा आर्थिक कॉरिडोर और रोहतक-रेवाड़ी लिंक के जरिए दिल्ली-मुंबई औद्योगिक कॉरिडोर (डीएमआईसी) को जोड़ने की संभावनाओं के साथ भारतमाला परियोजना में हिसार को शामिल किया है.

उप मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि हिसार में एविएशन हब के विकास के लिए राज्य सरकार ने सुझाव देने के लिए डोमेन विशेषज्ञों के एक संयुक्त कार्य समूह का गठन किया गया है. इसके अलावा भिवानी, बाछौद (नारनौल), पिंजौर और करनाल में एविएशन गतिविधियों को भी बढ़ाया जाएगा.

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Last Updated : Jun 25, 2020, 10:15 AM IST
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