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पराली जलाने पर हुई FIR वापस लेने की मांग कर रहे किसान, अभी तक मिली सिर्फ निराशा

हरियाणा में पराली जलाने पर जिन किसानों के खिलाफ प्रशासन ने एफआईआर की थी. वो किसान लगातार एफआईआर वापस लेने की मांग कर रहे हैं लेकिन अभी तक उनकी मांग नहीं मानी गई है.

haryana farmers
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Published : Dec 31, 2019, 8:10 PM IST

चंडीगढ़ः दिल्ली में जब भी प्रदूषण बढ़ता है तो उसके लिए किसान को सबसे ज्यादा जिम्मेदारी ठहराया जाता है. जबकि ऐसा नहीं है कि दिल्ली में प्रदूषण की वजह सिर्फ पराली है. और न ही ऐसा है कि दिल्ली में पराली से सबसे ज्यादा प्रदूषण होता है. इसीलिए किसानों का कहना है कि जब ज्यादा प्रदूषण करने वालों के खिलाफ एफआईआर नहीं होती तो फिर किसान के खिलाफ केस क्यों दर्ज हो रहे हैं.

किसान कर रहे FIR वापस लेने की मांग
पूरे हरियाणा में किसान पराली जलाने के आरोप में हुई FIR वापस लेने की मांग कर रहे हैं. फतेहाबद में तो कई दिनों तक किसानों ने भूख हड़ताल भी की थी. लेकिन अभी तक किसानों की कोई सुनवाई नहीं हुई है. चुनाव के वक्त जेजेपी के नेता लगातार कहते थे कि किसानों पर एफआईआर सही नहीं है और ये वापस होनी चाहिए. लेकिन अब उनके सत्ता में साझेदार होने पर भी किसानों के अच्छे दिन नहीं आए हैं.

पराली जलाने पर हुई FIR वापस लेने की मांग कर रहे किसान, अभी तक मिली सिर्फ निराशा

दिल्ली में किस चीज से होता है सबसे ज्यादा प्रदूषण

  • दिल्ली में सबसे ज्यादा 41% परिवहन प्रदूषण होता है
  • दूसरे नंबर पर 21.5% प्रदूषण हवा में उड़ती धूल से होता है
  • तीसरे नंबर पर उद्योग धंधो से 12.6% प्रदूषण होता है
  • पॉवर प्लांट से 4.9% प्रदूषण होता है
  • रिहायशी प्रदूषण की वजह से 3% प्रदूषण होता है
  • अन्य कारणों से 11% प्रदूषण होता है. जिसमें पराली भी शामिल है

हरियाणा में हर साल पराली जलाने के आंकड़े कम हो रहे हैं

  • 2016 में हरियाणा में पराली जलाने के 15686 केस सामने आए
  • 2017 में प्रदेश में पराली जलाने के 1305 केस सामने आए
  • 2018 में पराली जलाने के 9232 केस सामने आए
  • 2019 में पराली जलाने के 6630 मामले सामने आए

ये भी पढ़ेंः जिन किसानों ने पराली न जलाकर हैप्पी सीडर से किया निस्तारण उनकी गेहूं की फसल हो गई बर्बाद

हरियाणा में पराली जलाने के जिलेवार आंकड़े

जिला 2016 2017 2018 2019
अंबाला 538 504 334 374
भिवानी 93 49 22 13
फरीदाबाद 288 343 188 5
फतेहाबाद 4833 3749 2554 1335
गुरुग्राम 0 0 0 3
हिसार 416 195 214 122
झज्जर 43 19 35 10
जींद 862 946 889 610
कैथल 1748 1513 1292 1252
करनाल 1640 1514 857 1123
कुरुक्षेत्र 1080 1152 683 724
महेंद्रगढ़ 0 0 0 1
मेवात 0 0 0 0
पलवल 0 0 0 204
पंचकूला 0 0 3 20
पानीपत 102 110 65 47
रेवाड़ी 0 0 0 2
रोहतक 103 87 45 21
सिरसा 3580 2479 1790 459
सोनीपत 102 87 45 39
यमुनानगर 258 325 208 265
कुल 15686 13085 9232 6630

चंडीगढ़ः दिल्ली में जब भी प्रदूषण बढ़ता है तो उसके लिए किसान को सबसे ज्यादा जिम्मेदारी ठहराया जाता है. जबकि ऐसा नहीं है कि दिल्ली में प्रदूषण की वजह सिर्फ पराली है. और न ही ऐसा है कि दिल्ली में पराली से सबसे ज्यादा प्रदूषण होता है. इसीलिए किसानों का कहना है कि जब ज्यादा प्रदूषण करने वालों के खिलाफ एफआईआर नहीं होती तो फिर किसान के खिलाफ केस क्यों दर्ज हो रहे हैं.

किसान कर रहे FIR वापस लेने की मांग
पूरे हरियाणा में किसान पराली जलाने के आरोप में हुई FIR वापस लेने की मांग कर रहे हैं. फतेहाबद में तो कई दिनों तक किसानों ने भूख हड़ताल भी की थी. लेकिन अभी तक किसानों की कोई सुनवाई नहीं हुई है. चुनाव के वक्त जेजेपी के नेता लगातार कहते थे कि किसानों पर एफआईआर सही नहीं है और ये वापस होनी चाहिए. लेकिन अब उनके सत्ता में साझेदार होने पर भी किसानों के अच्छे दिन नहीं आए हैं.

पराली जलाने पर हुई FIR वापस लेने की मांग कर रहे किसान, अभी तक मिली सिर्फ निराशा

दिल्ली में किस चीज से होता है सबसे ज्यादा प्रदूषण

  • दिल्ली में सबसे ज्यादा 41% परिवहन प्रदूषण होता है
  • दूसरे नंबर पर 21.5% प्रदूषण हवा में उड़ती धूल से होता है
  • तीसरे नंबर पर उद्योग धंधो से 12.6% प्रदूषण होता है
  • पॉवर प्लांट से 4.9% प्रदूषण होता है
  • रिहायशी प्रदूषण की वजह से 3% प्रदूषण होता है
  • अन्य कारणों से 11% प्रदूषण होता है. जिसमें पराली भी शामिल है

हरियाणा में हर साल पराली जलाने के आंकड़े कम हो रहे हैं

  • 2016 में हरियाणा में पराली जलाने के 15686 केस सामने आए
  • 2017 में प्रदेश में पराली जलाने के 1305 केस सामने आए
  • 2018 में पराली जलाने के 9232 केस सामने आए
  • 2019 में पराली जलाने के 6630 मामले सामने आए

ये भी पढ़ेंः जिन किसानों ने पराली न जलाकर हैप्पी सीडर से किया निस्तारण उनकी गेहूं की फसल हो गई बर्बाद

हरियाणा में पराली जलाने के जिलेवार आंकड़े

जिला 2016 2017 2018 2019
अंबाला 538 504 334 374
भिवानी 93 49 22 13
फरीदाबाद 288 343 188 5
फतेहाबाद 4833 3749 2554 1335
गुरुग्राम 0 0 0 3
हिसार 416 195 214 122
झज्जर 43 19 35 10
जींद 862 946 889 610
कैथल 1748 1513 1292 1252
करनाल 1640 1514 857 1123
कुरुक्षेत्र 1080 1152 683 724
महेंद्रगढ़ 0 0 0 1
मेवात 0 0 0 0
पलवल 0 0 0 204
पंचकूला 0 0 3 20
पानीपत 102 110 65 47
रेवाड़ी 0 0 0 2
रोहतक 103 87 45 21
सिरसा 3580 2479 1790 459
सोनीपत 102 87 45 39
यमुनानगर 258 325 208 265
कुल 15686 13085 9232 6630
Intro: डॉ राजेश ने बताया कि 2018 में 10286 पराली जलाने के मामले दर्ज हुए थे और इस साल 2019 में 6630 मामले दर्ज हुए हैं। डॉक्टर राजेश ने बताया कि हरियाणा पोलूशन एंड कंट्रोल बोर्ड कड़ी मेहनत से इस प्रकार के मामलों को रोकने का प्रयास कर रहा है। उन्होंने कहा कि उनकी कोशिश रहेगी कि 2019 के मुकाबले 2020 में पोलूशन के स्तर में और भी कमी लाई जाए।


Body:डॉ राजेश ने कहा कि लोग व किसान पहले से ज्यादा समझदार हो चुके हैं और उन्हें भी समझ आ चुकी है कि उन्हें भी इसी वातावरण में रहना है और यदि वो वातावरण को प्रदूषित करेंगे तो किस प्रकार से जी पाएंगे।

बाइट - डॉ. राजेश, सीनियर साइंटिस्ट।


Conclusion:
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