चंडीगढ़: हरियाणा राज्य चुनाव आयोग ने सरकार को लिखे अपने पत्र (Haryana Election Commission letter to government) में कहा है कि 10 मई को सुप्रीम कोर्ट में बीसी वर्ग के रिजर्वेशन की रिट पिटिशन पर दिए फैसले पर सरकार का स्पष्टीकरण नहीं आया है. बैकवर्ड कैटेगरी को आरक्षण देने के लिए गठित दर्शन सिंह आयोग की सिफारिशों के अनुसार जारी अध्यादेश में आरक्षण की विस्तार से जानकारी भी मांगी गई है. कुछ इलाकों की दोबारा वार्ड बंदी होने से भी आरक्षण के नियमों में दिक्कत हो रही है.
राज्य चुनाव आयोग ने लगभग 78 हजार ईवीएम अन्य राज्यों से मंगवाई हुई है. प्रदेश में 6228 सरपंच और 62022 से अधिक पंच के लिए मतदान होना है. इसके साथ ही 3 हजार से अधिक पंचायत समिति सदस्यों के लिए भी मतदान होना है. जबकि जिला परिषद के सदस्य 411 हैं. राज्य सरकार ने सभी डीसी को 22 जुलाई तक मतदाता सूचियों का प्रकाशन करने के आदेश दिए थे. प्रदेश में पंचायतों का कार्यकाल 23 फरवरी 2021 को खत्म हो गया था. इसके बाद पंचायतों की शक्तियां बीडीपीओ को सौंप दी गई थीं.
पंचायती चुनावों में हरियाणा सरकार के आरक्षण के फैसले को 15 अप्रैल 2021 को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी. हरियाणा सरकार ने पंचायत चुनावों में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण और बीसीए को 8 प्रतिशत आरक्षण दिया था. मई 2022 में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने सरकार को पंचायत चुनाव करवाने की अनुमति दे दी थी. अब सुप्रीम कोर्ट में फिर से फैसले को चुनौती दी गई है, लेकिन कोर्ट ने इस पर स्टे नहीं लगाया.