चंडीगढ़: दुष्कर्म और हत्या के आरोपी गुरमीत राम रहीम इस समय 21 दिन की फरलो पर है. इसी दौरान सरकार ने उसे जेड प्लस सिक्योरिटी देने का फैसला किया है, जिसे कई संगठन गलत करार दे रहे हैं. डेरा सच्चा सौदा प्रमुख को जेड प्लस सुरक्षा देने के मुद्दे पर प्रदेश के शिक्षा मंत्री कंवर पाल गुर्जर से ईटीवी भारत ने खास बातचीत की.
शिक्षा मंत्री ने कहा कि कुछ लोग जानबूझकर इस बात को बड़ा मुद्दा बनाना चाहते हैं, लेकिन यह इतनी बड़ी बात नहीं है. हालांकि, गुरमीत राम रहीम को सुरक्षा मुहैया करवाने का फैसला लिया गया. गुरमीत राम रहीम को घर में रहते हुए ही सुरक्षा मुहैया करवाई जा रही है. यह मात्र सुरक्षा का मामला है. कोई वीआईपी ट्रीटमेंट नहीं दिया जा रहा है.
डेरा सच्चा सौदा प्रमुख कई मामलों में सजायाफ्ता है, लेकिन फिर भी उसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी सरकार की है. खालिस्तानियों से गुरमीत राम रहीम को खतरे की बात पुलिस की ओर से केंद्र सरकार तक पहुंचाया गया था. उसके बाद ही यह फैसला लिया गया है. इसमें राज्य सरकार की कोई भूमिका नहीं है. किसे सुरक्षा देना है या नहीं, यह केंद्र पर निर्भर करता है.
साथ ही उन्होंने कहा कि विपक्षी दल और कई संगठन तो बाबा राम रहीम की फरलो को लेकर भी सरकार का विरोध कर रहे हैं. जबकि प्रदेश सरकार का इसमें कोई हस्तक्षेप नहीं है. यह कोर्ट निर्धारित करता है कि किस सजायाफ्ता कैदी को फरलो दी जाए या न दी जाए. राम रहीम ने इससे पहले भी कई बार फरलो की अर्जी लगाई गई थी, लेकिन उस वक्त कोर्ट ने फरलो की इजाजत नहीं दी और इस बार राम रहीम को फरलो पर जाने की इजाजत मिल गई.
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