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विधानसभा मानसून सत्र का आज दूसरा दिन, पेपर लीक पर सख्त कानून लाएगी सरकार

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Published : Aug 23, 2021, 10:01 AM IST

Updated : Aug 23, 2021, 12:57 PM IST

हरियाणा विधानसभा के मानसून सत्र (Haryana assembly monsoon session) का आज दूसरा दिन है. भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक करने वालों पर सख्ती के लिए सरकार सोमवार को सदन में 'हरियाणा पब्लिक एग्जामिनेशन' बिल (Haryana Public Examination Bill) पेश कर सकती है.

Haryana assembly monsoon session Day-2 news and update
हरियाणा विधानसभा के मानसून सत्र का आज दूसरा दिन, पेपर लीकर करने वालों पर सख्त कानून लाएगी सरकार

चंडीगढ़: हरियाणा विधानसभा के मानसून सत्र (Haryana assembly monsoon session) का आज दूसरा दिन है. भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक करने वालों पर सख्ती के लिए सरकार सोमवार को सदन में 'हरियाणा पब्लिक एग्जामिनेशन' बिल (Haryana Public Examination Bill) पेश कर सकती है. पिछले दिनों हरियाणा स्टाफ सेलेक्शन कमीशन (HSSC) की ओर से कानून बनाने को लेकर भेजे प्रस्ताव के बाद यह बिल लाया गया है. बिल में सजा के तौर पर प्रॉपर्टी अटैच, कर्मचारियों की बर्खास्तगी आदि के प्रावधान रखे गए हैं. सदन में सजा के प्रावधानों पर चर्चा की जाएगी.

कांग्रेस ने किसान आंदोलन व पेपर लीक मामले में काम रोको प्रस्ताव व ध्यानाकर्षण प्रस्ताव दिए हैं. ऐसे में सत्र के दौरान हंगामे के आसार रहेंगे. कांग्रेसी विधायक प्रश्नकाल में कई मुद्दों पर सरकार को घरने की तैयारी में हैं. विधायक निर्मल रानी कंप्यूटर शिक्षा पर सरकार से जवाब मांगेंगी तो अमरजीत ढांडा वृद्धावस्था पेंशन के नियमों की जटिलताओं पर सवाल करेंगे. रेणू बाला शिक्षा नीति-2003 के तहत प्राइवेट कॉलेजों को दी जाने वाली मान्यताओं पर स्थिति स्पष्ट करने को सरकार से पूछेंगी.

हाईकोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार ने बताया कि कमीशन का संचालन 51 वर्षो पूर्व जनवरी 1970 में जारी गजट नोटिफिकेशन से ही हो रहा है. इसमें समय-समय पर बदलाव किया गया है. दिसंबर 1997 में अधीनस्थ सेवाएं चयन बोर्ड का नाम बदलकर हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग किया था.

दिसंबर, 2004 में चौटाला सरकार ने विधानसभा के जरिए हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग अधिनियम बनवा वैधानिक मान्यता दी थी, लेकिन हुड्डा सरकार ने विधानसभा सत्र में हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (निरसन) विधेयक, 2005 पारित करवाकर आयोग को मिला कानूनी दर्जा समाप्त करवा दिया.

ये भी पढ़ें- 3 दिन तक चलेगा हरियाणा विधानसभा का मानसून सत्र, इन मुद्दों पर सरकार को घेरेगा विपक्ष

क्या है पेपर लीक केस?: हरियाणा में सिपाही पद के लिए ये परीक्षा दो दिन करवाई जानी थी. दोनों दिन सुबह और शाम दो हिस्सों में ये परीक्षा होनी थी. शनिवार को सुबह की परीक्षा तो शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो गई, लेकिन शाम की परीक्षा के दौरान पेपर लीक होनी की वजह से परीक्षा रद्द कर दी गई. जिसके बाद छात्रों में काफी रोष देखने को मिला. कई छात्रों ने कहा कि अब वो दोबारा परीक्षा नहीं देंगे. हालांकि बाद में इसके तार कई पुलिसकर्मियों से भी जुड़े होने के सबूत मिले.

बहरहाल मनोहर सरकार आए दिन लीक होते पेपर के मामलों से परेशान है. यही वजह है कि सरकार विधानसभा के इसी सत्र में पेपर लीक करने वालों के खिलाफ सख्त कानून बनाने पर विचार कर रही है. इसी से जुड़ा एक बिल आज सरकार सदन में लाने जा रही है.

चंडीगढ़: हरियाणा विधानसभा के मानसून सत्र (Haryana assembly monsoon session) का आज दूसरा दिन है. भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक करने वालों पर सख्ती के लिए सरकार सोमवार को सदन में 'हरियाणा पब्लिक एग्जामिनेशन' बिल (Haryana Public Examination Bill) पेश कर सकती है. पिछले दिनों हरियाणा स्टाफ सेलेक्शन कमीशन (HSSC) की ओर से कानून बनाने को लेकर भेजे प्रस्ताव के बाद यह बिल लाया गया है. बिल में सजा के तौर पर प्रॉपर्टी अटैच, कर्मचारियों की बर्खास्तगी आदि के प्रावधान रखे गए हैं. सदन में सजा के प्रावधानों पर चर्चा की जाएगी.

कांग्रेस ने किसान आंदोलन व पेपर लीक मामले में काम रोको प्रस्ताव व ध्यानाकर्षण प्रस्ताव दिए हैं. ऐसे में सत्र के दौरान हंगामे के आसार रहेंगे. कांग्रेसी विधायक प्रश्नकाल में कई मुद्दों पर सरकार को घरने की तैयारी में हैं. विधायक निर्मल रानी कंप्यूटर शिक्षा पर सरकार से जवाब मांगेंगी तो अमरजीत ढांडा वृद्धावस्था पेंशन के नियमों की जटिलताओं पर सवाल करेंगे. रेणू बाला शिक्षा नीति-2003 के तहत प्राइवेट कॉलेजों को दी जाने वाली मान्यताओं पर स्थिति स्पष्ट करने को सरकार से पूछेंगी.

हाईकोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार ने बताया कि कमीशन का संचालन 51 वर्षो पूर्व जनवरी 1970 में जारी गजट नोटिफिकेशन से ही हो रहा है. इसमें समय-समय पर बदलाव किया गया है. दिसंबर 1997 में अधीनस्थ सेवाएं चयन बोर्ड का नाम बदलकर हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग किया था.

दिसंबर, 2004 में चौटाला सरकार ने विधानसभा के जरिए हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग अधिनियम बनवा वैधानिक मान्यता दी थी, लेकिन हुड्डा सरकार ने विधानसभा सत्र में हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (निरसन) विधेयक, 2005 पारित करवाकर आयोग को मिला कानूनी दर्जा समाप्त करवा दिया.

ये भी पढ़ें- 3 दिन तक चलेगा हरियाणा विधानसभा का मानसून सत्र, इन मुद्दों पर सरकार को घेरेगा विपक्ष

क्या है पेपर लीक केस?: हरियाणा में सिपाही पद के लिए ये परीक्षा दो दिन करवाई जानी थी. दोनों दिन सुबह और शाम दो हिस्सों में ये परीक्षा होनी थी. शनिवार को सुबह की परीक्षा तो शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो गई, लेकिन शाम की परीक्षा के दौरान पेपर लीक होनी की वजह से परीक्षा रद्द कर दी गई. जिसके बाद छात्रों में काफी रोष देखने को मिला. कई छात्रों ने कहा कि अब वो दोबारा परीक्षा नहीं देंगे. हालांकि बाद में इसके तार कई पुलिसकर्मियों से भी जुड़े होने के सबूत मिले.

बहरहाल मनोहर सरकार आए दिन लीक होते पेपर के मामलों से परेशान है. यही वजह है कि सरकार विधानसभा के इसी सत्र में पेपर लीक करने वालों के खिलाफ सख्त कानून बनाने पर विचार कर रही है. इसी से जुड़ा एक बिल आज सरकार सदन में लाने जा रही है.

Last Updated : Aug 23, 2021, 12:57 PM IST
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