चंडीगढ़: हरियाणा विधानसभा का तीन दिन चला मानसून (Haryana Vidhan Sabha Monsoon Session) सत्र कई मायनों में अहम रहा. एक ओर, जहां सदन में इस बार विधायकों को पहले दिन टैबलेट के माध्यम से सदन की कार्यवाही का प्रशिक्षण दिया गया तो दूसरी ओर विधानसभा सत्र के समय को लोकसभा की तर्ज पर सुबह 11 बजे आरंभ करके एक नई परम्परा की शुरूआत की गई. इतना ही नहीं विधानसभा परिसर में विधायकों के लिए 100 रुपये में भोजन की व्यवस्था भी की गई है. जिसमें कोई भी विधायक भोजन कर सकता है. इसकी शुरूआत 9 अगस्त, 2022 को विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता, सदन के नेता मुख्यमंत्री मनोहर लाल और नेता प्रतिपक्ष भूपेन्द्र सिंह हुड्डा द्वारा एक साथ खाना खाकर की गई.
हरियाणा विधानसभा के सभी सदस्यों ने नेशनल ई-विधान एप्लीकेशन (नीवा) की शुरूआत करने के लिए विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता का तहेदिल से आभार व्यक्त किया. वित्त मंत्री के रूप में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने पिछले दो वर्षों से सदन में बजट पेश करने में डिजिटलाईजेशन का उपयोग किया, जो आईटी के प्रति उनकी दक्षता को दर्शाता है. इस बार मानसून सत्र में मुख्यमंत्री के प्रयासों से हरियाणा विधानसभा के सभी विधायकों को नेशनल ई-विधान एप्लीकेशन (नीवा) से जोड़कर एक नये युग का सूत्रपात हुआ है.
विधानसभा सत्र के दौरान हरियाणा के खिलाड़ियों के कॉमनवेल्थ खेलों में प्रदर्शन की सराहना सदन में की गई. हरियाणा के खेल एवं युवा मामले राज्यमंत्री संदीप सिंह, जो खिलाड़ियों की हौसला अफजाई के लिए बर्मिंघम गए हुए थे, ने डिजिटल रूप से सत्र के दूसरे दिन विधानसभा की कार्यवाही से जुड़कर जानकारी देते हुए बताया कि इन खेलों में भारत ने कुल 61 पदक जीते हैं. जिसमें से 22 स्वर्ण, 16 रजत और 23 कांस्य पदक शामिल हैं. हरियाणा के खिलाड़ियों ने कुल 17 पदक जीते हैं, जिनमें 9 स्वर्ण, 2 रजत और 6 कांस्य पदक शामिल हैं. इस पर सदन के सभी सदस्यों ने मेज थपथपाकर खिलाड़ियों के इस प्रदर्शन की तहेदिल से सराहना भी की.
विधानसभा सत्र के दौरान जब झज्जर से विधायक गीता भुक्कल सदन के पटल पर पंजाब यूनिवर्सिटी, चंडीगढ़ में हरियाणा के हिस्से को बहाल करवाने को लेकर अनौपचारिक संकल्प पढ़ा तो उस पर सत्तापक्ष व विपक्ष ने एकजुटता दिखाते हुए इस मुद्दे पर सर्वसम्मत्ति से एक प्रस्ताव पारित किया, जिसे केन्द्रीय गृह मंत्रालय के पास भेजा जाएगा. मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने तो इस मुद्दे पर एक कदम और आगे बढ़ते हुए कहा कि पंजाब यूनिवर्सिटी वित्तीय संकट से जूझ रहा है क्योंकि पंजाब ने कई वर्षों से अपने हिस्से का फंड नहीं दिया है, जबकि हरियाणा पंजाब यूनिवर्सिटी में अपने हिस्से का पूरा खर्च देने को तैयार है. बशर्ते यूनिवर्सिटी में हरियाणा के विद्यार्थियों के लिए हिस्सेदारी बहाल हो. मानसून सत्र के दौरान जहां एक ओर अवैध खनन का मुद्दा छाया रहा, तो वहीं दूसरी ओर नशे के मुद्दे पर भी चर्चा हुई. इन मुद्दों पर कई ध्यानाकर्षण प्रस्ताव लाए गए, जिन पर गंभीर चर्चा की गई.