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निर्मला सीतारमण ने की राज्यों के वित्त मंत्रियों के साथ बैठक, जानें सीएम खट्टर ने क्या की केंद्र से मांग - बजट को लेकर निर्मला सीतारमण ने बुलाई बैठक

बुधवार को केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने दिल्ली में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के वित्त मंत्रियों के साथ बैठक की. इस बैठक में सीएम मनोहर लाल ने आगामी केंद्रीय बजट में हरियाणा के प्रयासों के और अच्छे परिणाम कैसे आएं, इस दिशा में तीन प्रकार के सुझाव भी दिए.

finance minister sitharaman's meeting with finance ministers of states, union territories
निर्मला सीतारमण ने की राज्यों के वित्त मंत्रियों के साथ बैठक
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Published : Dec 18, 2019, 11:47 PM IST

Updated : Dec 19, 2019, 5:25 PM IST

दिल्ली: बुधवार को केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने दिल्ली में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के वित्त मंत्रियों के साथ बैठक की. ये बैठक बजट को लेकर बुलाई गई. इस बै ठक में हरियाणा के सीएम मनोहर लाल, गोवा, अरुणांचल प्रदेश, दिल्ली, बिहार, तमिलनाडु समेत कई राज्यों के 17 वित्त मंत्रियों ने हिस्सा लिया. बजट को लेकर की गई इस बैठक में हरियाणा के सीएम ने कई बिंदुओं पर चर्चा की.

'केंद्र सरकार जल्द ले कोई नीतिगत निर्णय'
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा है कि राज्य सरकार बंद हो चुकी या फिर घाटे में चल रही सार्वजनिक क्षेत्र की कम्पनियों की जमीनें खरीदने के लिये तैयार है तथा केंद्र सरकार इस संबंध में कोई नीतिगत निर्णय ले.

मुख्यमंत्री ने बैठक में दिए तीन सुझाव
वहीं मुख्यमंत्री ने आगामी केंद्रीय बजट में हरियाणा के प्रयासों के और अच्छे परिणाम कैसे आएं, इस दिशा में तीन प्रकार के सुझाव भी दिए. हरियाणा सरकार तथा रेल मंत्रालय ने मिलकर वर्ष 2017 में एक 50:50 के अनुपात में एसवीपी का गठन किया था. ‘हरियाणा रेल इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास निगम’ नामक इस एसवीपी ने तीन नई रेल लाइनों के प्रस्ताव बनाकर रेल मंत्रालय को दिये हुए हैं. इन तीनों की स्वीकृति एडवांस स्टेज पर है और उन्होंने अनुरोध कि इनके लिए बजट अभिभाषण में अवश्य आए. ये तीन नई रेल लाईन परियोजनाएं हैं-करनाल-यमुनानगर, जींद-हांसी और हरियाणा आर्बिटल रेल कॉरिडोर. साथ ही, दिल्ली के सराय कालेखां से राजस्थान के शहजानपुर-नीमराना- बहरोड़ तक हरियाणा से गुजरते रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम के लिए भी वित्त व्यवस्था की जाए. यह परियोजना भारत सरकार के आवास और शहरी मामले मंत्रालय द्वारा क्रियान्वित की जा रही है.

केंद्र सरकार बढ़ाए वित्तीय सहायता
वहीं मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि और कमान क्षेत्र के विकास में अधिकतम परिणाम हासिल करने के लिए यह आवश्यक है कि लवणीय भूमि का सुधार किया जाए. उन्होंने कहा कि एक अनुमान के अनुसार हरियाणा में लगभग 4.25 लाख हैक्टेयर कृषिा भूमि लवणता से प्रभावित है. अत: केन्द्र सरकार से हरियाणा का आग्रह है कि इस कार्यक्रम के प्रथम चरण में 1.5 लाख भूमि के सुधार के लिए वित्तीय सहायता बढ़ाई जाए.

किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य
मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा सरकार ने अनुभव किया है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य को कृषि का केवल बागवानी एवं वाणिज्यिक फसलों से विविधिकरण करके तथा प्राथमिक प्रसंस्करण एवं विपणन को बढ़ावा देकर ही प्राप्त किया जा सकता है.

देश की अर्थव्यवस्था में हरियाणा का योगदान
इस दौरान सीएम खट्टर ने कहा कि साल 2018-19 में राज्य की आर्थिक विकास दर राष्ट्रीय विकास दर के 6.81 प्रतिशत के मुकाबले 8.19 प्रतिशत रही है. इसी प्रकार, राज्य की प्रति व्यक्ति आय 126406 रुपये के राष्ट्रीय आंकड़े के मुकाबले 226644 रुपये है. उन्होंने कहा कि हरियाणा देश की अर्थव्यवस्था को पांच खरब डॉलर तक पहुंचाने के प्रधानमंत्री के लक्ष्य में अधिकतम योगदान करने को तैयार है.

ये भी पढ़ें: अंधकार में 'भविष्य': जिस स्कूल में सीएम ने डाला वोट उसका कट गया कनेक्शन, अंधेरे में पढ़ रहे बच्चे

दिल्ली: बुधवार को केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने दिल्ली में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के वित्त मंत्रियों के साथ बैठक की. ये बैठक बजट को लेकर बुलाई गई. इस बै ठक में हरियाणा के सीएम मनोहर लाल, गोवा, अरुणांचल प्रदेश, दिल्ली, बिहार, तमिलनाडु समेत कई राज्यों के 17 वित्त मंत्रियों ने हिस्सा लिया. बजट को लेकर की गई इस बैठक में हरियाणा के सीएम ने कई बिंदुओं पर चर्चा की.

'केंद्र सरकार जल्द ले कोई नीतिगत निर्णय'
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा है कि राज्य सरकार बंद हो चुकी या फिर घाटे में चल रही सार्वजनिक क्षेत्र की कम्पनियों की जमीनें खरीदने के लिये तैयार है तथा केंद्र सरकार इस संबंध में कोई नीतिगत निर्णय ले.

मुख्यमंत्री ने बैठक में दिए तीन सुझाव
वहीं मुख्यमंत्री ने आगामी केंद्रीय बजट में हरियाणा के प्रयासों के और अच्छे परिणाम कैसे आएं, इस दिशा में तीन प्रकार के सुझाव भी दिए. हरियाणा सरकार तथा रेल मंत्रालय ने मिलकर वर्ष 2017 में एक 50:50 के अनुपात में एसवीपी का गठन किया था. ‘हरियाणा रेल इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास निगम’ नामक इस एसवीपी ने तीन नई रेल लाइनों के प्रस्ताव बनाकर रेल मंत्रालय को दिये हुए हैं. इन तीनों की स्वीकृति एडवांस स्टेज पर है और उन्होंने अनुरोध कि इनके लिए बजट अभिभाषण में अवश्य आए. ये तीन नई रेल लाईन परियोजनाएं हैं-करनाल-यमुनानगर, जींद-हांसी और हरियाणा आर्बिटल रेल कॉरिडोर. साथ ही, दिल्ली के सराय कालेखां से राजस्थान के शहजानपुर-नीमराना- बहरोड़ तक हरियाणा से गुजरते रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम के लिए भी वित्त व्यवस्था की जाए. यह परियोजना भारत सरकार के आवास और शहरी मामले मंत्रालय द्वारा क्रियान्वित की जा रही है.

केंद्र सरकार बढ़ाए वित्तीय सहायता
वहीं मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि और कमान क्षेत्र के विकास में अधिकतम परिणाम हासिल करने के लिए यह आवश्यक है कि लवणीय भूमि का सुधार किया जाए. उन्होंने कहा कि एक अनुमान के अनुसार हरियाणा में लगभग 4.25 लाख हैक्टेयर कृषिा भूमि लवणता से प्रभावित है. अत: केन्द्र सरकार से हरियाणा का आग्रह है कि इस कार्यक्रम के प्रथम चरण में 1.5 लाख भूमि के सुधार के लिए वित्तीय सहायता बढ़ाई जाए.

किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य
मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा सरकार ने अनुभव किया है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य को कृषि का केवल बागवानी एवं वाणिज्यिक फसलों से विविधिकरण करके तथा प्राथमिक प्रसंस्करण एवं विपणन को बढ़ावा देकर ही प्राप्त किया जा सकता है.

देश की अर्थव्यवस्था में हरियाणा का योगदान
इस दौरान सीएम खट्टर ने कहा कि साल 2018-19 में राज्य की आर्थिक विकास दर राष्ट्रीय विकास दर के 6.81 प्रतिशत के मुकाबले 8.19 प्रतिशत रही है. इसी प्रकार, राज्य की प्रति व्यक्ति आय 126406 रुपये के राष्ट्रीय आंकड़े के मुकाबले 226644 रुपये है. उन्होंने कहा कि हरियाणा देश की अर्थव्यवस्था को पांच खरब डॉलर तक पहुंचाने के प्रधानमंत्री के लक्ष्य में अधिकतम योगदान करने को तैयार है.

ये भी पढ़ें: अंधकार में 'भविष्य': जिस स्कूल में सीएम ने डाला वोट उसका कट गया कनेक्शन, अंधेरे में पढ़ रहे बच्चे

Intro:नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया है कि वो जेबीटी भर्ती घोटाले में 10 साल की सजा काट रहे हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला की जल्द रिहाई की मांग करने वाली अर्जी पर नए सिरे से विचार करे। हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार के पहले के उस आदेश को निरस्त कर दिया जिसमें उसने चौटाला की समय पूर्व रिहाई की मांग को खारिज कर दिया था। हाईकोर्ट ने इस मामले पर पिछले 26 नवंबर को फैसला सुरक्षित रख लिया था।



Body:खरा सेहत का हवाला दिया
चौटाला ने उम्र और ख़राब सेहत का हवाला दे कर समय से पहले रिहाई की गुहार लगाई थी।चौटाला ने केंद्र सरकार के उस नोटिफिकेशन का हवाला दिया था जिसमें 60 वर्ष के ऊपर के पुरुष कैदियों की रिहाई की बात कही गई है।
केंद्र के नोटिफिकेशन को आधार बनाया
चौटाला की ओर से कहा गया था कि केंद्र सरकार के विशेष माफी संबंधी नोटिफिकेशन के तहत 60 साल के ऊपर के पुरुष कैदियों, 55 साल के ऊपर की महिला और ट्रांसजेंडर कैदियों की रिहाई की बात कही गई है जिन्होंने अपनी सजा की आधी अवधि पूरी कर ली है। इस नोटिफिकेशन में कहा गया है कि 70 फीसदी से ज्यादा उन दिव्यांगों की भी रिहाई की जा सकती है जिन्होंने अपनी सजा की आधी अवधि पूरी कर ली है।
70 फीसदी दिव्यांगता के शिकार हैं
अमित साहनी ने कहा था कि चौटाला को भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत दस साल की सजा मिली है। उन्होंने कहा कि चौटाला की उम्र 83 वर्ष हो चुकी है और वे अप्रैल 2013 तक 60 फीसदी स्थायी दिव्यांगता है। उसके बाद जून 2013 में उन्हें पेसमेकर लगाया गया जिसके बाद वे 70 फीसदी दिव्यांगता के शिकार हैं। इसलिए नोटिफिकेशन के मुताबिक वे दो वर्गों में रिहाई के हकदार हैं।
दस साल की सजा मिली है
चौटाला जूनियर बेसिक ट्रेनिंग टीचर्स की भर्ती के घोटाले में दोषी करार दिए जाने के बाद दस साल की कैद की सजा काट रहे हैं । उनके साथ ही उनके पुत्र अजय चौटाला और तीन अन्य दोषी भी दस साल कैद की सजा काट रहे हैं ।


Conclusion:
Last Updated : Dec 19, 2019, 5:25 PM IST
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