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चंडीगढ़ में देखने को मिला हड़ताल का असर, कई कर्मचारी यूनियनों ने किया प्रदर्शन - chandigarh strike latest news

ट्रेड यूनियनों के भारत बंद का असर चंडीगढ़ में भी देखने को मिला. चंडीगढ़ में विभिन्न कर्मचारी यूनियनों ने मिलकर सरकार के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किया.

chandigarh trade union strike
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Published : Jan 8, 2020, 5:25 PM IST

चंडीगढ़: ट्रेड यूनियनों की देशव्यापी हड़ताल में चंडीगढ़ नगर निगम के कर्मचारी, सफाई कर्मचारी, बिजली विभाग के कर्मचारी, शिक्षा विभाग के कर्मचारी, बैंक कर्मचारी समेत कई कर्मचारी यूनियनों ने शामिल होते हुए सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया और जमकर नारेबाजी की.

चंडीगढ़ में कर्मचारी यूनियनों के नेताओं का कहना था कि चंडीगढ़ प्रशासन कर्मचारियों का जमकर शोषण कर रहा है. यहां पर पिछले 15 सालों से काम कर रहे कर्मचारियों को आज तक पक्का नहीं किया गया है. साथ ही जो कर्मचारी बाद में आए हैं, उन्हें बेहद कम वेतन दिया जा रहा है.

चंडीगढ़ प्रशासन चंडीगढ़ के हर विभाग में ठेकेदारी प्रथा को बढ़ावा दे रहा है. कर्मचारियों के हाथ का पैसा ठेकेदार और प्रशासनिक कर्मचारी मिलकर खा रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमारी पिछले काफी समय से मांगे है कि जो कर्मचारी लंबे समय से काम कर रहे हैं, उन्हें पक्का किया जाए और दूसरे कर्मचारियों को समान काम के लिए समान वेतन दिया जाए.

चंडीगढ़ में देखने को मिला हड़ताल का असर, कई कर्मचारी यूनियनों ने किया प्रदर्शन.

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इसके अलावा उनका कहना था कि चंडीगढ़ में ठेकेदारी प्रथा को खत्म किया जाए और सभी कच्चे कर्मचारियों को प्रशासन अपने अंतर्गत ले. कर्मचारी नेताओं का यह भी कहना था कि अगर अब भी हमारी मांगे नहीं मानी जाती है तो यह प्रदर्शन और उग्र होगा.

वहीं प्रदर्शन में शामिल हुए बैंक कर्मचारियों का कहना था कि सरकार बैंकों का विलय करके देश में बैंकिंग सेक्टर को बिगाड़ रही है. सरकार ने पहले भी कई बैंकों का विलय कर दिया है और जो बैंक बचे हैं अब उनका भी विलय किया जा रहा है. हम सरकार के इस कदम का पुरजोर विरोध करते हैं, क्योंकि इससे देश की अर्थव्यवस्था पर भी बुरा असर पड़ेगा.

साथ ही उन्होंने कहा कि बैंकों में कर्मचारियों की बेहद कमी है. जिससे बैंकों में काम कर रहे कर्मचारियों पर काम का बहुत अधिक दबाव है. वे सरकार से मांग करते हैं कि बैंकों का विलय बंद किया जाए और बैंकों में सरकारी कर्मचारियों की कमी को पूरा किया जाए. अगर सरकार इन मांगों को नहीं मानती है तो सभी कर्मचारी सड़कों पर उतर कर उग्र प्रदर्शन करेंगे और हर तरह के नुकसान की जिम्मेदारी सरकार की होगी.

ये भी पढ़िए: अंबाला में दिखा भारत बंद का मिला जुला असर, पुलिस-रोडवेज कर्मियों के बीच धक्का-मुक्की

चंडीगढ़: ट्रेड यूनियनों की देशव्यापी हड़ताल में चंडीगढ़ नगर निगम के कर्मचारी, सफाई कर्मचारी, बिजली विभाग के कर्मचारी, शिक्षा विभाग के कर्मचारी, बैंक कर्मचारी समेत कई कर्मचारी यूनियनों ने शामिल होते हुए सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया और जमकर नारेबाजी की.

चंडीगढ़ में कर्मचारी यूनियनों के नेताओं का कहना था कि चंडीगढ़ प्रशासन कर्मचारियों का जमकर शोषण कर रहा है. यहां पर पिछले 15 सालों से काम कर रहे कर्मचारियों को आज तक पक्का नहीं किया गया है. साथ ही जो कर्मचारी बाद में आए हैं, उन्हें बेहद कम वेतन दिया जा रहा है.

चंडीगढ़ प्रशासन चंडीगढ़ के हर विभाग में ठेकेदारी प्रथा को बढ़ावा दे रहा है. कर्मचारियों के हाथ का पैसा ठेकेदार और प्रशासनिक कर्मचारी मिलकर खा रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमारी पिछले काफी समय से मांगे है कि जो कर्मचारी लंबे समय से काम कर रहे हैं, उन्हें पक्का किया जाए और दूसरे कर्मचारियों को समान काम के लिए समान वेतन दिया जाए.

चंडीगढ़ में देखने को मिला हड़ताल का असर, कई कर्मचारी यूनियनों ने किया प्रदर्शन.

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इसके अलावा उनका कहना था कि चंडीगढ़ में ठेकेदारी प्रथा को खत्म किया जाए और सभी कच्चे कर्मचारियों को प्रशासन अपने अंतर्गत ले. कर्मचारी नेताओं का यह भी कहना था कि अगर अब भी हमारी मांगे नहीं मानी जाती है तो यह प्रदर्शन और उग्र होगा.

वहीं प्रदर्शन में शामिल हुए बैंक कर्मचारियों का कहना था कि सरकार बैंकों का विलय करके देश में बैंकिंग सेक्टर को बिगाड़ रही है. सरकार ने पहले भी कई बैंकों का विलय कर दिया है और जो बैंक बचे हैं अब उनका भी विलय किया जा रहा है. हम सरकार के इस कदम का पुरजोर विरोध करते हैं, क्योंकि इससे देश की अर्थव्यवस्था पर भी बुरा असर पड़ेगा.

साथ ही उन्होंने कहा कि बैंकों में कर्मचारियों की बेहद कमी है. जिससे बैंकों में काम कर रहे कर्मचारियों पर काम का बहुत अधिक दबाव है. वे सरकार से मांग करते हैं कि बैंकों का विलय बंद किया जाए और बैंकों में सरकारी कर्मचारियों की कमी को पूरा किया जाए. अगर सरकार इन मांगों को नहीं मानती है तो सभी कर्मचारी सड़कों पर उतर कर उग्र प्रदर्शन करेंगे और हर तरह के नुकसान की जिम्मेदारी सरकार की होगी.

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Intro:ट्रेड यूनियनों के भारत बंद का असर चंडीगढ़ में भी देखने को मिला। चंडीगढ़ में विभिन्न कर्मचारी यूनियनों ने मिलकर सरकार के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन में चंडीगढ़ नगर निगम के कर्मचारी, सफाई कर्मचारी, बिजली विभाग के कर्मचारी, शिक्षा विभाग के कर्मचारी, बैंक कर्मचारी, पोस्ट ऑफिस जीवन बीमा और इंश्योरेंस समेत कई कर्मचारी यूनियनों ने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया और जमकर नारेबाजी की।


Body:चंडीगढ़ कर्मचारी यूनियनों के नेताओं का कहना था कि चंडीगढ़ प्रशासन कर्मचारियों का जमकर शोषण कर रहा है। यहां पर पिछले 15 सालों से काम कर रहे कर्मचारियों को आज तक पक्का नहीं किया गया है। साथ ही जो कर्मचारी बाद में आए हैं उन्हें बेहद कम वेतन दिया जा रहा है।

चंडीगढ़ प्रशासन चंडीगढ़ के हर विभाग में ठेकेदारी प्रथा को बढ़ावा दे रहा है। कर्मचारियों के हाथ का कैसा ठेकेदार और प्रशासनिक कर्मचारी मिलकर खा रहे हैं । उन्होंने कहा कि हमारी पिछले काफी समय से मांगे हैं कि जो कर्मचारी लंबे समय से काम कर रहे हैं ।उन्हें पक्का किया जाए और दूसरे कर्मचारियों को समान काम के लिए समान वेतन दिया जाए। इसके अलावा उनका कहना था कि चंडीगढ़ में ठेकेदारी प्रथा को खत्म किया जाए और सभी कच्चे कर्मचारियों को प्रशासन अपने अंतर्गत ले। कर्मचारी नेताओं को यह भी कहना था कि अगर अब भी हमारी मांगे नहीं मानी जाती तो यह प्रदर्शन और उग्र होगा।
प्रदर्शन में शामिल हुए बैंक कर्मचारियों का कहना था कि सरकार बैंकों का विलय करके देश में बैंकिंग सेक्टर को बिगाड़ रही है। सरकार ने पहले भी कई बैंकों का विलय कर दिया है और जो बैंक बचे हैं अब उनका भी विलय किया जा रहा है। हम सरकार के इस कदम का पुरजोर विरोध करते हैं ।क्योंकि इससे देश की अर्थव्यवस्था पर भी बुरा असर पड़ेगा।
साथ ही उन्होंने कहा कि बैंकों में कर्मचारियों की बेहद कमी है। जिससे बैंकों में काम कर रहे कर्मचारियों पर काम का बहुत अधिक दबाव है। इसलिए वह सरकार से मांग करते हैं कि बैंकों का विलय बंद किया जाए और बैंकों में सरकारी कर्मचारियों की कमी को पूरा किया जाए अगर सरकार इन मांगों को नहीं मानती है तो तो सभी कर्मचारी सड़कों पर उतर कर उग्र प्रदर्शन करेंगे और हर तरह के नुकसान की जिम्मेदारी सरकार की होगी।

बाइट- गोपालदास जोशी, महासचिव, फेडरेशन ऑफ यूटी एंप्लाइज यूनियन


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