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सिर्फ पेड़ों के सहारे हासिल की जा सकती है 5 ट्रिलियन डॉलर्स की अर्थव्यवस्था, जानिए कैसे - पेड़ लगाएं पैसे कमाएं चंडीगढ़

पेड़ लगाने और उनसे उत्पादन लेने से ही देश के नागरिकों को काफी फायदा पहुंचाया जा सकता है. जिस राज्य में जिस तरह के पेड़ लगाए जाते हैं वैसे ही पेड़ लगाए जाएं और उनसे ही उत्पादन लिया जाए. जैसे जम्मू-कश्मीर और हिमाचल में सेब के पेड़ लगाए जाते हैं तो वहां पर सेब के पेड़ों की संख्या बढ़ाई जाए.

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Published : Nov 22, 2019, 11:24 AM IST

Updated : Nov 22, 2019, 3:30 PM IST

चंडीगढ़: देश को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए लगातार प्रयास जारी हैं. लेकिन अगर हम चाहे तो सिर्फ पेड़ों के सहारे ही देश को 5 ट्रिलियन डॉलर की अवस्था बना सकते हैं. इससे आम आदमी और किसानों की आय को भी कई गुना बढ़ा सकते हैं. ये कहना है चंडीगढ़ के अर्थशास्त्री और पर्यावरणविद् प्रेम गर्ग का.

इस बारे में बात करते हुए प्रेम गर्ग ने बताया कि वह पिछले कई सालों से पेड़ों और अर्थव्यवस्था को आपस में जोड़ने को लेकर काम कर रहे थे. वह इस रिसर्च में ये सामने लाना चाहते थे कि देश की अर्थव्यवस्था सुधारने में पेड़ किस तरह से सहायक सिद्ध हो सकते हैं क्योंकि अगर यह सिद्ध हो जाता है तो इससे अर्थव्यवस्था तो मजबूत होगी ही साथ ही पेड़ों की संख्या भी बढ़नी शुरू हो जाएगी जो हमारे पर्यावरण के लिए भी अच्छा होगा.

सुनिए क्या बताया अर्थशास्त्री और पर्यावरणविद प्रेम गर्ग ने.

राज्यों के हिसाब से लगाएं पेड़
उन्होंने कहा कि पेड़ लगाने और उनसे उत्पादन लेने से ही देश के नागरिकों को काफी फायदा पहुंचाया जा सकता है. जिस राज्य में जिस तरह के पेड़ लगाए जाते हैं वैसे ही पेड़ लगाए जाएं और उनसे ही उत्पादन लिया जाए. जैसे जम्मू-कश्मीर और हिमाचल में सेब के पेड़ लगाए जाते हैं तो वहां पर सेब के पेड़ों की संख्या बढ़ाई जाए.

दक्षिण भारत में रबड़ के पेड़ ज्यादा लगाए जाते हैं तो वहां रबड़ के पेड़ों की संख्या बढ़ाई जाए. इस तरह से पेड़ों की संख्या भी बढ़ाई जा सकेगी और उससे अर्थव्यवस्था को भी मजबूत किया जा सकेगा.

देश में फॉरेस्ट लैंड की कमी
प्रेम गर्ग ने कहा इस समय भारत के पास 32.87 लाख स्क्वॉयर किलोमीटर का इलाका है. नियमों के मुताबिक किसी भी देश की धरती का एक तिहाई हिस्सा फॉरेस्ट लैंड होना चाहिए. इस हिसाब से हमारे देश में 10 लाख स्क्वॉयर किलोमीटर्स धरती पर जंगल होने चाहिए लेकिन अभी देश में 7 लाख स्क्वॉयर किलोमीटर इलाके में ही जंगल मौजूद हैं.

ये भी पढ़ें: प्रदेश में पराली जलाने के 7 हजार मामले आए सामने, रोहतक में एक किसान की हुई गिरफ्तारी

1 लाख स्क्वॉयर किलोमीटर ऐसा एरिया है, जहां पर गांव शहरों में पेड़-पौधे हैं या फिर खेती की जमीन है. कुल मिलाकर देश में करीब 8 लाख किलोमीटर पर ही खेती या पेड़ लगाए गए हैं. हमें भारत में पेड़ों की संख्या बढ़ानी होगी. भारत में अभी ऐसी बहुत सी जगह खाली हैं, जहां पर पेड़ लगाए जा सकते हैं.

सरकार को देना चाहिए लोगों का साथ
उन्होंने कहा कि 500 पेड़ लगाने से ही साल में एक परिवार कम से कम 5 लाख रुपये की आय अर्जित कर सकता है. लेकिन इस काम में सरकार की भागीदारी बेहद आवश्यक है. लोग सरकारी जमीनों पर पेड़ लगाएं जमीन का मालिकाना हक सरकार के पास ही रहेगा और पेड़ों का मालिकाना हक उसे लगाने वाले परिवार के पास रहेगा.

एक पेड़ की उम्र 50 से 100 साल तक हो सकती है, जिससे उस परिवार की आने वाली पीढ़ियां भी उस पेड़ के जरिए आय अर्जित करती रहेंगी. अगर ये मॉडल देश में लागू कर दिया जाए तो आम आदमी की आए कई गुना बढ़ जाएगी और देश की अर्थव्यवस्था बेहद मजबूत हो जाएगी.

ये भी पढ़ें: वित्त विभाग के अधिकारियों के साथ सीएम ने की समीक्षा बैठक, दिए ये जरूरी सुझाव

चंडीगढ़: देश को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए लगातार प्रयास जारी हैं. लेकिन अगर हम चाहे तो सिर्फ पेड़ों के सहारे ही देश को 5 ट्रिलियन डॉलर की अवस्था बना सकते हैं. इससे आम आदमी और किसानों की आय को भी कई गुना बढ़ा सकते हैं. ये कहना है चंडीगढ़ के अर्थशास्त्री और पर्यावरणविद् प्रेम गर्ग का.

इस बारे में बात करते हुए प्रेम गर्ग ने बताया कि वह पिछले कई सालों से पेड़ों और अर्थव्यवस्था को आपस में जोड़ने को लेकर काम कर रहे थे. वह इस रिसर्च में ये सामने लाना चाहते थे कि देश की अर्थव्यवस्था सुधारने में पेड़ किस तरह से सहायक सिद्ध हो सकते हैं क्योंकि अगर यह सिद्ध हो जाता है तो इससे अर्थव्यवस्था तो मजबूत होगी ही साथ ही पेड़ों की संख्या भी बढ़नी शुरू हो जाएगी जो हमारे पर्यावरण के लिए भी अच्छा होगा.

सुनिए क्या बताया अर्थशास्त्री और पर्यावरणविद प्रेम गर्ग ने.

राज्यों के हिसाब से लगाएं पेड़
उन्होंने कहा कि पेड़ लगाने और उनसे उत्पादन लेने से ही देश के नागरिकों को काफी फायदा पहुंचाया जा सकता है. जिस राज्य में जिस तरह के पेड़ लगाए जाते हैं वैसे ही पेड़ लगाए जाएं और उनसे ही उत्पादन लिया जाए. जैसे जम्मू-कश्मीर और हिमाचल में सेब के पेड़ लगाए जाते हैं तो वहां पर सेब के पेड़ों की संख्या बढ़ाई जाए.

दक्षिण भारत में रबड़ के पेड़ ज्यादा लगाए जाते हैं तो वहां रबड़ के पेड़ों की संख्या बढ़ाई जाए. इस तरह से पेड़ों की संख्या भी बढ़ाई जा सकेगी और उससे अर्थव्यवस्था को भी मजबूत किया जा सकेगा.

देश में फॉरेस्ट लैंड की कमी
प्रेम गर्ग ने कहा इस समय भारत के पास 32.87 लाख स्क्वॉयर किलोमीटर का इलाका है. नियमों के मुताबिक किसी भी देश की धरती का एक तिहाई हिस्सा फॉरेस्ट लैंड होना चाहिए. इस हिसाब से हमारे देश में 10 लाख स्क्वॉयर किलोमीटर्स धरती पर जंगल होने चाहिए लेकिन अभी देश में 7 लाख स्क्वॉयर किलोमीटर इलाके में ही जंगल मौजूद हैं.

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1 लाख स्क्वॉयर किलोमीटर ऐसा एरिया है, जहां पर गांव शहरों में पेड़-पौधे हैं या फिर खेती की जमीन है. कुल मिलाकर देश में करीब 8 लाख किलोमीटर पर ही खेती या पेड़ लगाए गए हैं. हमें भारत में पेड़ों की संख्या बढ़ानी होगी. भारत में अभी ऐसी बहुत सी जगह खाली हैं, जहां पर पेड़ लगाए जा सकते हैं.

सरकार को देना चाहिए लोगों का साथ
उन्होंने कहा कि 500 पेड़ लगाने से ही साल में एक परिवार कम से कम 5 लाख रुपये की आय अर्जित कर सकता है. लेकिन इस काम में सरकार की भागीदारी बेहद आवश्यक है. लोग सरकारी जमीनों पर पेड़ लगाएं जमीन का मालिकाना हक सरकार के पास ही रहेगा और पेड़ों का मालिकाना हक उसे लगाने वाले परिवार के पास रहेगा.

एक पेड़ की उम्र 50 से 100 साल तक हो सकती है, जिससे उस परिवार की आने वाली पीढ़ियां भी उस पेड़ के जरिए आय अर्जित करती रहेंगी. अगर ये मॉडल देश में लागू कर दिया जाए तो आम आदमी की आए कई गुना बढ़ जाएगी और देश की अर्थव्यवस्था बेहद मजबूत हो जाएगी.

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Intro:देश को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए लगातार प्रयास जारी हैं । लेकिन अगर हम चाहे तो सिर्फ पेड़ों के सहारे ही देश को 5 ट्रिलियन डॉलर की अवस्था बना सकते हैं।इससे आम आदमी और किसानों की आय को भी कई गुना बढ़ा सकते हैं । यह कहना है चंडीगढ़ के अर्थशास्त्री और पर्यावरणविद प्रेम गर्ग का।


Body:इस बारे में बात करते हुए प्रेम गर्ग ने बताया कि वह पिछले कई सालों से पेड़ों और अर्थव्यवस्था को आपस में जोड़ने को लेकर काम कर रहे थे । वह इस रिसर्च में यह सामने लाना चाहते थे कि पेड़ देश की अर्थव्यवस्था सुधारने में पेड़ किस तरह से सहायक सिद्ध हो सकते हैं । क्योंकि अगर यह सिद्ध हो जाता है तो इससे अर्थव्यवस्था तो मजबूत होगी ही साथ ही पेड़ों की संख्या भी बढ़नी शुरू हो जाएगी। जो हमारे पर्यावरण के लिए भी अच्छा होगा।
उन्होंने कहा की पेड़ लगाने और उनसे उत्पादन लेने से ही देश के नागरिकों को काफी फायदा पहुंचाया जा सकता है। जिस राज्य में जिस तरह के पेड़ लगाए जाते हैं वैसे ही पेड़ लगाए जाएं और उनसे ही उत्पादन लिया जाए । जैसे जम्मू कश्मीर और हिमाचल में सेब के पेड़ लगाए जाते हैं तो वहां पर सेब के पेड़ों की संख्या बढ़ाई जाए । दक्षिण भारत में रबड के पेड़ ज्यादा लगाए जाते हैं तो वहां रबड़ के पेड़ों की संख्या बढ़ाई जाए। इस तरह से पेड़ों की संख्या भी बढ़ाई जा सकेगी और उससे अर्थव्यवस्था को भी मजबूत किया जा सकेगा।

प्रेम गर्ग ने कहा इस समय भारत के पास 32.87 लाख स्केयर किलोमीटर का इलाका है। नियमों के मुताबिक किसी भी देश की धरती का एक तिहाई हिस्सा फॉरेस्ट लैंड होना चाहिए । इस हिसाब से हमारे देश में 10 लाख स्क्वेयर किलोमीटर्स धरती पर जंगल होने चाहिए। लेकिन अभी देश में 7 लाख स्केर किलोमीटर इलाके में जंगल मौजूद हैं । 1 लाख स्केयर किलोमीटर ऐसा एरिया है जहां पर गांव शहरों में पेड़ पौधे हैं या फिर खेती की जमीन है । कुल मिलाकर देश में करीब 8 लाख किलोमीटर पर ही खेती या पेड़ लगाए गए हैं ।भारत में समय भारत में 35 सौ करोड़ पेड़ हैं जो दुनिया का सिर्फ 1% हिस्सा है। हमें भारत में पेड़ों की संख्या बढ़ानी होगी। भारत में अभी ऐसी बहुत सी जगह खाली हैं जहां पर पेड़ लगाए जा सकते हैं। गांव में तो पेड़ लगाए ही जा सकते हैं शहरों में भी ऐसी बहुत सी जगह होती है जहां पर पेड़ लगाए जा सकते हैं ।जैसे सड़कों के किनारे घरों के आसपास और पार्कों में काफी संख्या में पेड़ लगाए जा सकते हैं। इन जगहों पर ऐसे पेड़ लगाए जा सकते हैं जिनसे हम उत्पादन ले सकते हैं। जैसे फलों के पेड़, रबड़ के पेड़, नारियल के पेड़, खजूर के पेड़ आदि जिस राज्य में जिस किस्म के पेड़ लगाए जा सकते हैं वह उसी किस्म के पेड़ लगाए जाने चाहिए। इससे पर्यावरण को तो लाभ होगा ही साथ ही पेड़ों से मिले उत्पादों से देश की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।
उदाहरण के लिए अगर हम आम के पेड़ लगाते हैं तो उससे हमें आम प्राप्त होंगे। आमों को हम बेच सकते हैं जो आम फैक्ट्रियों में जाएंगे उनसे हम कई तरह के अन्य उत्पाद मिलेंगे। जिससे लोगों को भी रोजगार प्राप्त होगा। उन्होंने कहा किस तरह के 500 पेड़ लगाने से ही साल में एक परिवार कम से कम 5 लाख रुपये की आय अर्जित कर सकता है। लेकिन इस काम में सरकार की भागीदारी बेहद आवश्यक है। लोग सरकारी जमीनों पर पेड़ लगाएं जमीन का मालिकाना हक सरकार के पास ही रहेगा और पेड़ों का मालिकाना हक उसे लगाने वाले परिवार के पास रहेगा एक पेड़ की उम्र 50 से 100 साल तक हो सकती है जिससे उस परिवार की आने वाली पीढ़ियां भी उस पेड़ के जरिए आय अर्जित करती रहेंगी। अगर यह मॉडल देश में लागू कर दिया जाए तो आम आदमी की आए कई गुना बढ़ जाएगी और देश की अर्थव्यवस्था बेहद मजबूत हो जाएगी


बाइट- प्रेम गर्ग, अर्थशास्त्री एवं पर्यावरणविद्


Conclusion:
Last Updated : Nov 22, 2019, 3:30 PM IST
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