चंडीगढ़: उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर मांग की है कि पशु पालकों और विशेषकर मुर्गी पालन से जुड़े लोगों को कोरोना के चलते आए आर्थिक संकट से उभारने के लिए विशेष आर्थिक सहायता दी जानी चाहिए. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को मंगलवार को लिखे पत्र में दुष्यंत चौटाला ने मांग की है कि पशुपालन और मुर्गी पालन उद्योग को एमएसएमई के समान मानकर उन्हें विशेष आर्थिक सहायता दी जाए.
उपमुख्यमंत्री ने पशुपालकों को सस्ता लोन देने के लिए लिखा पत्र
उपमुख्यमंत्री ने केंद्रीय वित्त मंत्री को लिखा है कि कोविड-19 की वजह से तमाम कारोबार और उद्योग काफी हद तक प्रभावित हुए हैं. उन्होंने कहा कि ब्राउलर ब्रिडर्स एसोसिएशन के प्रतिनिधियों ने उनसे मुलाकात की है और बताया है कि कोविड-19 के कारण कारोबार तो ठप हो ही गया है साथ ही अब बैंक भी उन्हें लोन देने से पीछे हट रहे हैं. इन प्रतिनिधियों ने मांग की है कि उन्हें आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत बैंकों से सस्ता लोन उपलब्ध करवाया जाए.
पशुपालन और पोल्ट्री उद्योग को हुआ है बड़ा नुकसान
अपने पत्र में दुष्यंत चौटाला ने लिखा कि लॉकडाउन और उस दौरान फैली कुछ भ्रांतियों की वजह से पोल्ट्री का काम करने वाले किसानों को भारी नुकसान हुआ है. उन्होंने मांग की है कि पशुपालन और पोल्ट्री उद्योग एमएसएमई यानी मध्य, लघु और सूक्ष्म उद्योगों के जैसे ही हैं और इन्हें उन्हीं की तर्ज पर राहत और प्रोत्साहन मिलना चाहिए. इन व्यवसायियों को एमएसएमई की तरह आत्मनिर्भर भारत पैकेज का हिस्सा बनाकर सभी सुविधाएं और लोन दिया जाना चाहिए ताकि यह कारोबार से उत्पादन और रोजगार पैदाकर देश की आर्थिक तरक्की का हिस्सा बनें.
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गौरतलब है कि हरियाणा के ज्यादातर जिलों में पोल्ट्री और पशुपालन से जुड़े व्यवसाय स्थापित हैं जिन्हें काफी हद तक स्थानीय किसान या छोटे व्यापारी चला रहे हैं. इन उद्योगों में हजारों की संख्या में लोग काम करते हैं जिनका रोजगार बीते 3 महीनों के हालात से काफी प्रभावित हुआ है. उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला की केंद्र सरकार से ये अपील उन सभी व्यवसायियों के लिए उम्मीद की किरण मानी जा सकती है.