ETV Bharat / city

संसद के दोनों सदनों में उठा प्रदूषण का मुद्दा, किसानों के हक में खड़े दिखे सियासी दल - प्रदूषण के लिए गाड़ियों का धुआं जिम्मेदार

संसद के दोनों सदनों में जब दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का मुद्दा उठा तो हर सियासतदानों ने अपनी बयानबाजी से एक-दूसरे को घेरने की कोशिश की. लेकिन सभी दलों ने एक सुर में किसानों का बचाव करते हुए कहा कि पराली जलाने से प्रदूषण नहीं हो रहा. इसलिए किसानों को विलेन नहीं बनाया जाए.

discussion on paddy burning in haryana and punjab
author img

By

Published : Nov 24, 2019, 11:04 PM IST

चंडीगढ़: दिल्ली-एनसीआर में पिछले कई दिनों से जारी प्रदूषण पर संसद में तीन दिन तक लगातार बहस हुई. कई दलों के सांसदों ने प्रदूषण के मुद्दे पर देश की चिंता को सदन में रखा और सरकार से इस मामले को जनआंदोलन में बदलने की मांग की.

संसद के दोनों सदनों में जब दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का मुद्दा उठा तो हर सियासतदानों ने अपनी बयानबाजी से एक-दूसरे को घेरने की कोशिश की. लेकिन सभी दलों ने एक सुर में किसानों का बचाव करते हुए कहा कि पराली जलाने से प्रदूषण नहीं हो रहा. इसलिए किसानों को विलेन नहीं बनाया जाए.

संसद के दोनों सदनों में उठा प्रदूषण का मुद्दा

'प्रदूषण के लिए गाड़ियों का धुआं जिम्मेदार'

वायु प्रदूषण के पीछे किसानों द्वारा पराली जलाए जाने को जिम्मेदार ठहराने के दावों को लोकसभा में सत्ता पक्ष और विपक्ष के सांसदों ने एक सुर में गलत बताया. कांग्रेस के मनीष तिवारी ने कहा कि पराली जलने से प्रदूषण फैलने के दावे निराधार हैं और इसके बड़े कारणों में वाहनों से निकलने वाला धुआं, औद्योगिक प्रदूषण एवं अन्य कारण जिम्मेदार हैं.

'केजरीवाल सरकार किसानों को बना रही विलेन'
यही नहीं दिल्ली पश्चिमी से बीजेपी सांसद प्रवेश वर्मा ने प्रदूषण पर दिल्ली सरकार को घेरते हुए कहा कि दिल्ली में 200 दिन वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर पर रहता है, जबकि पराली मुश्किल से 40 दिन जलती है. इसका मतलब है कि प्रदूषण की असल वजह गाड़ियां ही हैं. जिस पर लगाम लगाने में दिल्ली सरकार नाकाम साबित हुई है.

सैलजा ने उठाई किसानों के हक की आवाज़

हरियाणा से राज्यसभा सांसद और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्षा कुमारी सैलजा ने भी हरियाणा के किसानों के हित की बात करते हुए कहा कि पराली जलाने वाले किसानों को हरियाणा में अपराधी माना जा रहा है. उन पर एफआईआर तक दर्ज की जा रही है और जुर्माना भी लगाया जा रहा है. जबकि किसानों को पराली की एवज में मुआवजा मिलना चाहिए ताकि उन पर पराली के नाम पर आर्थिक बोझ न पड़े.

'सरकारी फंड इस्तेमाल नहीं कर रही दिल्ली सरकार'

उत्तर-पूर्व दिल्ली से बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि दिल्ली के एयर पॉल्यूशन को दूर करने के लिए केन्द्र से 9 हजार करोड़ के फंड आते हैं, जिसे दिल्ली सरकार ने रोक दिया. उन्होंने कहा कि हम भी किसान के बेटे हैं, हम कहना चाहते हैं कि अगर पराली से समस्या है तो राज्य सरकार वह पराली खरीदने की कोई योजना क्यों नहीं बनाती. जबकि दिल्ली सरकार अगर चाहती तो एनसीआर की सारी पराली 50 करोड़ रुपये में खरीदी जा सकती थी. जो केजरीवाल सरकार ने नहीं किया.

गौतम गंभीर ने सरकार को दिखाया आईना

दिल्ली पूर्व से बीजेपी सांसद गौतम गंभीर ने कहा कि दिल्ली सरकार को आईना दिखाते हुए कहा कि आइडिया जनता को साफ हवा देने का होना चाहिए. पराली पर रोक ही एकमात्र विकल्प नहीं है. एक-दूसरे को ब्लेम करने से या इसे चुनाव के हिसाब से देखने से बहुत बुरा होगा. हमें मिलकर जिम्मेदारी लेनी चाहिए और दिल्ली के लोगों को साफ हवा उपलब्ध करवानी चाहिए.

'साफ हो सकती है दिल्ली की हवा'
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि ऐसा नहीं है कि वायु प्रदूषण को कम नहीं किया जा सकता. इसका एक उदाहरण चीन का शहर बीजिंग है, जहां सरकार ने युद्धस्तर पर काम शुरू करके वहां की हवा को स्वच्छ किया. उन्होंने कहा कि दुनिया के दूसरे शहरों की हवा साफ हो सकती है तो हम क्यों नहीं कर सकते. मतलब साफ है कि दिल्ली-एनसीआर के प्रदूषण के लिए हरियाणा में जलने वाली पराली जिम्मेदार नहीं है. अब सांसदों ने भी इसे देश का बड़ा मुद्दा बताते हुए राष्ट्रीय मुहिम बनाने की वकालत की है. देखना होगा कि सरकार इस प्रदूषण को कम करने के लिए क्या एक्शन प्लान तैयार करती है.

ये भी पढ़ें- हरियाणा के किसान मजबूरी में जला रहे हैं पराली, गाड़ियों के धुएं से बढ़ रहा दिल्ली का प्रदूषण

चंडीगढ़: दिल्ली-एनसीआर में पिछले कई दिनों से जारी प्रदूषण पर संसद में तीन दिन तक लगातार बहस हुई. कई दलों के सांसदों ने प्रदूषण के मुद्दे पर देश की चिंता को सदन में रखा और सरकार से इस मामले को जनआंदोलन में बदलने की मांग की.

संसद के दोनों सदनों में जब दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का मुद्दा उठा तो हर सियासतदानों ने अपनी बयानबाजी से एक-दूसरे को घेरने की कोशिश की. लेकिन सभी दलों ने एक सुर में किसानों का बचाव करते हुए कहा कि पराली जलाने से प्रदूषण नहीं हो रहा. इसलिए किसानों को विलेन नहीं बनाया जाए.

संसद के दोनों सदनों में उठा प्रदूषण का मुद्दा

'प्रदूषण के लिए गाड़ियों का धुआं जिम्मेदार'

वायु प्रदूषण के पीछे किसानों द्वारा पराली जलाए जाने को जिम्मेदार ठहराने के दावों को लोकसभा में सत्ता पक्ष और विपक्ष के सांसदों ने एक सुर में गलत बताया. कांग्रेस के मनीष तिवारी ने कहा कि पराली जलने से प्रदूषण फैलने के दावे निराधार हैं और इसके बड़े कारणों में वाहनों से निकलने वाला धुआं, औद्योगिक प्रदूषण एवं अन्य कारण जिम्मेदार हैं.

'केजरीवाल सरकार किसानों को बना रही विलेन'
यही नहीं दिल्ली पश्चिमी से बीजेपी सांसद प्रवेश वर्मा ने प्रदूषण पर दिल्ली सरकार को घेरते हुए कहा कि दिल्ली में 200 दिन वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर पर रहता है, जबकि पराली मुश्किल से 40 दिन जलती है. इसका मतलब है कि प्रदूषण की असल वजह गाड़ियां ही हैं. जिस पर लगाम लगाने में दिल्ली सरकार नाकाम साबित हुई है.

सैलजा ने उठाई किसानों के हक की आवाज़

हरियाणा से राज्यसभा सांसद और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्षा कुमारी सैलजा ने भी हरियाणा के किसानों के हित की बात करते हुए कहा कि पराली जलाने वाले किसानों को हरियाणा में अपराधी माना जा रहा है. उन पर एफआईआर तक दर्ज की जा रही है और जुर्माना भी लगाया जा रहा है. जबकि किसानों को पराली की एवज में मुआवजा मिलना चाहिए ताकि उन पर पराली के नाम पर आर्थिक बोझ न पड़े.

'सरकारी फंड इस्तेमाल नहीं कर रही दिल्ली सरकार'

उत्तर-पूर्व दिल्ली से बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि दिल्ली के एयर पॉल्यूशन को दूर करने के लिए केन्द्र से 9 हजार करोड़ के फंड आते हैं, जिसे दिल्ली सरकार ने रोक दिया. उन्होंने कहा कि हम भी किसान के बेटे हैं, हम कहना चाहते हैं कि अगर पराली से समस्या है तो राज्य सरकार वह पराली खरीदने की कोई योजना क्यों नहीं बनाती. जबकि दिल्ली सरकार अगर चाहती तो एनसीआर की सारी पराली 50 करोड़ रुपये में खरीदी जा सकती थी. जो केजरीवाल सरकार ने नहीं किया.

गौतम गंभीर ने सरकार को दिखाया आईना

दिल्ली पूर्व से बीजेपी सांसद गौतम गंभीर ने कहा कि दिल्ली सरकार को आईना दिखाते हुए कहा कि आइडिया जनता को साफ हवा देने का होना चाहिए. पराली पर रोक ही एकमात्र विकल्प नहीं है. एक-दूसरे को ब्लेम करने से या इसे चुनाव के हिसाब से देखने से बहुत बुरा होगा. हमें मिलकर जिम्मेदारी लेनी चाहिए और दिल्ली के लोगों को साफ हवा उपलब्ध करवानी चाहिए.

'साफ हो सकती है दिल्ली की हवा'
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि ऐसा नहीं है कि वायु प्रदूषण को कम नहीं किया जा सकता. इसका एक उदाहरण चीन का शहर बीजिंग है, जहां सरकार ने युद्धस्तर पर काम शुरू करके वहां की हवा को स्वच्छ किया. उन्होंने कहा कि दुनिया के दूसरे शहरों की हवा साफ हो सकती है तो हम क्यों नहीं कर सकते. मतलब साफ है कि दिल्ली-एनसीआर के प्रदूषण के लिए हरियाणा में जलने वाली पराली जिम्मेदार नहीं है. अब सांसदों ने भी इसे देश का बड़ा मुद्दा बताते हुए राष्ट्रीय मुहिम बनाने की वकालत की है. देखना होगा कि सरकार इस प्रदूषण को कम करने के लिए क्या एक्शन प्लान तैयार करती है.

ये भी पढ़ें- हरियाणा के किसान मजबूरी में जला रहे हैं पराली, गाड़ियों के धुएं से बढ़ रहा दिल्ली का प्रदूषण

Intro:Body:

4. संसद में उठा दिल्ली के प्रदूषण का मुद्दा, सियासतदानों ने भी माना- प्रदूषण के लिए पराली नहीं गाड़ियों और उद्योगों से निकलने वाला धुआं है जिम्मेदार.

वीओ 1- दिल्ली-एनसीआर में जारी प्रदूषण का मुद्दा देश की संसद में भी उठा. वायु प्रदूषण के पीछे किसानों द्वारा पराली जलाए जाने को जिम्मेदार ठहराने के दावों को लोकसभा में सत्ता पक्ष और विपक्ष के सांसदों ने एक सुर में गलत बताया. कांग्रेस के मनीष तिवारी ने कहा कि पराली जलने से प्रदूषण फैलने के दावे निराधार हैं और इसके बड़े कारणों में वाहनों से निकलने वाला धुआं, औद्योगिक प्रदूषण एवं अन्य कारण जिम्मेदार हैं. 

बाइट- मनीष तिवारी, कांग्रेस सांसद

वीओ 2- दिल्ली पश्चिमी से बीजेपी सांसद प्रवेश वर्मा ने कहा कि दिल्ली में 200 दिन वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर पर रहता है जबकि पराली मुश्किल से 40 दिन जलती है. इसका मतलब है कि प्रदूषण की असल वजह गाड़ियां ही हैं. 

बाइट- प्रवेश वर्मा, बीजेपी सांसद

वीओ 3- उत्तर-पूर्व दिल्ली से बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि दिल्ली के एयर पॉल्यूशन को दूर करने के लिए केन्द्र से 9 हजार करोड़ के फंड आते हैं, जिसे दिल्ली सरकार ने रोक दिया. उन्होंने कहा कि हम भी किसान के बेटे हैं, हम कहना चाहते हैं कि अगर पराली से समस्या है तो राज्य सरकार वह पराली खरीदने की कोई योजना क्यों नहीं बनाती. 

बाइट- मनोज तिवारी, बीजेपी सांसद

वीओ 4- दिल्ली पूर्व से बीजेपी सांसद गौतम गंभीर ने कहा कि आइडिया जनता को साफ हवा देने का होना चाहिए. पराली पर रोक ही एकमात्र विकल्प नहीं है. एक-दूसरे को ब्लेम करने से या इसे चुनाव के हिसाब से देखने से बहुत बुरा होगा. 

बाइट- गौतम गंभीर, बीजेपी सांसद

वीओ 5- कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि ऐसा नहीं है कि वायु प्रदूषण को कम नहीं किया जा सकता. इसका एक उदाहरण चीन का शहर बीजिंग है, जहां सरकार ने युद्धस्तर पर काम शुरू करके वहां की हवा को स्वच्छ किया. उन्होंने कहा कि दुनिया के दूसरे शहरों की हवा साफ हो सकती है तो हम क्यों नहीं कर सकते.

बाइट- मनीष तिवारी, कांग्रेस सांसद

फाइनल वीओ- मतलब साफ है कि दिल्ली-एनसीआर के प्रदूषण के लिए हरियाणा में जलने वाली पराली जिम्मेदार नहीं है. अब सांसदों ने भी इसे देश का बड़ा मुद्दा बताते हुए राष्ट्रीय मुहिम बनाने की वकालत की है. देखना होगा कि सरकार इस प्रदूषण को कम करने के लिए क्या एक्शन प्लान तैयार करती है.

ईटीवी भारत के लिए ब्यूरो रिपोर्ट. 


Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.