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एसवाईएल मामले पर दीपेंद्र हुड्डा ने सरकार से पूछे कई सवाल

राज्यसभा सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने एसवाईएल को लेकर सरकार से सवाल किया है कि हरियाणा के हक में जो फैसला हो चुका है उसको धरातल पर उतारने के लिए सरकार की क्या योजना है.

deepender hooda on SYL issue
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Published : Aug 18, 2020, 7:20 PM IST

चंडीगढ़: एसवाईएल के विषय पर जो फैसला 3 साल पहले हमारे हक में आ चुका है उसको धरातल पर उतारने के लिए क्या योजना है, वो ठोस कदम देश के सामने आज की बैठक के बाद रखे जाने चाहिए, क्योंकि फैसला हमारे हक में आ चुका है. ये बात राज्यसभा सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने ईटीवी भारत के साथ खास बातचीत के दौरान कही.

'एसवाईएल मामले में चूकी हरियाणा सरकार'

इस मौके पर उन्होंने कहा कि पिछले 3 वर्ष से इस विषय पर कोर्ट के आए फैसले के बाद जो कदम इस ओर उठाने चाहिए थे व केंद्र सरकार पर उस फैसले को अमल में लाने के लिए जो कदम उठाने चाहिए थे उनमें कहीं ना कहीं हमारी सरकार चूक गई है. दीपेंद्र ने कहा कि कोर्ट के फैसले के बाद सर्वदलीय बैठक हुई थी उसमें मुख्यमंत्री को भूपेंद्र सिंह हुड्डा के साथ सभी दलों के नेताओं ने आश्वस्त किया था कि एकजुटता से राजनीति से ऊपर एक होकर एक स्वर में हमें इसके लिए लड़ाई लड़नी चाहिए और आप प्रधानमंत्री से समय लें.

राज्यसभा सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा से खास बातचीत.

मुख्यमंत्री ने भी आश्वासन दिया था कि वे एक सप्ताह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से समय लेंगे और सर्वदलीय टीम प्रधानमंत्री के पास जाएगी और राजनीतिक दबाव बनाएंगे मगर 3 साल तक इंतजार करते रहे. विधानसभा में सबने सीएम से कहा था कि समय क्यों नहीं मिल रहा. आपने समय नहीं मांगा या प्रधानमंत्री से समय नहीं मिला. क्या कारण रहा मगर कोई जवाब नहीं मिला. उन्होंने कहा कि जो राजनैतिक दबाव बनना चाहिए था वो नहीं बना पाए. इस बीच पंजाब ने बैक डोर से सुप्रीम कोर्ट में एंट्री कर ली. अब मैं केवल इतना समझता हूं कि किसी तरह इस फैसले को धरातल पर उतारा जाए.

शराब और रजिस्ट्री घोटाले पर दिया बयान

वहीं शराब व रजिस्ट्री में किसी तरह के घोटाले से सरकार के इनकार पर सांसद ने कहा कि ये बड़ा हास्यस्पद है मगर मुझे एक बात की तकलीफ है कि सत्ता में ऐसे लोग बैठ गए हैं जिन्होंने कोरोना से दुखी लोगों को भी नहीं बख्शा. जब कोरोना काल में पूरा देश एक हो कर कोरोना से लड़ने का काम कर रहा था, उस समय सत्ता में बैठे हुए कुछ लोग हरियाणा में शराब घोटाले, रजिस्ट्री घोटाले, खनन घोटाले, धान घोटाले के माध्यम से कोरोना से दुखी लोगों को लूटने की योजना बना रहे थे. दीपेंद्र ने कहा कि जहां तक जांच की बात है तो ये किसी जांच में अपनो को दोषी नहीं मानेंगे. मैंने पहले भी कहा कि उप मुख्यमंत्री व गृह मंत्री इस्तीफा दें और हाईकोर्ट के सिटिंग जज से जांच कराएं, तो कुछ आएगा.

'बरोदा में जनता सिखाएगी बीजेपी को सबक'

बरोदा उप चुनाव पर बोलते हुए दीपेंद्र ने कहा कि 6 साल तक सरकार ने बरोदा की तरफ ध्यान नहीं दिया. अब ये कोई लुभावनें वादे कर भी दें तो जनता इन पर क्यों विश्वास करें. जींद का हाल देख लिया, दो साल पहले जींद में जाकर यही कहा था कि सरकार में हिस्सेदारी करो. दो साल में जींद में एक भी ईंट नहीं लगी, जींद की सड़कों पर गलियों में नालियां बह रही हैं. भाजपा विधायक कृष्ण मिड्ढा का वहां से दुख भरा बयान आ रहा है. जींद और बरोदा में 20 किलोमीटर का फर्क है तो लोग जींद में ट्रेलर देखने के बाद बरोदा में बीजेपी को पूरी फिल्म दिखाने का काम करेंगे.

पीटीआई टीचर की समस्या पर बोलते हुए राज्यसभा सांसद ने कहा कि पीटीआई टीचर पर सरकार ने राजनीतिक दृष्टिकोण अपनाया है. ये बड़ा दुर्भाग्यपूर्ण है और हमारी मांग है इस विधानसभा सत्र में विधेयक शक्ति का इस्तेमाल हो और पीटीआई टीचर को रेगुलर किया जाए.

ये भी पढ़ें- बल्लभगढ़ से अवैध शराब का वीडियो आया सामने, वीडियो में महिला कर रही धड़ल्ले से बिक्री

चंडीगढ़: एसवाईएल के विषय पर जो फैसला 3 साल पहले हमारे हक में आ चुका है उसको धरातल पर उतारने के लिए क्या योजना है, वो ठोस कदम देश के सामने आज की बैठक के बाद रखे जाने चाहिए, क्योंकि फैसला हमारे हक में आ चुका है. ये बात राज्यसभा सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने ईटीवी भारत के साथ खास बातचीत के दौरान कही.

'एसवाईएल मामले में चूकी हरियाणा सरकार'

इस मौके पर उन्होंने कहा कि पिछले 3 वर्ष से इस विषय पर कोर्ट के आए फैसले के बाद जो कदम इस ओर उठाने चाहिए थे व केंद्र सरकार पर उस फैसले को अमल में लाने के लिए जो कदम उठाने चाहिए थे उनमें कहीं ना कहीं हमारी सरकार चूक गई है. दीपेंद्र ने कहा कि कोर्ट के फैसले के बाद सर्वदलीय बैठक हुई थी उसमें मुख्यमंत्री को भूपेंद्र सिंह हुड्डा के साथ सभी दलों के नेताओं ने आश्वस्त किया था कि एकजुटता से राजनीति से ऊपर एक होकर एक स्वर में हमें इसके लिए लड़ाई लड़नी चाहिए और आप प्रधानमंत्री से समय लें.

राज्यसभा सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा से खास बातचीत.

मुख्यमंत्री ने भी आश्वासन दिया था कि वे एक सप्ताह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से समय लेंगे और सर्वदलीय टीम प्रधानमंत्री के पास जाएगी और राजनीतिक दबाव बनाएंगे मगर 3 साल तक इंतजार करते रहे. विधानसभा में सबने सीएम से कहा था कि समय क्यों नहीं मिल रहा. आपने समय नहीं मांगा या प्रधानमंत्री से समय नहीं मिला. क्या कारण रहा मगर कोई जवाब नहीं मिला. उन्होंने कहा कि जो राजनैतिक दबाव बनना चाहिए था वो नहीं बना पाए. इस बीच पंजाब ने बैक डोर से सुप्रीम कोर्ट में एंट्री कर ली. अब मैं केवल इतना समझता हूं कि किसी तरह इस फैसले को धरातल पर उतारा जाए.

शराब और रजिस्ट्री घोटाले पर दिया बयान

वहीं शराब व रजिस्ट्री में किसी तरह के घोटाले से सरकार के इनकार पर सांसद ने कहा कि ये बड़ा हास्यस्पद है मगर मुझे एक बात की तकलीफ है कि सत्ता में ऐसे लोग बैठ गए हैं जिन्होंने कोरोना से दुखी लोगों को भी नहीं बख्शा. जब कोरोना काल में पूरा देश एक हो कर कोरोना से लड़ने का काम कर रहा था, उस समय सत्ता में बैठे हुए कुछ लोग हरियाणा में शराब घोटाले, रजिस्ट्री घोटाले, खनन घोटाले, धान घोटाले के माध्यम से कोरोना से दुखी लोगों को लूटने की योजना बना रहे थे. दीपेंद्र ने कहा कि जहां तक जांच की बात है तो ये किसी जांच में अपनो को दोषी नहीं मानेंगे. मैंने पहले भी कहा कि उप मुख्यमंत्री व गृह मंत्री इस्तीफा दें और हाईकोर्ट के सिटिंग जज से जांच कराएं, तो कुछ आएगा.

'बरोदा में जनता सिखाएगी बीजेपी को सबक'

बरोदा उप चुनाव पर बोलते हुए दीपेंद्र ने कहा कि 6 साल तक सरकार ने बरोदा की तरफ ध्यान नहीं दिया. अब ये कोई लुभावनें वादे कर भी दें तो जनता इन पर क्यों विश्वास करें. जींद का हाल देख लिया, दो साल पहले जींद में जाकर यही कहा था कि सरकार में हिस्सेदारी करो. दो साल में जींद में एक भी ईंट नहीं लगी, जींद की सड़कों पर गलियों में नालियां बह रही हैं. भाजपा विधायक कृष्ण मिड्ढा का वहां से दुख भरा बयान आ रहा है. जींद और बरोदा में 20 किलोमीटर का फर्क है तो लोग जींद में ट्रेलर देखने के बाद बरोदा में बीजेपी को पूरी फिल्म दिखाने का काम करेंगे.

पीटीआई टीचर की समस्या पर बोलते हुए राज्यसभा सांसद ने कहा कि पीटीआई टीचर पर सरकार ने राजनीतिक दृष्टिकोण अपनाया है. ये बड़ा दुर्भाग्यपूर्ण है और हमारी मांग है इस विधानसभा सत्र में विधेयक शक्ति का इस्तेमाल हो और पीटीआई टीचर को रेगुलर किया जाए.

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