ETV Bharat / city

2014 में बर्खास्त हुए थे SHO, अब कोर्ट ने किया बहाल - गों को लेकर हाईकोर्ट ने सुनाया फैसला

अक्टूबर 2014 में हुए दंगों को लेकर हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया है और इंस्पेक्टर राजेश यादव को बर्खास्त किए जाने के आदेशों को रद्द कर उन्हें बहाल किए जाने के आदेश जारी कर दिए हैं.

फाइल फोटो
author img

By

Published : Jun 11, 2019, 12:03 AM IST

चंडीगढ़: हथीन में अक्तूबर 2014 में हुए दंगों में तत्कालीन एसएचओ इंस्पेक्टर राजेश यादव को बर्खास्त करने के आदेश जारी किए थे. अब उस आदेश को हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया है और इंस्पेक्टर राजेश यादव को बहाल कर दिया है.

बता दें कि साल 2014 में 5 -6 अक्तूबर की रात में हथीन में दो समुदायों के बीच आपसी विवाद के चलते दंगा हो गया था. याचिकाकर्ता पर आरोप था कि वह जिस रात दंगे हुए उस रात शहर में नहीं था और बढ़ते तनाव के चलते स्थिति बिगड़ गई और जब उच्च-अधिकारियों ने उन्हें तत्काल अपने एरिया में पहुंचने के आदेश दिए तो वह देरी से पहुंचे. इस तरह उन्होंने अपने उच्चाधिकारियों के आदेशों का पालन नहीं किया. बाद में जांच के बाद उन्हें इसका दोषी करार देते हुए बर्खास्त कर दिया गया.

वहीं याचिकाकर्ता का कहना था कि जिस दिन दंगे हुए वो चंडीगढ़ में हाईकोर्ट में चल रहे एक केस में पेश हुआ था. जिसके लिए उन्होंने उच्चाधिकारी से इजाजत भी ली थी. अगले दिन जब उन्हें स्थिति के बारे में बताया गया तो वो दिल्ली में थे और उसके अगले ही दिन सुबह ही थाने में पहुंच गए. जिसके बाद आरोपियों को तत्काल गिरफ्तार करते हुए स्थिति को नियंत्रण में ले लिया था.

लिहाजा हाईकोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद याचिकाकर्ता इंस्पेक्टर राजेश यादव को बर्खास्त किए जाने के आदेशों को रद्द कर उन्हें बहाल किए जाने के आदेश जारी कर दिए.

चंडीगढ़: हथीन में अक्तूबर 2014 में हुए दंगों में तत्कालीन एसएचओ इंस्पेक्टर राजेश यादव को बर्खास्त करने के आदेश जारी किए थे. अब उस आदेश को हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया है और इंस्पेक्टर राजेश यादव को बहाल कर दिया है.

बता दें कि साल 2014 में 5 -6 अक्तूबर की रात में हथीन में दो समुदायों के बीच आपसी विवाद के चलते दंगा हो गया था. याचिकाकर्ता पर आरोप था कि वह जिस रात दंगे हुए उस रात शहर में नहीं था और बढ़ते तनाव के चलते स्थिति बिगड़ गई और जब उच्च-अधिकारियों ने उन्हें तत्काल अपने एरिया में पहुंचने के आदेश दिए तो वह देरी से पहुंचे. इस तरह उन्होंने अपने उच्चाधिकारियों के आदेशों का पालन नहीं किया. बाद में जांच के बाद उन्हें इसका दोषी करार देते हुए बर्खास्त कर दिया गया.

वहीं याचिकाकर्ता का कहना था कि जिस दिन दंगे हुए वो चंडीगढ़ में हाईकोर्ट में चल रहे एक केस में पेश हुआ था. जिसके लिए उन्होंने उच्चाधिकारी से इजाजत भी ली थी. अगले दिन जब उन्हें स्थिति के बारे में बताया गया तो वो दिल्ली में थे और उसके अगले ही दिन सुबह ही थाने में पहुंच गए. जिसके बाद आरोपियों को तत्काल गिरफ्तार करते हुए स्थिति को नियंत्रण में ले लिया था.

लिहाजा हाईकोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद याचिकाकर्ता इंस्पेक्टर राजेश यादव को बर्खास्त किए जाने के आदेशों को रद्द कर उन्हें बहाल किए जाने के आदेश जारी कर दिए.

Intro:हाथिन में अक्तूबर 2014 में हुए दंगों में तत्कालीन एस.एच.ओ. इंस्पेक्टर राजेश यादव को दंगों के दौरान स्थति से सही तरीके से नहीं निपटे जाने पर उन्हें बर्खास्त किये जाने के जो आदेश जारी किये थे, उन आदेशों को हाईकोर्ट ने रद्द कर इंस्पेक्टर राजेश यादव को बहाल कर, इस दौरान ने उन्हें सभी लाभ भी जारी किये जाने के हरियाणा सरकार को आदेश दे दिए हैंBody:
हाथिन में अक्तूबर 2014 में हुए दंगों में तत्कालीन एस.एच.ओ. इंस्पेक्टर राजेश यादव को दंगों के दौरान स्थति से सही तरीके से नहीं निपटे जाने पर उन्हें बर्खास्त किये जाने के जो आदेश जारी किये थे, उन आदेशों को हाईकोर्ट ने रद्द कर इंस्पेक्टर राजेश यादव को बहाल कर, इस दौरान ने उन्हें सभी लाभ भी जारी किये जाने के हरियाणा सरकार को आदेश दे दिए हैं
जस्टिस ऋतू बाहरी ने यह आदेश राजेश यादव द्वारा अपनी बर्खास्तगी के आदेशों को चुनौती देते हुए दायर याचिका को स्वीकार करते हुए दिए हैं बता दें कि 5 -6 अक्तूबर की रात वर्ष 2014 में हाथिन में दो समुदायों के बीच आपसी विवाद के चलते दंगा हो गया था याचिकाकर्ता पर आरोप था कि वह जिस रात दंगे हुए वह शहर में नहीं था और बढ़ते तनाव के चलते स्थिति बिगड़ गई और जब उच्च-अधिकारीयों ने उन्हें तत्काल अपने एरिया महीन पहुंचने के आदेश दिए तो वह देरी से पहुंचे इस तरह उन्होंने अपने उच्चाधिकारियों के आदेशों का पालन नहीं किया बाद में जांच के बाद उन्हें इसका दोषी करार दे बर्खास्त कर दिया गया
वहीँ याचिकाकर्ता के कहना था कि जिस दिन दंगे हुए वह चंडीगढ़ में हाई कोर्ट में चल रहे एक केस में पेश हुए थे जिसके लिए उन्होंने उच्चाधिकारी से इजाजत भी ली थी अगले दिन उन्हें जब उन्हें स्थति के बारे में बताया गया तो वह दिल्ली में थे वह उसके अगले दिन सुबह ही थाने में पहुंचा गए थे और आरोपियों को तत्काल गिरफ्तार कर लिया था और स्थिति को नियंत्रण में ले लिया था जिसके बारे में उच्चाधिकारियों भी उनकी प्रशंसा की थी हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि जिस दिन दंगे हुए उस दिन याचिकाकर्ता आधिकारिक इजाजत लेकर हाई कोर्ट आया था ऐसे में उसे इसका दोषी नहीं माना जा सकता है अगले दिन जब उसे सूचित किया गया था तब स्थिति नियंत्रण में थी और कोई भी अप्रिय घटना नहीं हुई ऐसे में याचिकाकर्ता को पर इसका आरोप नहीं लगाया जा सकता है
लिहाजा हाई कोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद याचिकाकर्ता इंस्पेक्टर राजेश यादव को बर्खास्त किये जाने के आदेशों को रद्द कर उन्हें बहाल किये जाने के सरकार को आदेश दे दिए हैं
Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.